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चार महीने पूर्व जेल में हुई थी मौत, परिजनों को अब तक नहीं मिली जांच रिपोर्ट

बगोदर के रहने वाले युवक मनीष रजक की मौत चार महीने पहले गिरिडीह जेल में हो गई थी. मौत की जांच रिपोर्ट के लिए परिजन सरकारी दफ्तरों की चक्कर काट रहे हैं.

मनीष रजक के परिवार के सदस्य
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Published : Aug 4, 2019, 10:16 AM IST

बगोदर/गिरिडीहः गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले युवक मनीष रजक की मौत चार महीने पूर्व सात अप्रैल को गिरिडीह जेल में हो गई थी. लेकिन अबतक परिजनों को मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. इससे परिजनों में प्रशासन की इस ढुलमुल नीति से नाराजगी है.

देखें पूरी खबर


क्या था मामला
मनीष रजक पोस्को एक्ट मामले के तहत जेल में बंद था. इसी बीच 7 अप्रैल को उसने जेल में हीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. यह खबर सुनकर परिजन अपने बेटे के इंसाफ के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.

ये भी देखें- गिरिडीह: सड़क हादसे में दो दोस्तों की मौत, मातम में पूरा गांव


जेल में मौत का जांच रिपोर्ट की मांग
मनीष की बहन सोनी का कहना है कि उसने भाई खोया है, इस नाते परिजनों को उसकी मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट लेने का अधिकार है. परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते थक गए हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिल पा रहा है. आजीज होकर पीएम और मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेजकर मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

बगोदर/गिरिडीहः गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले युवक मनीष रजक की मौत चार महीने पूर्व सात अप्रैल को गिरिडीह जेल में हो गई थी. लेकिन अबतक परिजनों को मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. इससे परिजनों में प्रशासन की इस ढुलमुल नीति से नाराजगी है.

देखें पूरी खबर


क्या था मामला
मनीष रजक पोस्को एक्ट मामले के तहत जेल में बंद था. इसी बीच 7 अप्रैल को उसने जेल में हीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. यह खबर सुनकर परिजन अपने बेटे के इंसाफ के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.

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जेल में मौत का जांच रिपोर्ट की मांग
मनीष की बहन सोनी का कहना है कि उसने भाई खोया है, इस नाते परिजनों को उसकी मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट लेने का अधिकार है. परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते थक गए हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिल पा रहा है. आजीज होकर पीएम और मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेजकर मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

Intro:चार महीने पूर्व जेल में हुई थी मौत, परिजनों को नहीं मिला जांच रिपोर्ट

बगोदर/गिरिडीह


Body:बगोदर/गिरिडीहः गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले युवक मनीष रजक की मौत चार महीने पूर्व सात अप्रैल को गिरिडीह जेल में हो गई थी. मगर अबतक परिजनों को मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाया है. इससे परिजनों में प्रशासन की इस ढूलमूल नीति से नाराजगी है. परिजनों का कहना है कि जांच रिपोर्ट की मांग को लेकर वे सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते थक गए. मगर आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला. आजीज होकर पीएम और मानवाधिकार आयोग को आवेदन भेजकर मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. मनीष की बहन सोनी का कहना है कि उसने भाई खोया है, इस नाते परिजनों को उसकी मौत से संबंधित जांच रिपोर्ट लेने का अधिकार बनता है. उसने षडयंत्र के तहत भाई की हत्या जेल में किए जाने का आरोप लगाया है. बता दें कि मनीष रजक पोस्को एक्ट मामले में जेल में बंद था. इसी बीच 7 अप्रैल को उसने जेल में हीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था. जेल में आत्महत्या की बात परिजनों को पच नहीं रही है.


Conclusion:बहन सोनी

भाई हरिष रजक
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