हजारीबागः झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी छठी परीक्षा परिणाम को लेकर विवादों के बीच युवाओं ने बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू से पदयात्रा शुरू किया है. पदयात्रा करते हुए यह हजारीबाग पहुंचे. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि सरकार छात्रों के हित में कदम नहीं उठा रही है.
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पैदल मार्च करने के दौरान कई छात्रों के पैर की स्थिति भी दयनीय हो गई है. छात्र इसके बावजूद पैदल चल रहे हैं. उलगुलान यात्रा की सदस्य रीना कुमारी कहती है कि अगर अभी भी हम लोग सोए रहेंगे तो इसका परिणाम और भी बुरा होगा जरूरत है छात्रों को जागरूक होने की. वहीं हजारीबाग के छात्र अमरदीप रावत का कहना है कि हजारीबाग का इतिहास काफी गौरवमय रहा है. आजादी की लड़ाई में भी यहां के लोगों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है और अब हम लोग इस लड़ाई को भी जीत कर दिखाएंगे. बोकारो के छात्र इमाम शफी का कहना है कि राज्य के गठन के कई साल हो गए, लेकिन मात्र छठी जेपीएससी हुआ और सभी विवादित. ऐसे में हम लोगों की एक ही मांग है स्वच्छ तरीके से परीक्षा लिया जाए और छठी जेपीसी रद्द की जाए.
मुख्य मांगे
- छठी जेपीएससी रद्द कर अधियाचना वापस लिया जाए
- आरक्षण नीति में सुधार किया जाए
- नियोजन नीति में सुधार किया जाए
बता दें कि जेपीएससी का विवाद चार साल पुराना है. पीटी परिणाम से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 21 अप्रैल 2020 को अंतिम परिणाम आने के बाद विवाद और भी ज्यादा बढ़ गया है. इसे लेकर छात्रों में आक्रोश व्याप्त है. इसी क्रम में पद यात्रा की शुरुआत की गई है, जो 30 जून को संथाल परगना भोगनाडीह में समाप्त होगी.