हजारीबाग: वृद्धा आश्रम (Old Age Home)में अपने ही संतानों द्वारा सताए गए वृद्धों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होता है. सुबह बिस्तर में दूध के नाश्ते से लेकर दोपहर हरी सब्जियां चावल दाल रात में सब्जी रोटी यहां खाने को दिया जाता है. लेकिन हजारीबाग ओल्ड एज होम (Hazaribag old age home) इन दिनों आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. सरकार से अनुदान नहीं मिलने के कारण सिर्फ द्वारा दान दक्षिणा से ही यहां रह रहे वृद्धों का भरण पोषण किया जा रहा है.
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दान से चलता है आश्रम
हजारीबाग की धरती है जहां दिलवालों की कमी नहीं है. यही कारण है कि इस वृद्धा आश्रम में कभी खाने की समस्या नहीं हुई. कोई अपने जन्मदिन पर, तो कोई शादी की सालगिरह पर, तो कोई अपने सगे संबंधी के पुण्यतिथि पर आश्रम को अनाज उपलब्ध कराता है. कई युवा इन लोगों के साथ अपना जन्मदिन भी मनाते हैं. इस कारण इनके चेहरे पर खाने को लेकर कभी परेशानी नहीं दिखी. हालांकि, यहां की केयरटेकर बताती हैं कि पिछले कई महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है. इस कारण उन्हें अपना परिवार चलाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में भी वे लोग वृद्धा आश्रम में बेझिझक पूरी निष्ठा से सेवा देते थे लेकिन इसके बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिला.
सीएम को लिखा पत्र
हजारीबाग ओल्ड एज होम रेड क्रॉस सोसाइटी (Red Cross Society) के अंतर्गत चलता है. ऐसे में सोसाइटी ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) को भी कुछ कर्मियों के बकाया वेतन के भुगतान को लेकर पत्राचार किया था. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी इन लोगों को वेतन नहीं मिल पाया है. पत्र में मुख्यमंत्री को बताया गया था कि रेड क्रॉस सोसाइटी के अंतर्गत संचालित ओल्ड एज होम के संचालन के लिए राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण वृद्धों के लिए भोजन और अन्य सुविधा जारी रखना बड़ी समस्या बन गई है. इसके अलावा वैसे लोग जो वृद्ध लोगों की सेवा में लगे हुए हैं उन्हें भी वेतन नहीं मिल पा रहा है.
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सरकार से उम्मीद
रेड क्रॉस सोसाइटी के हजारीबाग अध्यक्ष तनवीर सिंह ने कहा कि पहले कुछ कागजात उन लोगों के पास नहीं था उसे उन्होंने पूरा कर लिया है और जिला प्रशासन को भी जानकारी दी गई है. तनवीर सिंह ने बताया कि कुछ लोगों से मदद लेकर कर्मियों को 2 महीना का वेतन दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द राशि आवंटन करेगी जिससे वे सभी को वेतन दे पाएंगे. ओल्ड एज होम के कर्मियों को वेतन नहीं मिलने के कारण इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में ये सरकार की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं. इन्हें उम्मीद है कि सरकार इनकी सुनेगी और पैसे आवंटित करेगी जिसके बाद ये अपनों के सताये लोगों की मदद जारी रख सकेंगे.