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गुलाल-ए-हजारीबागः बाजार में ऑर्गेनिक अबीर की बहार, 3 दिनों में 40 किलो से अधिक की हुई बिक्री - Vanopaj kisan Producer company

होली को और भी अधिक सुंदर मनमोहक बनाने के लिए हजारीबाग के दारू प्रखंड की आजीविका मिशन संस्था से जुड़ी महिलाएं ऑर्गेनिक सामग्री से गुलाल बना रही हैं. ये गुलाल बाजारों में भी खूब बिक रहे हैं और उन्हें ऑर्डर भी मिल रहा है. ऐसे में वे काफी खुश हैं.

making of organic gulal
ऑर्गेनिक गुलाल
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Published : Mar 27, 2021, 7:40 PM IST

हजारीबागः दारू प्रखंड में आजीविका मिशन संस्था से जुड़ी महिलाएं 'वनोपज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड' में कई तरह के सामग्री का निर्माण खुद करती हैं. इस बार होली में वे गुलाल बना रहीं हैं. महिलाएं एक नहीं बल्कि 5 रंगों का गुलाल बना रही हैं. इसे बनाने के लिए वह हर्बल सामान का उपयोग कर रही हैं. महिलाएं कहती हैं कि यह सारा सामान ऑर्गेनिक है. खाद्य सामग्री से वो गुलाल बना रही हैं, जिसमें आरारोट पाउडर, गुलाब जल, खुशबू के लिए चमेली का तेल, रंग के लिए मिठाई बनाने वाले कलर का उपयोग किया जा रहा है ताकि यह नुकसानदेह ना हो.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-बदरंग है रंगकर्मियों की जिंदगी, सरकार भी उदासीन! गुमनाम जीवन जीने को विवश हैं कलाकार

रंग बनाते वक्त बरती जाती है सावधानी

महिलाएं कहती हैं कि वे काफी खुश हैं. उनके बनाए हुए गुलाल हजारीबाग में खूब बिक रहे हैं और लोग पसंद भी कर रहे हैं. वे बताती हैं कि गुलाल बनाने समय वो ध्यान रख रही हैं कि कोई भी ऐसा सामान उपयोग ना करें जो चेहरे पर नुकसानदायक हो.

महिलाएं यह उत्पाद पलाश ब्रांड के नाम से बाजार में बेच रहीं हैं. अब तक 3 दिनों में 40 किलो से अधिक गुलाल बिक चुका है. उन्हें ऑर्डर भी खूब मिल रहा है. यह गुलाल उनके जीवन में भी रंग भर रहा है. ये महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश कर रही हैं. पलाश ब्रांड के जरिए महिलाएं कई उत्पाद बनाती हैं, लेकिन पहली बार गुलाल बनाया है और खासियत यह है कि हाथों-हाथ यह उत्पाद बिक रहा है.

ये भी पढ़ें-कोरोना वायरस ने डाला रंग में भंग! बाजारों से गायब हुई रौनक

पहले ये महिलाएं घर में रहती थीं और आर्थिक रूप से काफी कमजोर थीं लेकिन उन्हें कमाने का जरिया मिला और अब अपने हाथ से बने उत्पाद वो बेच रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत भी हो रहीं हैं. कहा भी गया है कि 'खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है'... यह पंक्ति इन महिलाओं पर खूब जम रही है.

हजारीबागः दारू प्रखंड में आजीविका मिशन संस्था से जुड़ी महिलाएं 'वनोपज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड' में कई तरह के सामग्री का निर्माण खुद करती हैं. इस बार होली में वे गुलाल बना रहीं हैं. महिलाएं एक नहीं बल्कि 5 रंगों का गुलाल बना रही हैं. इसे बनाने के लिए वह हर्बल सामान का उपयोग कर रही हैं. महिलाएं कहती हैं कि यह सारा सामान ऑर्गेनिक है. खाद्य सामग्री से वो गुलाल बना रही हैं, जिसमें आरारोट पाउडर, गुलाब जल, खुशबू के लिए चमेली का तेल, रंग के लिए मिठाई बनाने वाले कलर का उपयोग किया जा रहा है ताकि यह नुकसानदेह ना हो.

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महिलाएं कहती हैं कि वे काफी खुश हैं. उनके बनाए हुए गुलाल हजारीबाग में खूब बिक रहे हैं और लोग पसंद भी कर रहे हैं. वे बताती हैं कि गुलाल बनाने समय वो ध्यान रख रही हैं कि कोई भी ऐसा सामान उपयोग ना करें जो चेहरे पर नुकसानदायक हो.

महिलाएं यह उत्पाद पलाश ब्रांड के नाम से बाजार में बेच रहीं हैं. अब तक 3 दिनों में 40 किलो से अधिक गुलाल बिक चुका है. उन्हें ऑर्डर भी खूब मिल रहा है. यह गुलाल उनके जीवन में भी रंग भर रहा है. ये महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होने की कोशिश कर रही हैं. पलाश ब्रांड के जरिए महिलाएं कई उत्पाद बनाती हैं, लेकिन पहली बार गुलाल बनाया है और खासियत यह है कि हाथों-हाथ यह उत्पाद बिक रहा है.

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पहले ये महिलाएं घर में रहती थीं और आर्थिक रूप से काफी कमजोर थीं लेकिन उन्हें कमाने का जरिया मिला और अब अपने हाथ से बने उत्पाद वो बेच रही हैं और आर्थिक रूप से मजबूत भी हो रहीं हैं. कहा भी गया है कि 'खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है'... यह पंक्ति इन महिलाओं पर खूब जम रही है.

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