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विद्युत शवदाह गृह को ठीक करने को लेकर प्रशासन कर रहा तैयारी, मशीन ठीक कराने के लिए लगाए गए इंजीनियर

हजारीबाग में विद्युत शवदाह गृह के ठीक नहीं होने पर प्रशासन पर सवाल किए जा रहे हैं. कोरोना काल में संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था लेकिन मशीन के खराब होने से यह उपयोग में नहीं लाया जा सका. फिलहाल प्रशासन इसे ठीक कराने की जुगत में लगा है.

Preparations for repairing electric crematorium
विद्युत शवदाह गृह
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Published : Aug 2, 2020, 9:39 AM IST

हजारीबाग: जिले में लाखों रुपए की लागत से बना विद्युत शवदाह गृह शोभा की वस्तु बनकर रह गई है, लेकिन अब जिला प्रशासन की नींद खुली है और वह अब इस शवदाह गृह को ठीक करने का प्रयास कर रही है. दरअसल, विगत दिनों संक्रमित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है. ऐसे में भविष्य में परेशानी ना हो इसे देखते हुए आने वाले एक सप्ताह के अंदर इसे ठीक करने के लिए प्रयास किया जाएगा और नयी मशीन भी लगा दी जाएगी.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-पलामू: BJP विधायक के खिलाफ बीडीओ ने धमकी और गाली गलौज का लगाया आरोप, डीसी और थाना को दिया आवेदन

बंद शवदाह गृह पर ईटीवी भारत ने उठाया था सवाल

हजारीबाग में जब कोरोना संक्रमण से किसी व्यक्ति की जान भी नहीं गई थी. उस वक्त ईटीवी भारत ने यह सवाल उठाया था कि अगर संक्रमित व्यक्ति की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार कैसे होगा. उस वक्त विद्युत शवदाह गृह बेहतर विकल्प माना गया था. लेकिन विद्युत शवदाह गृह काम नहीं करने के कारण वहां अंतिम संस्कार करना संभव नहीं था. ऐसे में जब हजारीबाग में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होनी शुरू हुई तो कोनार पुल के पास अंतिम संस्कार किया गया. इसे लेकर जिला प्रशासन को जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा.

विद्युत शवदाह गृह को जल्द ठीक करने की तैयारी

वहीं, अब जिला प्रशासन की नींद खुली है और वे संक्रमितों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह को जल्द ठीक करने की तैयारी में जुट गया है. जिला प्रशासन ने नगर आयुक्त और नगर परिषद को इस बाबत निर्देशित भी किया है. हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने जानकारी दी कि इस बाबत इंजीनियर भी मशीन देखने के लिए गए थे. अगर विद्युत शवदाह गृह बन जाता है तो ठीक है अन्यथा उपायुक्त से नयी मशीन लगाने के लिए भी लिखित आवेदन दिया जाएगा.

वहीं, हजारीबाग एसडीओ मेघा भारद्वाज ने कहा है कि विगत दिनों संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हजारीबाग में विरोध दर्ज किया गया. ऐसे में हम लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा. उन्होंने आम जनता से अपील भी किया है कि जो आईसीएमआर का नियम है उसके तहत ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है. मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार करने के बाद किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं बचता है. ऐसे में हर व्यक्ति को यह समझने की जरूरत है.

जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट कर दिया है कि संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से डेड बॉडी मैनेजमेंट के कुछ आवश्यक निर्देश दिए हैं जिसमें जिले के विद्युत शवदाह गृह को शीघ्र क्रियाशील करने को कहा गया है ताकि शवदाह समय पर किया जा सके. जब तक हजारीबाग में विद्युत शवदाह गृह तैयार नहीं होता है तब तक कोनार नदी के तट पर ही अंतिम संस्कार कराने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी सदर को दिया गया है.

हजारीबाग: जिले में लाखों रुपए की लागत से बना विद्युत शवदाह गृह शोभा की वस्तु बनकर रह गई है, लेकिन अब जिला प्रशासन की नींद खुली है और वह अब इस शवदाह गृह को ठीक करने का प्रयास कर रही है. दरअसल, विगत दिनों संक्रमित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है. ऐसे में भविष्य में परेशानी ना हो इसे देखते हुए आने वाले एक सप्ताह के अंदर इसे ठीक करने के लिए प्रयास किया जाएगा और नयी मशीन भी लगा दी जाएगी.

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बंद शवदाह गृह पर ईटीवी भारत ने उठाया था सवाल

हजारीबाग में जब कोरोना संक्रमण से किसी व्यक्ति की जान भी नहीं गई थी. उस वक्त ईटीवी भारत ने यह सवाल उठाया था कि अगर संक्रमित व्यक्ति की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार कैसे होगा. उस वक्त विद्युत शवदाह गृह बेहतर विकल्प माना गया था. लेकिन विद्युत शवदाह गृह काम नहीं करने के कारण वहां अंतिम संस्कार करना संभव नहीं था. ऐसे में जब हजारीबाग में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होनी शुरू हुई तो कोनार पुल के पास अंतिम संस्कार किया गया. इसे लेकर जिला प्रशासन को जनप्रतिनिधियों से लेकर ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा.

विद्युत शवदाह गृह को जल्द ठीक करने की तैयारी

वहीं, अब जिला प्रशासन की नींद खुली है और वे संक्रमितों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए विद्युत शवदाह गृह को जल्द ठीक करने की तैयारी में जुट गया है. जिला प्रशासन ने नगर आयुक्त और नगर परिषद को इस बाबत निर्देशित भी किया है. हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने जानकारी दी कि इस बाबत इंजीनियर भी मशीन देखने के लिए गए थे. अगर विद्युत शवदाह गृह बन जाता है तो ठीक है अन्यथा उपायुक्त से नयी मशीन लगाने के लिए भी लिखित आवेदन दिया जाएगा.

वहीं, हजारीबाग एसडीओ मेघा भारद्वाज ने कहा है कि विगत दिनों संक्रमित व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर हजारीबाग में विरोध दर्ज किया गया. ऐसे में हम लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा. उन्होंने आम जनता से अपील भी किया है कि जो आईसीएमआर का नियम है उसके तहत ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है. मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार करने के बाद किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं बचता है. ऐसे में हर व्यक्ति को यह समझने की जरूरत है.

जिला प्रशासन ने भी स्पष्ट कर दिया है कि संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से डेड बॉडी मैनेजमेंट के कुछ आवश्यक निर्देश दिए हैं जिसमें जिले के विद्युत शवदाह गृह को शीघ्र क्रियाशील करने को कहा गया है ताकि शवदाह समय पर किया जा सके. जब तक हजारीबाग में विद्युत शवदाह गृह तैयार नहीं होता है तब तक कोनार नदी के तट पर ही अंतिम संस्कार कराने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी सदर को दिया गया है.

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