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यहां मौत के साये में पढ़ते हैं बच्चे, जर्जर दीवारों और जहरीली गैस के बीच होती है पढ़ाई

सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे करती है, लेकिन धरातल की हकीकत बिल्कुल अलग है. धनबाद के नया प्राथमिक विद्यालय के कमरे में गोफ बन जाने से गैस रिसाव हो रहा है. इससे इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी खतरे में है. वहीं, विद्यालय के प्रिंसिपल इस गोफ को छुपाने की भरपूर कोशिश कर रहे है.

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Published : Jul 19, 2019, 2:13 PM IST

विद्यालय में पढ़ते बच्चे

धनबाद/बाघमारा: कतरास अंचल अंतर्गत काटापहाड़ी में स्थित नया प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में है. स्कूल के एक कमरे में कुछ दिन पहले गोफ बन गया था, जिससे जानलेवा गैस का रिसाव हो रहा है. वहीं, विद्यालय भवन और उसके कमरों में हर जगह दरार पड़ चुकी है.

देखें पूरी खबर

विद्यालय भवनों की हालत खस्ता
प्राथमिक विद्यालय में तीन कमरे है. एक छोटे से कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय है. कार्यालय के ठीक बगल में एक कमरा है, जिसमें कुछ दिन पहले गोफ बन गया था. जिससे गैस का रिसाव हो रहा है.

ये भी पढ़ें-हजारीबाग की बेटी ने हॉलीवुड में लहराया परचम, चीन में कर रही शूटिंग

विद्यालय के शिक्षक ने गैस रिसाव वाले स्थान पर सीमेंट देकर छुपाने का भरपूर प्रयास किया है. गैस रिसाव वाले कमरे को बंद रखा जाता है. वहीं, अन्य दो कमरे में बच्चों को पढ़ाया जाता है. दोनों कमरों के दीवारों में दरार है. इन भवनों में कक्षा एक से पांच तक के छात्र छात्राएं पढ़ाई करते है और मात्र दो शिक्षक है.

प्रशासन मौन
प्रिंसिपल शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा ने विद्यालय के बंद कमरे में गोफ बनने की बात से इनकार करते रहे. उन्होंने कहा कि कतरास बीईओ को इस विद्यालय को दूसरे विधालय मे शिफ्ट करने को लेकर एक पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने किसी भी अप्रिय घटना की पूरी रिस्क खुद पर लिया है. जबकि बीसीसीएल ने भी क्षेत्र को डेनजर जोन घोषित कर दिया है. वहीं, बच्चों ने भी गोफ होनी की बात कही.

धनबाद/बाघमारा: कतरास अंचल अंतर्गत काटापहाड़ी में स्थित नया प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में है. स्कूल के एक कमरे में कुछ दिन पहले गोफ बन गया था, जिससे जानलेवा गैस का रिसाव हो रहा है. वहीं, विद्यालय भवन और उसके कमरों में हर जगह दरार पड़ चुकी है.

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विद्यालय भवनों की हालत खस्ता
प्राथमिक विद्यालय में तीन कमरे है. एक छोटे से कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय है. कार्यालय के ठीक बगल में एक कमरा है, जिसमें कुछ दिन पहले गोफ बन गया था. जिससे गैस का रिसाव हो रहा है.

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विद्यालय के शिक्षक ने गैस रिसाव वाले स्थान पर सीमेंट देकर छुपाने का भरपूर प्रयास किया है. गैस रिसाव वाले कमरे को बंद रखा जाता है. वहीं, अन्य दो कमरे में बच्चों को पढ़ाया जाता है. दोनों कमरों के दीवारों में दरार है. इन भवनों में कक्षा एक से पांच तक के छात्र छात्राएं पढ़ाई करते है और मात्र दो शिक्षक है.

प्रशासन मौन
प्रिंसिपल शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा ने विद्यालय के बंद कमरे में गोफ बनने की बात से इनकार करते रहे. उन्होंने कहा कि कतरास बीईओ को इस विद्यालय को दूसरे विधालय मे शिफ्ट करने को लेकर एक पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने किसी भी अप्रिय घटना की पूरी रिस्क खुद पर लिया है. जबकि बीसीसीएल ने भी क्षेत्र को डेनजर जोन घोषित कर दिया है. वहीं, बच्चों ने भी गोफ होनी की बात कही.

Intro:स्लग -- मौत के विधालय मे पढने को विवष बच्चे स्कूल के कमरे में बना है गोफ़,होता है जहरीली गैस रिसाव,दीवारों में पड़ी दरार
एंकर -- सरकार बेहतर शिक्षा देने के दावे करती है।लेकिन धरातल की हकीकत बिल्कुल विपरीत है।बाघमारा के कतरास अंचल अंतर्गत काटापहाड़ी में स्थित नया प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जिंदगी खतरे में है।कभी भी काल के गाल मे शमा सकते है विधालय मे अध्यणरत छात छात्राएं।विद्यालय के एक कमरे में कुछ दिन पहले गोफ बन गया था।जिससे जानलेवा गैस का रिसाव हो रहा हैं।वही विद्यालय भवन तथा उसके कमरों में हर जगह दरार पड़ चुकी है।पेश है खास रिपोर्ट -----Body:भी/ओ -- 01 बाघमारा के कतरास अंचल में पड़ने वाले आँगरपथरा काटापहाड़ी स्थित नया प्राथमिक विद्यालय को देखने से विद्यालय का भवन नही बल्कि मौत का भवन प्रतीत होता है।भवन में तीन कमरे है।एक छोटे से कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय है।कार्यालय के ठीक सटा हुए एक कमरा है।जिसमे कुछ दिन पहले गोफ बन गया था।जिससे आज भी गैस का रिसाव हो रहा है ।विधालय के शिक्षक गैस रिसाव वाले स्थान पर सीमेंट देकर छुपाने का भरपूर प्रयास किया गया।गैस रिसाव वाले कमरे को आज भी बंद कर रखा जा रहा है।जिससे जहरीला गैस का रिसाव लगातर हो रहा। वही अन्य दो कमरे जिसमे फिलहाल बच्चों को पढ़ाया जाता है।दोनो कमरों के सभी दीवारो में दरार है।जिस तरफ नजर दौड़ाया जाता वही दरार दिख जाता है।देखने से लगता है कि यह विद्यालय का भवन कभी भी गिर सकता है।वही कमरे में मिड डे मिल का चावल भी गाय बकरी को चारा देने जैसे रखा गया है।बरसात के मौसम में भवन से पानी का लगातार रिसाव दीवारो में हो रहा।इन भवनों में कक्षा एक से पांच तक के छात्र छात्राएं पढ़ाई करते है।एक से पांच तक के कक्षा वाले इस विद्यालय में मात्र दो शिक्षक है।एक प्रिंसिपल दूसरा पारा शिक्षक। जिससे अंदाजा लगा सकते है कि इस स्कूल पढ़ाई के नाम पर क्या होता होगा ओर बच्चों को क्या शिक्षा मिलती होगीं । सरकार के शिक्षा के प्रति कितनी गम्भीर है।इसका नजारा इस विधालय से दिख रहा है
भी/ओ -- 02 वही विद्यालय के प्रिंसिपल शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा विद्यालय के बंद कमरे में गोफ बनने से इनकार करते रहे।सीमेंट भराई पर गोल मटोल जवाब दिए।उन्होंने कहा कि कतरास बीईओ के द्वारा इस विद्यालय को कही दुसरे विधालय मे शिफ्ट करने को लेकर एक पत्र दिया हैं।लेकिन प्रिंसिपल साहब अपने मनमाने अनुभव के आधार पर किसी तरह का खतरा नही होने का बात करते हैं ।ओर किसी भी अप्रिय घटना की पूरी रिस्क वे खुद पर ले लिए है।जबकि बीसीसीएल ने भी क्षेत्र को डेनजर जोन घोषित कर दिया है।हर जगह गोफ व गैस रिसाव होता है।बकास्टिंग के कारण कमरों में दरार हो गया है।हर दिन बकास्टिंग होता है।लेकिन प्रिंसिपल साहब की माने तो खतरे की कोई बात नही है।विद्यालय पूर्ण रूप से सुरक्षित है।दो शिक्षक है एक से पांच तक कि पढ़ाई करवाते है।
बाइट -- शत्रुघ्न प्रसाद महतो(प्रिंसिपल)
भी/ओ -- 03 वही विद्यालय में पढ़ने वाले एक मासूम छात्र से जब बिना कैमरा लगाये पूछा गया तो वह बच्चा गैस व गोफ होनी कि बात कहता लेकिन जब शिक्षकों की डाट पडी तो बच्चा डर बड़े निर्भीक होकर बोला डर नही लगता।
बाइट -- छात्रConclusion:F भी/ओ -- बीसीसीएल क्षेत्र के जमीन में बने सरकारी विद्यालय के कमरे में गोफ बन जाना फिर उसे छुपाने के उद्देश्य से सीमेंट देकर छुपा देना।विद्यालय के प्रिंसिपल के अति विश्वास को दिखाता है।गैस रिसाव जो जानलेवा है।मासूम बच्चों के जिंदगी से ऐसे खिलवाड़ करना कैसे अनुभव हो सकता है।विद्यालय जो जर्जर हो चुका है।सभी कमरे दरारों से भरे पड़े है।उस पर बीसीसीएल द्वारा प्रत्येक दिन ब्लास्टिंग जो पूरे क्षेत्र को हिला कर रख देता है।प्रिंसिपल अपने अनुभव को प्राथमिकता देकर मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है।जबकि खतरे को देखते हुए विभाग के अधिकारी इस विद्यालय को दूसरे स्थान में शिफ़्ट करने का आदेश दे कर चुपचाप बैठे हैं ।पुरे मामले में लगता है कि प्रिंसिपल तथा शिक्षा विभाग किसी बडी अनहोनी के इंतजार कर रही है।वही दो शिक्षक कैसे एक से लेकर कक्षा पांच तक पढा सकते है।कैसे एक उच्च क्वालिटी का शिक्षा की उमीद किया जा सकता है।क्या सरकार के दावे केवल कथनी में है जबकि जमीन पर हकीकत बिल्कुल अलग है।
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