हजारीबाग: जिले की पहचान रामनवमी पर्व से है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस को लेकर रामनवमी जुलूस का आयोजन नहीं हो रहा है. कहा जाए तो 110 साल का इतिहास इस बार टूटने जा रहा है. ऐसे में राम भक्तों में उदासी भी है, लेकिन अपनी इस परंपरा को कायम रखने की कोशिश भी की जा रही है. हजारीबाग शहर को भगवा झंडों से पाटने की कोशिश की जा रही है.
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समिति विभिन्न चौक चौराहों पर झंडे लगा रही है. वहीं, हजारीबाग की यह परंपरा भी रही है कि रामनवमी के वक्त पूरे शहर को भगवामय कर दिया जाता है और 3 दिनों तक जुलूस सड़कों पर रहता है. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर यह परंपरा टूटने जा रही है. राम भक्तों का कहना है कि हम लोग साल भर इस पर्व का इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने हमारे पर्व पर ग्रहण लगा दिया. लेकिन हम लोग उदास जरूर हैं, हतोत्साहित नहीं. हमें विश्वास है कि वैश्विक महामारी बहुत जल्द खत्म होगी. हम अगले साल बहुत ही धूमधाम के साथ भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव जुलूस निकालेंगे, जिसका गवाह पूरा देश बनेगा.