ETV Bharat / city

लाठीचार्ज के बाद भी धरने पर बैठे हैं ग्रामीण, कहा- मांगें पूरी नहीं होने तक कोयले का परिचालन रहेगा ठप - हजारीबाग समाचार

हजारीबाग में धरना पर बैठे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पथराव किया. जिसमें कई ग्रामीण और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ग्रामीण एनटीपीसी से 30 सूत्री मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

ETV Bharat
ग्रामीणों पर लाठीचार्ज
author img

By

Published : Oct 10, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 12:36 PM IST

हजारीबाग: जिले में पिछले 5 दिनों से ग्रामीण, रैयत और प्रशासन आमने-सामने थे. ग्रामीणों ने एनटीपीसी से 30 सूत्री मांग की है. जिसमें स्थानीय को नौकरी, प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाना और उचित मुआवजा मुख्य है. ऐसे में ग्रामीण लगातार आंदोलन कर रहे हैं. जिसके कारण कोयले का उठाव 5 दिनों से बंद था. रविवार को प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया.

इसे भी पढे़ं: हजारीबाग में ग्रामीणों ने पुलिस पर किया पथराव, लाठीचार्ज

पुलिस ने धरना पर बैठे लोगों पर आंसू गैस के गोले भी दागे. इतना ही नहीं रबर बुलेट का भी उपयोग किया गया. इस घटना में दो दर्जन से अधिक ग्रामीण और एक दर्जन से अधिक पुलिस वाले घायल हैं. ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पथराव किया है. जिससे तीन डीएसपी, 4 थाना प्रभारी समेत कई जवान घायल हैं.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग में एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन कोई नया नहीं है. बड़कागांव हो या बानादाग यहां पिछले कई सालों से रैयत कंपनी और किसान आमने-सामने हुए हैं. एक बार फिर बानादाग कोल साइडिंग खून से लहूलुहान हो गया. ग्रामीण पिछले 5 दिनों से अपने 30 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. धरने के कारण कोयला परिचालन ठप था. सैकड़ों कोयला लदे हाइवा सड़क पर थे. ग्रामीणों की मांग है कि एनटीपीसी समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता करे. अन्यथा कोयला परिचालन ठप रखा जाएगा. पिछले 5 दिनों से जिला प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों से वार्ता की जा रही थी. लेकिन वार्ता विफल रही. ऐसे में रविवार को पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया है. इस लाठीचार्ज में 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल हैं. वहीं पुलिस पर भी ग्रामीणों ने पथराव किया है, जिससे 1 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिसमें चार थाना के प्रभारी, 3 डीएसपी और कई जवान शामिल हैं.

इसे भी पढे़ं: कोल साइडिंग का विरोध कर रहे ग्रामीणों को सता रहा था डर, CCTV की निगरानी में देने लगे धरना

अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों को दिया एनटीपीसी से वार्ता का आश्वासन

पुलिस ने पहले भीड़ तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की. उसके बाद आंसू गैस के गोले भी दागे. लेकिन ग्रामीण अपनी मांग को लेकर डटे हुए थे. इसके बाद पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज करने के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन पर पथराव किया. इस दौरान पुलिस ने महिलाओं को भी बर्बरता से पीटा. मौके पर पहुंची बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों को एनटीपीसी से वार्ता का आश्वासन दिया. लेकिन ग्रामीणों ने कई ऐसी मांग रखी जो पूरा नहीं किया जा सकता था. इस कारण अंबा प्रसाद लौट गईं. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही एनटीपीसी, जिला प्रशासन के साथ ग्रामीणों की वार्ता होगी. इसके लिए पहल की जा रही है.

ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया आरोप

वहीं ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस ने बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की है. महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. घर में भी घुसकर लोगों के साथ मारपीट की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग अपनी जायज मांग को लेकर धरने पर थे. लेकिन एक बार भी कंपनी के लोगों ने आकर बातचीत नहीं की. रविवार को पुलिस ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबड़ की गोली चलाया है. जिससे कई ग्रामीण घायल हुए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमलोगों की मांग जायज है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी कोयले का परिचालन नहीं होगा.

हजारीबाग: जिले में पिछले 5 दिनों से ग्रामीण, रैयत और प्रशासन आमने-सामने थे. ग्रामीणों ने एनटीपीसी से 30 सूत्री मांग की है. जिसमें स्थानीय को नौकरी, प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाना और उचित मुआवजा मुख्य है. ऐसे में ग्रामीण लगातार आंदोलन कर रहे हैं. जिसके कारण कोयले का उठाव 5 दिनों से बंद था. रविवार को प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया.

इसे भी पढे़ं: हजारीबाग में ग्रामीणों ने पुलिस पर किया पथराव, लाठीचार्ज

पुलिस ने धरना पर बैठे लोगों पर आंसू गैस के गोले भी दागे. इतना ही नहीं रबर बुलेट का भी उपयोग किया गया. इस घटना में दो दर्जन से अधिक ग्रामीण और एक दर्जन से अधिक पुलिस वाले घायल हैं. ग्रामीणों ने भी पुलिस पर पथराव किया है. जिससे तीन डीएसपी, 4 थाना प्रभारी समेत कई जवान घायल हैं.

देखें पूरी खबर

हजारीबाग में एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन कोई नया नहीं है. बड़कागांव हो या बानादाग यहां पिछले कई सालों से रैयत कंपनी और किसान आमने-सामने हुए हैं. एक बार फिर बानादाग कोल साइडिंग खून से लहूलुहान हो गया. ग्रामीण पिछले 5 दिनों से अपने 30 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. धरने के कारण कोयला परिचालन ठप था. सैकड़ों कोयला लदे हाइवा सड़क पर थे. ग्रामीणों की मांग है कि एनटीपीसी समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता करे. अन्यथा कोयला परिचालन ठप रखा जाएगा. पिछले 5 दिनों से जिला प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों से वार्ता की जा रही थी. लेकिन वार्ता विफल रही. ऐसे में रविवार को पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया है. इस लाठीचार्ज में 2 दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल हैं. वहीं पुलिस पर भी ग्रामीणों ने पथराव किया है, जिससे 1 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिसमें चार थाना के प्रभारी, 3 डीएसपी और कई जवान शामिल हैं.

इसे भी पढे़ं: कोल साइडिंग का विरोध कर रहे ग्रामीणों को सता रहा था डर, CCTV की निगरानी में देने लगे धरना

अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों को दिया एनटीपीसी से वार्ता का आश्वासन

पुलिस ने पहले भीड़ तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की. उसके बाद आंसू गैस के गोले भी दागे. लेकिन ग्रामीण अपनी मांग को लेकर डटे हुए थे. इसके बाद पुलिस ने लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज करने के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन पर पथराव किया. इस दौरान पुलिस ने महिलाओं को भी बर्बरता से पीटा. मौके पर पहुंची बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने ग्रामीणों को एनटीपीसी से वार्ता का आश्वासन दिया. लेकिन ग्रामीणों ने कई ऐसी मांग रखी जो पूरा नहीं किया जा सकता था. इस कारण अंबा प्रसाद लौट गईं. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही एनटीपीसी, जिला प्रशासन के साथ ग्रामीणों की वार्ता होगी. इसके लिए पहल की जा रही है.

ग्रामीणों ने पुलिस पर लगाया आरोप

वहीं ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस ने बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की है. महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. घर में भी घुसकर लोगों के साथ मारपीट की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग अपनी जायज मांग को लेकर धरने पर थे. लेकिन एक बार भी कंपनी के लोगों ने आकर बातचीत नहीं की. रविवार को पुलिस ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबड़ की गोली चलाया है. जिससे कई ग्रामीण घायल हुए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमलोगों की मांग जायज है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी कोयले का परिचालन नहीं होगा.

Last Updated : Oct 11, 2021, 12:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.