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मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नाम पर सिर्फ खड़ी है इमारत, यहां नहीं होता मरीजों का मुकम्मल इलाज

दुमका सदर असपताल को बदलकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल बना तो दिया गया लेकिन सुविधाओं के नाम पर इस अस्पताल में कुछ खास संसाधन नहीं है. इस अस्पताल में सिर्फ 3 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं, जिससे मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा है.

दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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Published : Nov 16, 2019, 1:19 PM IST

दुमकाः जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है यहां का सबसे बड़ा हॉस्पिटल दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हालात भी बदतर हैं. इस अस्पताल में संसाधनों की काफी कमी है, जिससे मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिल पाता है. इस अस्पताल में 300 बेड तो है लेकिन इसमें सिर्फ 3 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं. जबकि मेडिकल कॉलेज के मापदंडों के अनुसार स्टाफ नर्सों की संख्या 250 होनी चाहिए. ऐसे में जाहिर है जैसे-तैसे काम चल रहा है.

देखें पूरी खबर

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क्या कहते हैं सिविल सर्जन

दुमका जिले के स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि संसाधनों की कमी है. उन्होंने कहा खासतौर पर स्टाफ नर्स काफी कम है. इसके लिए मुख्यालय को आवेदन दिया गया है और बहुत जल्द इसकी व्यवस्था की जाएगी. वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन कई दिनों से समाप्त हो चुकी है. सिविल सर्जन का कहना है कि रोज 4 से 5 नए केस डॉग बाइट के आते हैं और वैक्सीन नहीं होने पर वह इलाज नहीं दे पा रहे हैं.

वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज की बदहाली से लोगों में काफी नाराजगी है. खासतौर पर मरीज के परिजनों का कहना है कि स्टाफ नर्स की कमी होने से काफी दिक्कतें होती हैं और दवा की भी कमियां हैं.

ये भी पढ़ें-भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड की बात करने वाली पार्टी दागियों को दे रही है टिकट: सुप्रियो भट्टाचार्य

क्या कहते हैं दुमका सांसद

इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन से बात की गई तो उन्होंने कहा की दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संसाधनों की कमी की शिकायत उन्हें भी मिली है. उन्होंने कहा कि वह केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर इन कमियों को पूरा करने की दिशा में आवश्यक पहल करेंगे.

दुमका सदर अस्पताल को अपग्रेड कर दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया पर सुविधाओं का अपग्रेडेशन नहीं किया गया है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि उचित मापदंडों के अनुसार संसाधनों को विकसित करें.

दुमकाः जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है यहां का सबसे बड़ा हॉस्पिटल दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हालात भी बदतर हैं. इस अस्पताल में संसाधनों की काफी कमी है, जिससे मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिल पाता है. इस अस्पताल में 300 बेड तो है लेकिन इसमें सिर्फ 3 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं. जबकि मेडिकल कॉलेज के मापदंडों के अनुसार स्टाफ नर्सों की संख्या 250 होनी चाहिए. ऐसे में जाहिर है जैसे-तैसे काम चल रहा है.

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क्या कहते हैं सिविल सर्जन

दुमका जिले के स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि संसाधनों की कमी है. उन्होंने कहा खासतौर पर स्टाफ नर्स काफी कम है. इसके लिए मुख्यालय को आवेदन दिया गया है और बहुत जल्द इसकी व्यवस्था की जाएगी. वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन कई दिनों से समाप्त हो चुकी है. सिविल सर्जन का कहना है कि रोज 4 से 5 नए केस डॉग बाइट के आते हैं और वैक्सीन नहीं होने पर वह इलाज नहीं दे पा रहे हैं.

वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज की बदहाली से लोगों में काफी नाराजगी है. खासतौर पर मरीज के परिजनों का कहना है कि स्टाफ नर्स की कमी होने से काफी दिक्कतें होती हैं और दवा की भी कमियां हैं.

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क्या कहते हैं दुमका सांसद

इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन से बात की गई तो उन्होंने कहा की दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संसाधनों की कमी की शिकायत उन्हें भी मिली है. उन्होंने कहा कि वह केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर इन कमियों को पूरा करने की दिशा में आवश्यक पहल करेंगे.

दुमका सदर अस्पताल को अपग्रेड कर दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया पर सुविधाओं का अपग्रेडेशन नहीं किया गया है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि उचित मापदंडों के अनुसार संसाधनों को विकसित करें.

Intro:दुमका -
एक कहावत है नाम बड़े और दर्शन छोटे । यह कहावत दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर सही साबित होता है । इस अस्पताल में संसाधनों की काफी कमी है । जिससे मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिलती ।

300 बेड वाले इस अस्पताल में सिर्फ 43 स्टाफ नर्स कार्यरत ।
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दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 300 बेड है पर इसमें सिर्फ 3 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं । जबकि मेडिकल कॉलेज के मापदंडों के अनुसार स्टाफ नर्सों की संख्या 250 होनी चाहिए । जाहिर है जैसे-तैसे काम चल रहा है ।



Body:क्या करते हैं जिले के सिविल सर्जन ।
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दुमका जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि संसाधनों की कमी है । खासतौर पर स्टाफ नर्स काफी कम है । इसके लिए मुख्यालय को लिखा गया है और बहुत जल्द इसकी व्यवस्था होगी ।

अगर है दुमका में तो कुत्तों से रहें सावधान ।
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अगर आप दुमका में हैं तो आवारा कुत्तों या अन्य जानवरों से सावधान रहें क्योंकि दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन कई दिनों से समाप्त हो चुकी है । खुद जिले के सिविल सर्जन का कहना है कि एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं है इससे परेशानी हो रही है । प्रतिदिन 4 से 5 नए केस डॉग बाइट के आते हैं जिसे वह इलाज नहीं दे पा रहे हैं ।

बाईंट - डॉ अनन्त कुमार झा , सिविल सर्जन , दुमका


Conclusion:बदहाली से लोगों में है नाराजगी ।
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दुमका मेडिकल कॉलेज की बदहाली से लोगों में काफी नाराजगी है । खासतौर पर मरीज के परिजन परेशान देखते हैं । उनका कहना है कि स्टाफ नर्स की कम होने से दिक्कत होती है और दवा की भी कमियां हैं ।

बाईट - मनोज कुमार सिंह, स्थानीय

क्या कहते हैं दुमका सांसद ।
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इस संबंध में हमने दुमका सांसद सुनील सोरेन से बात की तो उन्होंने कहां की दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संसाधनों की कमी की शिकायत उन्हें भी मिली है । उन्होंने कहा कि वह केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर इन कमियों को पूरा करने की दिशा में आवश्यक पहल करेंगे ।

बाईंट - सुनील सोरेन , सांसद , दुमका लोकसभा

फाईनल वीओ -

दुमका सदर अस्पताल को अपग्रेड कर दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया पर सुविधाओं का अपग्रेडेशन नहीं हुआ । अब सरकार को चाहिए कि उचित मापदंडों के अनुसार संसाधनों को विकसित करें ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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