धनबाद: दीपावली के समय में अभी तक आपने मिट्टी के दीए मिट्टी की मूर्तियां और चाइनीज लाइटों के बारे में ही सुना होगा. लेकिन धनबाद में इस बार कुछ अलग नजारा देखने को मिलेगा. स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से मिट्टी के दिए और गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों को बनाया है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
गोबर से निर्माण
बता दें कि धनबाद के भूली इलाके के रहने वाले स्नातक पास एक स्थानीय युवा ने गाय के गोबर से दीपावली में जलने वाले दिए और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को बनाया है. साथ-साथ गाय के गोबर से बने धूप, घरों को सजाए जाने वाले शुभ-लाभ आदि सभी चीजें गाय के गोबर से ही बनी हुई है. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है.
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नागपुर से ली है ट्रेनिंग
पीयूष ने बताया कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गौ माता पूजनीय होती हैं और गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसी से प्रभावित होकर गौ सेवा करने के उद्देश्य से उसने गाय के गोबर से ही अपना व्यवसाय करने का सोच लिया. इसके लिए उसने नागपुर में 7 दिनों की ट्रेनिंग भी ली और वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद सबसे पहले उसने रक्षाबंधन और 15 अगस्त क्योंकि दोनों एक ही दिन था तो उसने गाय के गोबर से राखी बनाया. जो लोगों को काफी पसंद आया. तिरंगा झंडा को रखने के लिए स्टैंड भी उसने गाय के गोबर से ही बनाया.
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डिमांड ज्यादा है
पीयूष ने बताया कि गाय के गोबर से बने इन सामानों को वह लोगों के डिमांड के अनुसार पूरा भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि अभी वह छोटी मात्रा में इस काम को कर रहे हैं. उसने कहा कि झारखंड, बिहार और बंगाल में इस तरह का यह पहला कार्य है.