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6th JPSC का विरोधः पदयात्रा कर हजारीबाग पहुंचे छात्र, सरकार से की परीक्षा रद्द करने की मांग

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Published : Jun 15, 2020, 8:46 PM IST

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी छठी परीक्षा परिणाम को लेकर विवादों के बीच युवाओं ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से पदयात्रा शुरू किया है. पदयात्रा करते हुए यह हजारीबाग पहुंचे. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार छात्रों के हित में कदम नहीं उठा रही है.

students protest against 6th jpsc
पदयात्रा कर हजारीबाग पहुंचे छात्र

हजारीबागः झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी छठी परीक्षा परिणाम को लेकर विवादों के बीच युवाओं ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से पदयात्रा शुरू किया है. पदयात्रा करते हुए यह हजारीबाग पहुंचे. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार छात्रों के हित में कदम नहीं उठा रही है.

देखें पूरी खबर
छठी जेपीएससी को रद्द कर अधियाचना को वापस लेने और आयोग में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में छात्रों का उलगुलान पदयात्रा सोमवार को हजारीबाग पहुंचा. जहां छात्रों ने निलांबर-पितांबर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपना विरोध दर्ज किया है. पदयात्रा मंगलवार 9 जून को भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से शुरू हुआ. यह यात्रा 21 दिन का है. जहां छात्र 506 किलोमीटर पैदल यात्रा करेंगे 30 जून भोगनाडीह संथाल परगना में जाकर यह यात्रा समाप्त करेगें. यह पदयात्रा तीन चरण में होना है. जिसमें राज्य भर के छात्र जुट रहे हैं और हर एक जिले में छात्रों और स्थानीय ओं का इन्हें भरपूर सहयोग भी मिल रहा है.हजारीबाग पहुंचने पर उलगुलान पद यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों का स्वागत भी किया गया. इस दौरान हजारीबाग के छात्रों का भी उन्हें सहयोग मिला. उलगुलान यात्रा में शामिल छात्रों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले वो महात्मा गांधी के प्रतिमा के पास अपना विरोध दर्ज किया था, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुनी गई. जिसके बाद वो अब पदयात्रा कर लोगों को जागरुक कर रहे हैं और अपील कर रहे हैं कि छात्रों के हित को देखते हुए सरकार फैसला ले. छात्रों ने आरोप लगाया है कि जेपीएससी बहाली में भ्रष्टाचार हावी रहा है और आरक्षण के नियम को भी ताक पर रखकर परिणाम दिया गया.

ये भी पढ़ें- उच्च शिक्षा विभाग ने वीसी के जरिये विश्वविद्यालयों के साथ किया विचार विमर्श, दिए गए कई निर्देश

पैदल मार्च करने के दौरान कई छात्रों के पैर की स्थिति भी दयनीय हो गई है. छात्र इसके बावजूद पैदल चल रहे हैं. उलगुलान यात्रा की सदस्य रीना कुमारी कहती है कि अगर अभी भी हम लोग सोए रहेंगे तो इसका परिणाम और भी बुरा होगा जरूरत है छात्रों को जागरूक होने की. वहीं हजारीबाग के छात्र अमरदीप रावत का कहना है कि हजारीबाग का इतिहास काफी गौरवमय रहा है. आजादी की लड़ाई में भी यहां के लोगों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है और अब हम लोग इस लड़ाई को भी जीत कर दिखाएंगे. बोकारो के छात्र इमाम शफी का कहना है कि राज्य के गठन के कई साल हो गए, लेकिन मात्र छठी जेपीएससी हुआ और सभी विवादित. ऐसे में हम लोगों की एक ही मांग है स्वच्छ तरीके से परीक्षा लिया जाए और छठी जेपीसी रद्द की जाए.

मुख्य मांगे

  • छठी जेपीएससी रद्द कर अधियाचना वापस लिया जाए
  • आरक्षण नीति में सुधार किया जाए
  • नियोजन नीति में सुधार किया जाए

    बता दें कि जेपीएससी का विवाद चार साल पुराना है. पीटी परिणाम से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 21 अप्रैल 2020 को अंतिम परिणाम आने के बाद विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया है. इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. इसी क्रम में पद यात्रा की शुरुआत की गई है, जो 30 जून को संथाल परगना भोगनाडीह में समाप्त होगी.

हजारीबागः झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी छठी परीक्षा परिणाम को लेकर विवादों के बीच युवाओं ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से पदयात्रा शुरू किया है. पदयात्रा करते हुए यह हजारीबाग पहुंचे. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार छात्रों के हित में कदम नहीं उठा रही है.

देखें पूरी खबर
छठी जेपीएससी को रद्द कर अधियाचना को वापस लेने और आयोग में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में छात्रों का उलगुलान पदयात्रा सोमवार को हजारीबाग पहुंचा. जहां छात्रों ने निलांबर-पितांबर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपना विरोध दर्ज किया है. पदयात्रा मंगलवार 9 जून को भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से शुरू हुआ. यह यात्रा 21 दिन का है. जहां छात्र 506 किलोमीटर पैदल यात्रा करेंगे 30 जून भोगनाडीह संथाल परगना में जाकर यह यात्रा समाप्त करेगें. यह पदयात्रा तीन चरण में होना है. जिसमें राज्य भर के छात्र जुट रहे हैं और हर एक जिले में छात्रों और स्थानीय ओं का इन्हें भरपूर सहयोग भी मिल रहा है.हजारीबाग पहुंचने पर उलगुलान पद यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों का स्वागत भी किया गया. इस दौरान हजारीबाग के छात्रों का भी उन्हें सहयोग मिला. उलगुलान यात्रा में शामिल छात्रों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले वो महात्मा गांधी के प्रतिमा के पास अपना विरोध दर्ज किया था, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुनी गई. जिसके बाद वो अब पदयात्रा कर लोगों को जागरुक कर रहे हैं और अपील कर रहे हैं कि छात्रों के हित को देखते हुए सरकार फैसला ले. छात्रों ने आरोप लगाया है कि जेपीएससी बहाली में भ्रष्टाचार हावी रहा है और आरक्षण के नियम को भी ताक पर रखकर परिणाम दिया गया.

ये भी पढ़ें- उच्च शिक्षा विभाग ने वीसी के जरिये विश्वविद्यालयों के साथ किया विचार विमर्श, दिए गए कई निर्देश

पैदल मार्च करने के दौरान कई छात्रों के पैर की स्थिति भी दयनीय हो गई है. छात्र इसके बावजूद पैदल चल रहे हैं. उलगुलान यात्रा की सदस्य रीना कुमारी कहती है कि अगर अभी भी हम लोग सोए रहेंगे तो इसका परिणाम और भी बुरा होगा जरूरत है छात्रों को जागरूक होने की. वहीं हजारीबाग के छात्र अमरदीप रावत का कहना है कि हजारीबाग का इतिहास काफी गौरवमय रहा है. आजादी की लड़ाई में भी यहां के लोगों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है और अब हम लोग इस लड़ाई को भी जीत कर दिखाएंगे. बोकारो के छात्र इमाम शफी का कहना है कि राज्य के गठन के कई साल हो गए, लेकिन मात्र छठी जेपीएससी हुआ और सभी विवादित. ऐसे में हम लोगों की एक ही मांग है स्वच्छ तरीके से परीक्षा लिया जाए और छठी जेपीसी रद्द की जाए.

मुख्य मांगे

  • छठी जेपीएससी रद्द कर अधियाचना वापस लिया जाए
  • आरक्षण नीति में सुधार किया जाए
  • नियोजन नीति में सुधार किया जाए

    बता दें कि जेपीएससी का विवाद चार साल पुराना है. पीटी परिणाम से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 21 अप्रैल 2020 को अंतिम परिणाम आने के बाद विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया है. इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. इसी क्रम में पद यात्रा की शुरुआत की गई है, जो 30 जून को संथाल परगना भोगनाडीह में समाप्त होगी.
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