दुमकाः विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर फिर 1932 के खतियान (Khatian of 1932) और नियोजन नीति (Employment Policy) की मांग उठी है. इस मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में छात्र और आदिवासी समाज रैली निकाली. आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि हमारे भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है. हमारा जो हक और अधिकार मिलना चाहिए. इसको लेकर लगातार आंदोलन करते रहेंगे.
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विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर उप राजधानी दुमका में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने मिलकर रैली आयोजित की. यह रैली बिरसा मुंडा चौक से निकलकर संथालपरगना महाविद्यालय परिसर पहुंची. इस रैली में शामिल लोग 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू करने की मांग कर रहे थे.
छात्र नेता श्यामलाल हेंब्रम ने कहा कि हम आदिवासी हैं. लेकिन हमारा हक और अधिकार बाहरी लोग लूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति लागू होता है तो हमारा भविष्य ज्यादा सुरक्षित होगा. लेकिन झारखंड सरकार अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि स्थानीयता गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि हमारी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हम उलगुलान को विवश होंगे.