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दुमका: 72 सालों से यहां नहीं पहुंची विकास की किरण, गांव में पीने का पानी और सड़क तक नहीं

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Published : Sep 13, 2019, 5:38 PM IST

दुमका के जरमुंडी प्रखंड के एक गांव में किसी प्रकार की सरकारी योजनाओं की पहुंच नहीं है. कई बार सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने के बाद भी ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

जरमुंडी प्रखंड का बाराटाड़ गांव

दुमका: जहां एक ओर सरकार राज्य में कई नई योजनाओं की शुरुआत कर रही है. वहीं, दूसरी ओर जिले के जरमुंडी प्रखंड के कुशवाहा पंचायत अंतर्गत बाराटाड़ मिर्धा टोला एक ऐसा गांव है, जो आज भी सरकारी विकास योजनाओं से अछूता है. न तो यहां पक्की सड़क है न ही कोई सुविधा. ग्रामीणों की माने तो जन कल्याणकारी योजनाओं का इस गांव में घोर अभाव है.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा की महिलाएं कर रही है जूट के थैले का निर्माण, अपनी मेहनत से संवार रही अपना भविष्य

ग्रामीणों का कहना है कि वो अपनी समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीण सुविधा के अभाव में जीवन जीने को मजबूर हैं.

प्रखंड विकास पदाधिकारी को नहीं थी जानकारी

वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन भगत ने कहा कि इस गांव की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस गांव पर संज्ञान लिया जाएगा और इसे विकास से जोड़ने की हर संभव कोशिश की जाएगी. बता दें कि इस गांव में पीएम आवास से लेकर, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, कृषि आशीर्वाद योजना, राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, जॉब कार्ड जैसी किसी भी कल्याणकारी योजनाओं की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है.

दुमका: जहां एक ओर सरकार राज्य में कई नई योजनाओं की शुरुआत कर रही है. वहीं, दूसरी ओर जिले के जरमुंडी प्रखंड के कुशवाहा पंचायत अंतर्गत बाराटाड़ मिर्धा टोला एक ऐसा गांव है, जो आज भी सरकारी विकास योजनाओं से अछूता है. न तो यहां पक्की सड़क है न ही कोई सुविधा. ग्रामीणों की माने तो जन कल्याणकारी योजनाओं का इस गांव में घोर अभाव है.

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ग्रामीणों का कहना है कि वो अपनी समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीण सुविधा के अभाव में जीवन जीने को मजबूर हैं.

प्रखंड विकास पदाधिकारी को नहीं थी जानकारी

वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन भगत ने कहा कि इस गांव की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस गांव पर संज्ञान लिया जाएगा और इसे विकास से जोड़ने की हर संभव कोशिश की जाएगी. बता दें कि इस गांव में पीएम आवास से लेकर, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना, कृषि आशीर्वाद योजना, राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन, जॉब कार्ड जैसी किसी भी कल्याणकारी योजनाओं की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है.

Intro:सरकार लाख दवा कर ले परंतु एक ऐसा भी गांव है जहां अब तक विकास नहीं पहुंच पाया है।जरमुंडी प्रखंड के कुश्महा पंचायत अंतर्गत बाराटाड मिर्धा टोला में सरकारी सुविधाओं का घोर अभाव है।ग्रामीण बताते हैं कि गांव में आवागमन के लिए सड़क की पर्याप्त सुविधा नहीं है। वहीं लोगों को पीएम आवास, उज्ज्वला योजना,आयुष्मान भारत योजना,कृषि आशीर्वाद योजना,राशन कार्ड,वृद्धा पेंशन, जॉब कार्ड आदि कल्याणकारी योजनाओं की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी बाबू जनप्रतिनिधियों के लाखा आश्वासन के बाद भी आज तक नहीं हुआ विकास का काम। जहां जाते हैं मिलता है सिर्फ आश्वासन। वही प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन भगत ने कहा कि हमारे प्रखंड में ऐसा गांव है हमें नहीं मालूम हम इसका जांच कर इससे विकास कार्यों से जोड़ने का हर संभव कोशिश करूंगा।


Body:जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के कुशवाहा पंचायत अंतर्गत बाराटाड मिर्धा टोला आज भी है सरकारी विकास कार्यों से वंचित। वहां के ग्रामीणों की माने तो जन कल्याणकारी योजनाओं का इस गांव में घोर अभाव है। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग अपनी समस्या को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि और सरकारी बाबुओं का दफ्तर का चक्कर लगाए लेकिन किसी ने हमारी अब तक नहीं सुनी। और हम लोग फटे हाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं ।वही प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन भगत ने कहा कि हम बहुत ही जल्द इस गांव पर संज्ञान लेंगे और इसे विकास से जोड़ने का कोशिश करेंगे।

बाइट-कुंदन भगत ,bdoजरमुडी।

(1)बाइट-दीपक मिर्धा,ग्रमीण।

(2)फेक्नी देवी ग्रमीण।

(2)लछमन मिर्धा ग्रमीण।


Conclusion:ऐसे में समझा जा सकता है की प्रखंड स्तर पर सरकारी घोषणाओं का गांव स्तर पर कितना असर हो रहा है। और कितना विकास का काम हो रहा है इस गांव का मुद्दा एक चुनावी मुद्दा हो सकता है ,इसलिए सरकार को इस एसटी एससी गांव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
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