दुमकाः जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है यहां का सबसे बड़ा हॉस्पिटल दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हालात भी बदतर हैं. इस अस्पताल में संसाधनों की काफी कमी है, जिससे मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा नहीं मिल पाता है. इस अस्पताल में 300 बेड तो है लेकिन इसमें सिर्फ 3 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं. जबकि मेडिकल कॉलेज के मापदंडों के अनुसार स्टाफ नर्सों की संख्या 250 होनी चाहिए. ऐसे में जाहिर है जैसे-तैसे काम चल रहा है.
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क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दुमका जिले के स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि संसाधनों की कमी है. उन्होंने कहा खासतौर पर स्टाफ नर्स काफी कम है. इसके लिए मुख्यालय को आवेदन दिया गया है और बहुत जल्द इसकी व्यवस्था की जाएगी. वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन कई दिनों से समाप्त हो चुकी है. सिविल सर्जन का कहना है कि रोज 4 से 5 नए केस डॉग बाइट के आते हैं और वैक्सीन नहीं होने पर वह इलाज नहीं दे पा रहे हैं.
वहीं, दुमका मेडिकल कॉलेज की बदहाली से लोगों में काफी नाराजगी है. खासतौर पर मरीज के परिजनों का कहना है कि स्टाफ नर्स की कमी होने से काफी दिक्कतें होती हैं और दवा की भी कमियां हैं.
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क्या कहते हैं दुमका सांसद
इस संबंध में दुमका सांसद सुनील सोरेन से बात की गई तो उन्होंने कहा की दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संसाधनों की कमी की शिकायत उन्हें भी मिली है. उन्होंने कहा कि वह केंद्र और राज्य सरकार से मिलकर इन कमियों को पूरा करने की दिशा में आवश्यक पहल करेंगे.
दुमका सदर अस्पताल को अपग्रेड कर दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया पर सुविधाओं का अपग्रेडेशन नहीं किया गया है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि उचित मापदंडों के अनुसार संसाधनों को विकसित करें.