हजारीबागः जिला के पदमा की रहने वाली रेशमी देवी को मरने के बाद भी सम्मान नसीब नहीं हुआ. रेशमी देवी हजारीबाग जिला के पदमा के सूरजपुरा गांव की रहने वाली थी. जिसका शव सोमवार को संदिग्ध अवस्था में मिला. पति पर ही हत्या का आरोप लगा है, पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है.
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मृतका के पति का नाम दीपक राम है. मरने के बाद पुलिस पंचनामा करने के लिए घर तो पहुंची. लेकिन पोस्टमार्टम करने के लिए शव हजारीबाग पुलिस कस्टडी में ना भेजकर परिवार वालों के साथ ही भेज दिया. उसे एक एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ. ऐसे में किसी तरह ऑटो में शव बांधकर पोस्टमार्टम करने के लिए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया. फिर यहां से उसी तरह ऑटो से शव घर ले जाया गया.
शव गिरे नहीं इसलिए सफेद कपड़े से ही शव को लोहे से बांधा गया. रास्ता खराब है, ऐसे में गड्ढे में शव ना गिर जाए. ऑटो में शव रखे या परिजन खुद बैठे यह भी परेशानी थी. इसलिए शव गोद में लेकर परिजन ऑटो में जाने को विवश हुए.
पुलिस ने नहीं कराया एंबुलेंस का बंदोबस्त
परिजन बताते हैं कि पुलिस से जब कहा गया कि एक एंबुलेंस का इंतजाम करा दीजिए तो उसने कह दिया कि कोरोना का काल है. हम ना तो सरकारी गाड़ी दे सकते हैं और ना ही एंबुलेंस का इंतजाम कर सकते हैं. ऐसे में शव पोस्टमार्टम के लिए खुद से ले जाओ. गरीबी के कारण एंबुलेंस भाड़े में नहीं ले सका तो आसपास के लोग और परिजनों की मदद से ऑटो में ही शव लेकर आया और पोस्टमार्टम कराया.