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जिला परिषद की बोर्ड की बैठक में हंगामा, प्रस्ताव पर क्रियान्वयन ना करने का आरोप - धनबाद जिप सदस्य

धनबाद जिला परिषद की बैठक हुई. जिसमें सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. उनका आरोप है कि मीटिंग में पारित प्रस्तावों पर क्रियान्वयन नहीं किया जाता है.

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धनबाद जिला परिषद की बैठक
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Published : Oct 21, 2021, 8:22 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 9:27 PM IST

धनबादः जिला परिषद् बोर्ड की गुरुवार को हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. एक समय तो लगभग सभी सदस्य उठकर मंच के सामने जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में जो प्रस्ताव पारित होते हैं उनका क्रियान्वयन नहीं किया जाता है. जो प्रस्ताव पारित कर दिए जाते हैं, उन्हें फिर से सूची में डाल कर सदन का समय बर्बाद किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- कार्यकाल खत्म होने के बाद धनबाद जिला परिषद बोर्ड की बैठक, 22 प्रस्ताव पर बनी सहमति



जिला परिषद सदस्यों ने इसका उदाहरण भी दिया, इसको लेकर वो काफी गुस्से में दिखे. उनका कहना है कि अवधि विस्तार के बाद यह बोर्ड की अंतिम बैठक है, क्षेत्र में काम नहीं हुए हैं. ऐसे में वह किस मुंह से जनता से फिर वोट मांगने जाएंगे.

देखें पूरी खबर

धनबाद के लगभग 15 लाख की आबादी के विकास की जिम्मेदारी धनबाद जिला परिषद् पर है. सदस्य यह मांग करते रहे कि आय-खर्च का विवरण उन्हें दिया जाए. लेकिन जब भी इसकी मांग की जाती है तो कहा जाता है कि दे देंगे और 6 साल में अब तक उनकी मांग पूरी नहीं की गयी. इलाके में हाथियों का उत्पात, बिजली की समस्या, प्राक्कलन बनाने के बाद भी टेंडर नहीं करना, जिला परिषद् के सील किये गए भवनों को पिक एंड चूज के आधार पर खोलने सहित आसन पर कई गंभीर आरोप सदस्यों ने लगाए.

अशोक सिंह ने आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस के मुद्दे पर घेरा
जिला परिषद सदस्य अशोक सिंह इन मुद्दों को लेकर काफी मुखर दिखे. उनका आरोप है कि पिछली ही बैठक में प्रस्ताव पारित हो गया था कि आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस को रेंट इकरारनामा कर भवनों को खोला जाएगा. लेकिन आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस नहीं खोला गया. 12 अप्रैल 2021 को जिला परिषद् बोर्ड की बैठक में एक सात सदस्य की टीम बनाकर कांग्रेस ऑफिस के लिए भाड़ा निर्धारण संबंधी स्वीकृति मांगी गई थी. इनमे चार सदस्यों ने अपनी स्वीकृति दे दी. इसके बावजूद मामले को लटका दिया और कहा गया कि इसमें अधिवक्ता की राय जरुरी है.

इसे भी पढ़ें- पंचायत चुनाव समय पर ना कराने पर जिप सदस्यों ने सरकार को घेरा, मंगलवार को करेंगे विरोध-प्रदर्शन

अशोक सिंह ने प्रश्न किया कि अगर अधिवक्ता बहुचर्चित टेक्सटाइल मार्केट खोलने की राय दे सकते है, यूनियन क्लब खोलने की राय दे सकते है तो कांग्रेस भवन खोलने की राय में क्या अड़चन हो सकती है. इन मामलो में टालमटोल की वजह समझ से परे है. अशोक सिंह ने जिला परिषद् की आवंटित दुकानों में मांस, मदिरा बेचने का भी आरोप लगाया. उनके सवाल का कई सदस्यों ने समर्थन किया.


संतोष महतो ने पढ़ाया ईमानदारी का पाठ
जिप सदस्य संतोष महतो ने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के विकास के लिए वोट देती है. जब हम विकास नहीं कर पा रहे हैं तो फिर जनता का सामना कैसे करेंगे. आसन पर बैठे लोगों से पारदर्शी इंतजाम की उम्मीद की जाती है. लगभग 6 साल की अवधि में ना हम विकास कर पाए और ना ही जनता को सड़क, बिजली, पानी दे पाए.


जिला परिषद बोर्ड की बैठक में प्रियंका पाल, दुर्गा दास सहित कुल लगभग 28 जिप सदस्य मौजूद रहे. अध्यक्ष रोबिन गोराई ने बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की. जबकि डीडीसी, जिला अभियंता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. काफी जद्दोजहद के बाद पहले से हर क्षेत्र के लिए पारित 20 लाख की योजना को त्वरित ढंग से पूरा करने का प्रस्ताव पारित हुआ. साथ ही एक करोड़ हर क्षेत्र के लिए पास किया गया लेकिन शर्त लगाई गई कि जिला परिषद् को राशि उपलब्ध होगी, तभी इस पर अमल होगा.

धनबादः जिला परिषद् बोर्ड की गुरुवार को हुई बैठक काफी हंगामेदार रही. एक समय तो लगभग सभी सदस्य उठकर मंच के सामने जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में जो प्रस्ताव पारित होते हैं उनका क्रियान्वयन नहीं किया जाता है. जो प्रस्ताव पारित कर दिए जाते हैं, उन्हें फिर से सूची में डाल कर सदन का समय बर्बाद किया जाता है.

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जिला परिषद सदस्यों ने इसका उदाहरण भी दिया, इसको लेकर वो काफी गुस्से में दिखे. उनका कहना है कि अवधि विस्तार के बाद यह बोर्ड की अंतिम बैठक है, क्षेत्र में काम नहीं हुए हैं. ऐसे में वह किस मुंह से जनता से फिर वोट मांगने जाएंगे.

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धनबाद के लगभग 15 लाख की आबादी के विकास की जिम्मेदारी धनबाद जिला परिषद् पर है. सदस्य यह मांग करते रहे कि आय-खर्च का विवरण उन्हें दिया जाए. लेकिन जब भी इसकी मांग की जाती है तो कहा जाता है कि दे देंगे और 6 साल में अब तक उनकी मांग पूरी नहीं की गयी. इलाके में हाथियों का उत्पात, बिजली की समस्या, प्राक्कलन बनाने के बाद भी टेंडर नहीं करना, जिला परिषद् के सील किये गए भवनों को पिक एंड चूज के आधार पर खोलने सहित आसन पर कई गंभीर आरोप सदस्यों ने लगाए.

अशोक सिंह ने आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस के मुद्दे पर घेरा
जिला परिषद सदस्य अशोक सिंह इन मुद्दों को लेकर काफी मुखर दिखे. उनका आरोप है कि पिछली ही बैठक में प्रस्ताव पारित हो गया था कि आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस को रेंट इकरारनामा कर भवनों को खोला जाएगा. लेकिन आईएमए, इंटक भवन, कांग्रेस ऑफिस नहीं खोला गया. 12 अप्रैल 2021 को जिला परिषद् बोर्ड की बैठक में एक सात सदस्य की टीम बनाकर कांग्रेस ऑफिस के लिए भाड़ा निर्धारण संबंधी स्वीकृति मांगी गई थी. इनमे चार सदस्यों ने अपनी स्वीकृति दे दी. इसके बावजूद मामले को लटका दिया और कहा गया कि इसमें अधिवक्ता की राय जरुरी है.

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अशोक सिंह ने प्रश्न किया कि अगर अधिवक्ता बहुचर्चित टेक्सटाइल मार्केट खोलने की राय दे सकते है, यूनियन क्लब खोलने की राय दे सकते है तो कांग्रेस भवन खोलने की राय में क्या अड़चन हो सकती है. इन मामलो में टालमटोल की वजह समझ से परे है. अशोक सिंह ने जिला परिषद् की आवंटित दुकानों में मांस, मदिरा बेचने का भी आरोप लगाया. उनके सवाल का कई सदस्यों ने समर्थन किया.


संतोष महतो ने पढ़ाया ईमानदारी का पाठ
जिप सदस्य संतोष महतो ने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के विकास के लिए वोट देती है. जब हम विकास नहीं कर पा रहे हैं तो फिर जनता का सामना कैसे करेंगे. आसन पर बैठे लोगों से पारदर्शी इंतजाम की उम्मीद की जाती है. लगभग 6 साल की अवधि में ना हम विकास कर पाए और ना ही जनता को सड़क, बिजली, पानी दे पाए.


जिला परिषद बोर्ड की बैठक में प्रियंका पाल, दुर्गा दास सहित कुल लगभग 28 जिप सदस्य मौजूद रहे. अध्यक्ष रोबिन गोराई ने बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की. जबकि डीडीसी, जिला अभियंता सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. काफी जद्दोजहद के बाद पहले से हर क्षेत्र के लिए पारित 20 लाख की योजना को त्वरित ढंग से पूरा करने का प्रस्ताव पारित हुआ. साथ ही एक करोड़ हर क्षेत्र के लिए पास किया गया लेकिन शर्त लगाई गई कि जिला परिषद् को राशि उपलब्ध होगी, तभी इस पर अमल होगा.

Last Updated : Oct 21, 2021, 9:27 PM IST
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