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बासुकीनाथ मंदिर में इस बार नहीं लगेगा श्रावणी मेला, मंदिर पर आश्रित पंडा और दुकानदारों में छाई मायूसी

दुमका के विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होगा. मंदिर पर आश्रित यहां के पंडा, पुरोहित और स्थानीय दुकानदार श्रावणी मेले को लेकर काफी चिंतित हैं. स्थानीय दुकानदारों और पंडा पुरोहितों कहा कहना है कि श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने से उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.

Basukinath temple in dumka
बासुकीनाथ मंदिर
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Published : Jun 25, 2020, 2:16 PM IST

दुमकाः जिले के विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम में इस बार श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो रहा है. मंदिर पर आश्रित यहां के स्थानीय पंडा पुरोहित और दुकानदार काफी मायूस नजर आ रहे हैं. मंदिर के पंडितों का कहना है कि मेला नहीं लगने से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी. कुछ लोगों का पुश्तैनी धंधा यही है और एक महीना कमा कर अपनी जीविका चलाते हैं. इन लोगों की सरकार से मांग है कि वह मेले के आयोजन की इजाजत दें भले ही उसमें सभी तरह के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू करें. इसके अलावा मंदिर के पंडितों की मांग है कि नियम पूर्वक ही लेकिन मंदिर को भी खोलने की इजाजत दी जाए ताकि श्रद्धालु बाबा का दर्शन हो.

देखें पूरी खबर
जिले की बाबा बासुकीनाथ मंदिर कोरोना महामारी से बचाव के को लेकर महीनों से है बंद हैं. इस बार बासुकीनाथ धाम में लगने वाली श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है और समझा जा रहा है कि इस वर्ष श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होगा. श्रावणी मेले के दौरान सुल्तानगंज से बाबा धाम और बासुकिनाथ तक डेढ़ सौ किलोमीटर दूर कावड़ यात्रा में शामिल होकर लगभग 30 से 40 लाख तक कांवरिया बाबा भोलेनाथ पर जलाअर्पण करते हैं. महीने भर लगने वाले इस मेले में हजारों दुकानदार और पंडा पुरोहितों का साल भर का रोजगार होता है. इस बार मेले का आयोजन नहीं होने से पंडा पुरोहितो स्थानीय दुकानदारों में मायूसी छाई हुई है.

लॉकडाउन की वजह से पिछले तीन महीनों से बासुकिनाथ में सन्नाटा पसरा हुआ है मंदिर बंद रहने से श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद हो गया. जिससे मंदिर के भरोसे जीवन यापन करने वाले लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. बासुकीनाथ मंदिर के पंडा पुरोहितों ने दुमका के उपायुक्त से अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से राहत सामग्री की मांग की है. पंडा धर्म सिंह सभा के लोगों ने उपायुक्त से मिलकर श्रावणी मेला नहीं होने की स्थिति में उत्पन्न समस्या की जानकारी भी दी.

ये भी पढ़ें- श्रावणी मेला होना मुश्किल, अंतिम निर्णय सीएम हेमंत सोरेन लेंगे: मंत्री बादल पत्रलेख

वहीं, उपायुक्त दुमका राजेश्वरी बी ने कहा कि बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे गुजर-बसर करने वाले आश्रितों की सहायता की जाएगी. अभी तक श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिए जाने से लोग चिंतित नजर आ रहे हैं. जिले के विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होगा. मंदिर पर आश्रित यहां के पंडा पुरोहित और स्थानीय दुकानदार श्रावणी मेले को लेकर काफी चिंतित है. स्थानीय दुकानदारों और पंडा पुरोहितों ने बताया कि श्रावणी मेला के आयोजन नहीं होने से हम लोग के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. कहा कि यहां एक महीना कमाते हैं और साल भर खाते हैं. श्रावणी मेला से प्रशासन को भी करोड़ों की आय होती है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की तैयारी न करना स्थानीय लोगों में श्रावणी मेला आयोजन को लेकर संशय उत्पन्न हो गई है.

दुमकाः जिले के विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम में इस बार श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो रहा है. मंदिर पर आश्रित यहां के स्थानीय पंडा पुरोहित और दुकानदार काफी मायूस नजर आ रहे हैं. मंदिर के पंडितों का कहना है कि मेला नहीं लगने से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी. कुछ लोगों का पुश्तैनी धंधा यही है और एक महीना कमा कर अपनी जीविका चलाते हैं. इन लोगों की सरकार से मांग है कि वह मेले के आयोजन की इजाजत दें भले ही उसमें सभी तरह के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम लागू करें. इसके अलावा मंदिर के पंडितों की मांग है कि नियम पूर्वक ही लेकिन मंदिर को भी खोलने की इजाजत दी जाए ताकि श्रद्धालु बाबा का दर्शन हो.

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जिले की बाबा बासुकीनाथ मंदिर कोरोना महामारी से बचाव के को लेकर महीनों से है बंद हैं. इस बार बासुकीनाथ धाम में लगने वाली श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है और समझा जा रहा है कि इस वर्ष श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होगा. श्रावणी मेले के दौरान सुल्तानगंज से बाबा धाम और बासुकिनाथ तक डेढ़ सौ किलोमीटर दूर कावड़ यात्रा में शामिल होकर लगभग 30 से 40 लाख तक कांवरिया बाबा भोलेनाथ पर जलाअर्पण करते हैं. महीने भर लगने वाले इस मेले में हजारों दुकानदार और पंडा पुरोहितों का साल भर का रोजगार होता है. इस बार मेले का आयोजन नहीं होने से पंडा पुरोहितो स्थानीय दुकानदारों में मायूसी छाई हुई है.

लॉकडाउन की वजह से पिछले तीन महीनों से बासुकिनाथ में सन्नाटा पसरा हुआ है मंदिर बंद रहने से श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद हो गया. जिससे मंदिर के भरोसे जीवन यापन करने वाले लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. बासुकीनाथ मंदिर के पंडा पुरोहितों ने दुमका के उपायुक्त से अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से राहत सामग्री की मांग की है. पंडा धर्म सिंह सभा के लोगों ने उपायुक्त से मिलकर श्रावणी मेला नहीं होने की स्थिति में उत्पन्न समस्या की जानकारी भी दी.

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वहीं, उपायुक्त दुमका राजेश्वरी बी ने कहा कि बासुकीनाथ मंदिर के भरोसे गुजर-बसर करने वाले आश्रितों की सहायता की जाएगी. अभी तक श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिए जाने से लोग चिंतित नजर आ रहे हैं. जिले के विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होगा. मंदिर पर आश्रित यहां के पंडा पुरोहित और स्थानीय दुकानदार श्रावणी मेले को लेकर काफी चिंतित है. स्थानीय दुकानदारों और पंडा पुरोहितों ने बताया कि श्रावणी मेला के आयोजन नहीं होने से हम लोग के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. कहा कि यहां एक महीना कमाते हैं और साल भर खाते हैं. श्रावणी मेला से प्रशासन को भी करोड़ों की आय होती है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की तैयारी न करना स्थानीय लोगों में श्रावणी मेला आयोजन को लेकर संशय उत्पन्न हो गई है.

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