बगोदर/गिरिडीहः गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले युवक मनीष रजक की मौत चार महीने पूर्व सात अप्रैल को गिरिडीह जेल में हो गई थी. लेकिन अबतक परिजनों को मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. इससे परिजनों में प्रशासन की इस ढुलमुल नीति से नाराजगी है.
क्या था मामला
मनीष रजक पोस्को एक्ट मामले के तहत जेल में बंद था. इसी बीच 7 अप्रैल को उसने जेल में हीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. यह खबर सुनकर परिजन अपने बेटे के इंसाफ के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.
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जेल में मौत का जांच रिपोर्ट की मांग
मनीष की बहन सोनी का कहना है कि उसने भाई खोया है, इस नाते परिजनों को उसकी मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट लेने का अधिकार है. परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते थक गए हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिल पा रहा है. आजीज होकर पीएम और मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेजकर मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.