हजारीबाग: सरकार द्वारा चल रहे जनहित कार्य समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचे इसके लिए कई योजनाएं चलाती है. लेकिन जिले के दारू प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां विकास की किरण अब तक नहीं पहुंची है. लोग सुविधा के नाम पर तरस रहे हैं. ऐसा ही एक गांव है दारू प्रखंड के मगरपट्टा पंचायत के सलैया गांव की.
सरकार ने विधवा के लिए विधवा पेंशन की व्यवस्था की है. इसके साथ ही उन्हें राशन कार्ड भी मुहैया कराया गया है ताकि वो अपना जीवनयापन कर सकें. लेकिन गांव की विधवा महिलाओं को सुविधा नहीं मिल रही है. वो जीवनयापन के लिए सूप टोकरी बनाकर बेच रही है. महिलाओं का कहना है कि गांव में दलाल आते हैं और कम मूल्य देकर सामान भी ले जाते हैं जो हजारीबाग में जाकर दोगुने दाम में बेचते हैं.
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गांव की स्थिति ऐसी है कि यहां सड़क भी नहीं है. पगडंडी के सहारे आना-जाना करते हैं. अगर बीमार हो गए तो ऊपर वाले के सिवा दूसरा कोई उपाय भी नहीं है. यहां तक की पेयजल की भी समस्या से लोग जूझ रहे हैं. गांव की महिलाएं बताती हैं कि अब सूप और टोकरी की मांग घटती जा रही है. उन्होंने ये भी बताया कि राशन कार्ड भी नहीं है और ना ही अन्य सुविधा ऐसे में भुखमरी के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है.
हजारीबाग की कई ऐसे गांव में जहां सुविधा कोसों दूर है. जरूरत है जमीनी स्तर पर जाकर काम करने की ताकि सरकार जो योजना गरीबों के लिए चला रही है, उनका लाभ मिल सके.