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सबसे लंबे और सबसे कम समय तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे नेता कौन हैं, जानें - Jammu Kashmir Election 2024

Jammu Kashmir Election 2024 : जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश अपने पहले मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहा है. पढ़िए, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल पर श्रीनगर से मुहम्मद जुलकरनैन जुल्फी की रिपोर्ट.

Who Were J&K's Longest and Shortest Serving Chief Ministers
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 24, 2024, 8:43 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला चुनाव है, इसलिए इस चुनाव पर लोगों की कड़ी नजर है. 1965 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में गुलाम मोहम्मद सादिक से लेकर महबूबा मुफ्ती तक नौ राजनेता मुख्यमंत्री रह चुके हैं. केंद्र शासित प्रदेश अब अपने पहले मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहा है. इस स्टोरी में जम्मू-कश्मीर के सबसे लंबे समय तक और सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे नेताओं पर नजर डाली गई है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नाम सबसे लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. वह तीन कार्यकाल में कुल 11 साल और 17 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल 8 सितंबर, 1982 से 2 जुलाई, 1984 तक एक साल और 298 दिनों तक चला. दूसरा कार्यकाल 7 नवंबर 1986 से 19 जनवरी 1990 तक तीन साल और 73 दिनों तक चला. इसके बाद 9 अक्टूबर 1996 से 18 अक्टूबर 2002 तक वह छह साल तक मुख्यमंत्री रहे.

शेख मोहम्मद अब्दुल्ला कुल मिलाकर सात साल और 90 दिनों तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल दो साल और 29 दिनों का था, जो 25 फरवरी 1975 से 26 मार्च 1977 तक चला, जबकि दूसरा कार्यकाल पांच साल और 61 दिनों का था, जो 9 जुलाई 1977 से 8 सितंबर 1982 तक चला.

गुलाम मोहम्मद सादिक तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं, जिनका कार्यकाल कुल छह साल और 257 दिनों का था. वह 30 मार्च 1965 से 12 दिसंबर 1971 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. दिलचस्प बात यह है कि सादिक कांग्रेस की तरफ से जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री थे.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तीन साल और 312 दिनों तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उनका पहला कार्यकाल 2 नवंबर, 2002 से 2 नवंबर, 2005 तक था, और दूसरा कार्यकाल 1 मार्च, 2015 से 7 जनवरी, 2016 तक था यानी दूसरी बार वह 312 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे.

उमर अब्दुल्ला कुल छह साल और तीन दिनों तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका कार्यकाल 5 जनवरी, 2009 से 8 जनवरी, 2015 तक था.

गुलाम मोहम्मद शाह एक वर्ष और 247 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे...
वहीं, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम मोहम्मद शाह को सबसे कम समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है, जिनका कार्यकाल 2 जुलाई, 1984 से 6 मार्च, 1986 तक था यानी एक वर्ष और 247 दिनों तक वह मुख्यमंत्री रहे.

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की अंतिम मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 4 अप्रैल, 2016 से 20 जून, 2018 तक यानी दो साल और 77 दिनों तक मुख्यमंत्री रहीं.

राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन
1965 से जम्मू-कश्मीर में कई बार राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन भी लगाए गए. जम्मू-कश्मीर में 1977 में 26 मार्च से 9 जुलाई तक और 1986 में 6 मार्च से 5 सितंबर तक दो बार राज्यपाल शासन रहा.

राज्य में 19 जुलाई, 1990 से 9 अक्टूबर, 1996 तक छह वर्षों तक राष्ट्रपति शासन रहा. वहीं, 30 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन के अधीन है, राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां कोई निर्वाचित मुख्यमंत्री नहीं है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर चुनाव: दूसरे चरण में 26 सीटों पर 239 उम्मीदवार, किस सीट पर किसके बीच मुकाबला, जानें

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में 10 साल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला चुनाव है, इसलिए इस चुनाव पर लोगों की कड़ी नजर है. 1965 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में गुलाम मोहम्मद सादिक से लेकर महबूबा मुफ्ती तक नौ राजनेता मुख्यमंत्री रह चुके हैं. केंद्र शासित प्रदेश अब अपने पहले मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहा है. इस स्टोरी में जम्मू-कश्मीर के सबसे लंबे समय तक और सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे नेताओं पर नजर डाली गई है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नाम सबसे लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है. वह तीन कार्यकाल में कुल 11 साल और 17 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल 8 सितंबर, 1982 से 2 जुलाई, 1984 तक एक साल और 298 दिनों तक चला. दूसरा कार्यकाल 7 नवंबर 1986 से 19 जनवरी 1990 तक तीन साल और 73 दिनों तक चला. इसके बाद 9 अक्टूबर 1996 से 18 अक्टूबर 2002 तक वह छह साल तक मुख्यमंत्री रहे.

शेख मोहम्मद अब्दुल्ला कुल मिलाकर सात साल और 90 दिनों तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. उनका पहला कार्यकाल दो साल और 29 दिनों का था, जो 25 फरवरी 1975 से 26 मार्च 1977 तक चला, जबकि दूसरा कार्यकाल पांच साल और 61 दिनों का था, जो 9 जुलाई 1977 से 8 सितंबर 1982 तक चला.

गुलाम मोहम्मद सादिक तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री हैं, जिनका कार्यकाल कुल छह साल और 257 दिनों का था. वह 30 मार्च 1965 से 12 दिसंबर 1971 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. दिलचस्प बात यह है कि सादिक कांग्रेस की तरफ से जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री थे.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तीन साल और 312 दिनों तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उनका पहला कार्यकाल 2 नवंबर, 2002 से 2 नवंबर, 2005 तक था, और दूसरा कार्यकाल 1 मार्च, 2015 से 7 जनवरी, 2016 तक था यानी दूसरी बार वह 312 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे.

उमर अब्दुल्ला कुल छह साल और तीन दिनों तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका कार्यकाल 5 जनवरी, 2009 से 8 जनवरी, 2015 तक था.

गुलाम मोहम्मद शाह एक वर्ष और 247 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे...
वहीं, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम मोहम्मद शाह को सबसे कम समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाता है, जिनका कार्यकाल 2 जुलाई, 1984 से 6 मार्च, 1986 तक था यानी एक वर्ष और 247 दिनों तक वह मुख्यमंत्री रहे.

पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की अंतिम मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती 4 अप्रैल, 2016 से 20 जून, 2018 तक यानी दो साल और 77 दिनों तक मुख्यमंत्री रहीं.

राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन
1965 से जम्मू-कश्मीर में कई बार राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन भी लगाए गए. जम्मू-कश्मीर में 1977 में 26 मार्च से 9 जुलाई तक और 1986 में 6 मार्च से 5 सितंबर तक दो बार राज्यपाल शासन रहा.

राज्य में 19 जुलाई, 1990 से 9 अक्टूबर, 1996 तक छह वर्षों तक राष्ट्रपति शासन रहा. वहीं, 30 अक्टूबर, 2019 से जम्मू-कश्मीर राष्ट्रपति शासन के अधीन है, राज्य के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यहां कोई निर्वाचित मुख्यमंत्री नहीं है.

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