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झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ ने सड़क पर किया बूट पॉलिश, सरकार से की ये मांग - धनबाद न्यूज

झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ के बैनर तले दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास कार्य मे लगे रिसोर्स टीचर और थेरेपिस्ट अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने लोगों के जूते पॉलिश किए और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की.

boot polish on the road in dhanbad
boot polish on the road in dhanbad
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Published : Dec 2, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 4:53 PM IST

धनबाद: झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ के बैनर तले राज्यभर में दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास कार्य मे लगे रिसोर्स टीचर और थेरेपिस्ट ने अपनी सात सालों से लंबित मांगों को लेकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. टीचर और थेरेपिस्ट ने जिले के रणधीर वर्मा चौक पर बूट पॉलिश कर सरकार का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश की है. इस दौरान सभी के हाथों में तख्तियां थी, जिस पर दिव्यांगों का सम्मान देने और समावेशी शिक्षा के सफल प्रयास के अलावा वेतन संबंधित नारे लिखे हुए थे.



आंदोलन कर रहे फिजियो थेरेपीस्ट डॉ मनोज कुमार कहा कि मानदेय में वृद्धि, पीएफ कटौती, चिकित्सा और समूह बीमा, ईएल की सुविधा, अनुकंपा राशि और सेवा नियमितीकरण मांगों को लेकर झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ पिछले 7 सालों से संघर्षरत है. लेकिन सरकार मांगों को पूरी नहीं कर रही है. जिसके कारण बच्चों को कलम पकड़ना सिखाने वालों को आज आंदोलन की राह पकड़ना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जूता पॉलिश करने से जो राशि प्राप्त होगी उस राशि को वह मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजेंगे जिससे कि सरकार उनका मानदेय बढ़ाकर भुगतान करे.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: धनबाद के कोयला खदान में लूट, रामकनाली कोलियरी में अपराधियों ने जमकर मचाया तांडव

झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अखलाक अहमद ने कहा कि इसी परियोजना में कार्यरत अन्य कर्मियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ गया है. जबकि समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट का मानदेय यथावत रखना समझ से परे है. संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो ने कहा कि तीन दिवसीय आंदोलन में पहले दिन मौन धरना, दूसरे दिन शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर स्वच्छता अभियान, तीसरा और आखिरी दिन राहगीरों का जूता पॉलिश कर सरकार तक अपनी हक की आवाज पहुंचाने की कोशिश की गई है. बोकारो के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सचिन कुमार ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नही होती तो वे रांची में अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठेंगे.

धनबाद: झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ के बैनर तले राज्यभर में दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास कार्य मे लगे रिसोर्स टीचर और थेरेपिस्ट ने अपनी सात सालों से लंबित मांगों को लेकर अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया. टीचर और थेरेपिस्ट ने जिले के रणधीर वर्मा चौक पर बूट पॉलिश कर सरकार का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश की है. इस दौरान सभी के हाथों में तख्तियां थी, जिस पर दिव्यांगों का सम्मान देने और समावेशी शिक्षा के सफल प्रयास के अलावा वेतन संबंधित नारे लिखे हुए थे.



आंदोलन कर रहे फिजियो थेरेपीस्ट डॉ मनोज कुमार कहा कि मानदेय में वृद्धि, पीएफ कटौती, चिकित्सा और समूह बीमा, ईएल की सुविधा, अनुकंपा राशि और सेवा नियमितीकरण मांगों को लेकर झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ पिछले 7 सालों से संघर्षरत है. लेकिन सरकार मांगों को पूरी नहीं कर रही है. जिसके कारण बच्चों को कलम पकड़ना सिखाने वालों को आज आंदोलन की राह पकड़ना पड़ा है. उन्होंने कहा कि जूता पॉलिश करने से जो राशि प्राप्त होगी उस राशि को वह मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजेंगे जिससे कि सरकार उनका मानदेय बढ़ाकर भुगतान करे.

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झारखंड रिसोर्स शिक्षक थेरेपिस्ट संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अखलाक अहमद ने कहा कि इसी परियोजना में कार्यरत अन्य कर्मियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ गया है. जबकि समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट का मानदेय यथावत रखना समझ से परे है. संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो ने कहा कि तीन दिवसीय आंदोलन में पहले दिन मौन धरना, दूसरे दिन शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर स्वच्छता अभियान, तीसरा और आखिरी दिन राहगीरों का जूता पॉलिश कर सरकार तक अपनी हक की आवाज पहुंचाने की कोशिश की गई है. बोकारो के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सचिन कुमार ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नही होती तो वे रांची में अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठेंगे.

Last Updated : Dec 2, 2021, 4:53 PM IST
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