ETV Bharat / city

धनबाद के इस युवक ने गोबर से बनाया गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति, लोगों में बढ़ी डिमांड

धनबाद के भूली इलाके के रहने वाले पीयूष ने गोबर से इस दिवाली गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाया है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं और इसकी डिमांड भी बढ़ गई है.

गोबर से बनी प्रतिमा
author img

By

Published : Oct 22, 2019, 9:55 AM IST

धनबाद: दीपावली के समय में अभी तक आपने मिट्टी के दीए मिट्टी की मूर्तियां और चाइनीज लाइटों के बारे में ही सुना होगा. लेकिन धनबाद में इस बार कुछ अलग नजारा देखने को मिलेगा. स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से मिट्टी के दिए और गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाया है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

देखें पूरी खबर

गोबर से निर्माण
बता दें कि धनबाद के भूली इलाके के रहने वाले स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से दीपावली में जलने वाले दिए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को बनाया है. साथ-साथ गाय के गोबर से बने धूप, घरों को सजाए जाने वाले शुभ-लाभ आदि सभी चीजें गाय के गोबर से ही बनी हुई है. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है.

ये भी पढ़ें- जंजीरों में जकड़ी बहन को भाई ने चाकू से कई वार कर किया लहूलुहान, PMCH में भर्ती

नागपुर से ली है ट्रेनिंग
पीयूष ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गौ माता पूजनीय होती हैं और गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी से प्रभावित होकर गौ सेवा करने के उद्देश्य से उसने गाय के गोबर से ही अपना व्यवसाय करने का सोच लिया. इसके लिए उसने नागपुर में 7 दिनों की ट्रेनिंग भी ली और वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद सबसे पहले उसने रक्षाबंधन और 15 अगस्त क्योंकि दोनों एक ही दिन था तो उसने गाय के गोबर से राखी बनाया. जो लोगों को काफी पसंद आया. तिरंगा झंडा को रखने के लिए स्टैंड भी उसने गाय के गोबर से ही बनाया.

ये भी पढ़ें- पलामू में भीषण सड़क हादसा, 3 महिलाओं की मौत

डिमांड ज्यादा है
पीयूष ने बताया कि गाय के गोबर से बने इन सामानों को वह लोगों के डिमांड के अनुसार पूरा भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि अभी वह छोटी मात्रा में इस काम को कर रहे हैं. उसने कहा कि झारखंड, बिहार और बंगाल में इस तरह का यह पहला कार्य है.

धनबाद: दीपावली के समय में अभी तक आपने मिट्टी के दीए मिट्टी की मूर्तियां और चाइनीज लाइटों के बारे में ही सुना होगा. लेकिन धनबाद में इस बार कुछ अलग नजारा देखने को मिलेगा. स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से मिट्टी के दिए और गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाया है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

देखें पूरी खबर

गोबर से निर्माण
बता दें कि धनबाद के भूली इलाके के रहने वाले स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से दीपावली में जलने वाले दिए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को बनाया है. साथ-साथ गाय के गोबर से बने धूप, घरों को सजाए जाने वाले शुभ-लाभ आदि सभी चीजें गाय के गोबर से ही बनी हुई है. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है.

ये भी पढ़ें- जंजीरों में जकड़ी बहन को भाई ने चाकू से कई वार कर किया लहूलुहान, PMCH में भर्ती

नागपुर से ली है ट्रेनिंग
पीयूष ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गौ माता पूजनीय होती हैं और गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी से प्रभावित होकर गौ सेवा करने के उद्देश्य से उसने गाय के गोबर से ही अपना व्यवसाय करने का सोच लिया. इसके लिए उसने नागपुर में 7 दिनों की ट्रेनिंग भी ली और वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद सबसे पहले उसने रक्षाबंधन और 15 अगस्त क्योंकि दोनों एक ही दिन था तो उसने गाय के गोबर से राखी बनाया. जो लोगों को काफी पसंद आया. तिरंगा झंडा को रखने के लिए स्टैंड भी उसने गाय के गोबर से ही बनाया.

ये भी पढ़ें- पलामू में भीषण सड़क हादसा, 3 महिलाओं की मौत

डिमांड ज्यादा है
पीयूष ने बताया कि गाय के गोबर से बने इन सामानों को वह लोगों के डिमांड के अनुसार पूरा भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि अभी वह छोटी मात्रा में इस काम को कर रहे हैं. उसने कहा कि झारखंड, बिहार और बंगाल में इस तरह का यह पहला कार्य है.

Intro:सर।काफी प्रयास किया हमें लग रहा कि भी वो सही नहीं हो पाया।


धनबाद: दीपावली के समय में अभी तक आपने मिट्टी के दीए मिट्टी की मूर्तियां और चाइनीज लाइटों के बारे में ही सुना होगा. लेकिन, धनबाद में इस बार कुछ अलग नजारा आपको देखने को मिलेगा. आपको बता दें कि धनबाद के स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से मिट्टी के दिए और गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाया है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.


Body:गौरतलब है कि धनबाद के भूली इलाके के रहने वाले स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से दीपावली में जलने वाले दिए और दीपावली में पूजा जाने वाले लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों को बनाया है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. साथ-साथ गाय के गोबर से बने धूप, घरों को सजाए जाने वाले शुभ-लाभ आदि सभी चीजें गाय के गोबर से ही बनी हुई है. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है और स्थानीय युवा पीयूष प्रत्यूष ने इसकी ट्रेनिंग भी नागपुर से ली हुई है.

पीयूष ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गौ माता पूजनीय होती है और गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी से प्रभावित होकर और गौ सेवा करने के उद्देश्य से उसने गाय के गोबर से ही अपना व्यवसाय करने का सोच लिया. इसके लिए उसने नागपुर में 7 दिनों की ट्रेनिंग भी ली और वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद सबसे पहले उसने रक्षाबंधन और 15 अगस्त क्योंकि दोनों एक ही दिन था तो उसने गाय के गोबर से राखी बनाया. जो लोगों को काफी पसंद आया. तिरंगा झंडा को रखने के लिए स्टैंड भी उसने गाय के गोबर से ही बनाया. उसके बाद इस बार की दीपावली में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां और दिये गाय के गोबर से बनाए हैं जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है. क्योंकि, गाय का गोबर पूजा में श्रेष्ठ माना जाता है जिसके लिए लोग इस सामान को खरीद भी कर रहे हैं.

पीयूष ने बताया कि गाय के गोबर से बने इन सामानों को वह लोगों के डिमांड के अनुसार पूरा भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि अभी वह छोटी मात्रा में इस काम को कर रहे हैं.उसने कहा कि झारखंड, बिहार और बंगाल में इस तरह का यह पहला कार्य है सामान बेचने की कोई दिक्कत नहीं है वह बना नहीं पा रहे हैं लोगों की डिमांड ज्यादा है.


Conclusion:पियूष प्रत्यूष ने अर्थशास्त्र से स्नातक किया है लेकिन वह अपने इस काम से काफी खुश हैं.आगे उन्होंने इसमें ही और नई योजना बनाने की बात कही है.इस काम में उनका पूरा परिवार उनके साथ है. खासकर उनकी मां ने इस काम में उनका बहुत ज्यादा साथ दिया है.

बाइट- पियूष प्रत्यूष
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.