दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में मॉनसून आने के साथ ही बिजली व्यवस्था चरमरा जाती है. जबकि मॉनसून आने के एक महीने पहले से ही तार, ट्रांसफार्मर के मेंटेनेंस के नाम पर विभाग ने दिन-दिन भर बिजली काटा है. लोगों के पूछे जाने पर पता चलता है कि अभी मेंटेनेंस का काम चल रहा है ताकि बारिश के दिनों में सही ढंग से बिजली सप्लाई कर सके. ऐसे में लोगों को उम्मीद रहती है कि विभाग ने सब कुछ दुरुस्त कर लिया है तो बारिश के दिनों में विद्युत की बेहतर आपूर्ति होगी, लेकिन जैसे ही मॉनसून आता है सारी व्यवस्था धरी की धरी रह जाती है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
बिजली व्यवस्था को लेकर लोगों की राय
लोगों का मानना है कि सालों से देखा जा रहा है कि बारिश के दिन में बिजली व्यवस्था खराब हो जाती है. आसमान में बादल घिरे नहीं की बिजली कट गई. बिजली अगर लंबे समय तक कटी रही तो फिर पानी का सप्लाई भी नहीं हो पाएगा. आम जनता के साथ-साथ जो व्यवसायी होते हैं बिजली नहीं रहने से उनके व्यापार पर भी बुरा असर पड़ता है. चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव मनोज कुमार घोष भी कहते हैं कि मॉनसून ब्रेक होने के साथ ही बिजली व्यवस्था काफी बदहाल हो जाती है. इस पर सरकार को कोई ठोस पहल करनी चाहिए.
ये भी देखें- तीन दिनों से शहीद कुंदन के घर में नहीं जला है चूल्हा, शुक्रवार को गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
इस साल व्यवस्था है काफी बेहतर
इस संबंध में विद्युत विभाग के जीएम हरेंद्र कुमार सिंह से कहा कि की बिजली के ट्रांसफार्मर में जो इंसुलेटर लगे हैं. वह चीनी मिट्टी के रहते हैं. गर्मी के दिनों में वे तप जाते हैं, उसमें काफी धूल मिट्टी है और जब उस पर बारिश होती है तो वह पंचर हो जाता है. पंचर इंसुलेटर खोजने और बदलने में काफी वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अब रास्ता खोज लिया गया है. इंसुलेटर जो अभी चीनी मिट्टी के आ रहे हैं उसकी जगह अब वह अन्य मैट्रियल के होंगे जो बारिश में पंचर नहीं होंगे. इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि इस साल व्यवस्था काफी बेहतर है और लोगों को बिजली के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.