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धनबाद जज मौत मामला: CBI आरोपियों का फिर कराएगी नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट

धनबाद जज मौत मामला (Dhanbad Judge Death Case) अभी तक सुलझा नहीं है. सीबीआई (CBI) एक बार फिर से जेल में बंद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने के लिए इजाजत मांगी है.

dhanbad judge death case
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Published : Dec 2, 2021, 10:33 PM IST

धनबाद: जज उत्तम आनंद की मौत मामला (Dhanbad Judge Death Case) अभी तक सुलझा नहीं है. मामले को सुलझाने के लिए CBI आरोपियों का फिर से नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाएगी. सीबीआई ने एक बार फिर से जेल में बंद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा के नार्को, ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है. सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में आवेदन देकर दोनों को टेस्ट के लिए गुजरात के गांधी नगर ले जाने की इजाजत मांगी है. जिस पर अदालत ने CBI को छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक नार्को और अन्य टेस्ट कराने की स्वीकृति दी है.



CBI ने कोर्ट को दिए आवेदन में कहा है कि पूछताछ के दौरान CBI को गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. CBI का कहना है कि जो जानकारी हाथ लगी है उसका सत्यापन जरूरी है. सुराग मिलने के बाद जेल में दोनों से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपी लगातार बयान बदल रहे हैं. इसलिए दोनों का दोबारा नार्को और ब्रेन मैपिंग सहित अन्य टेस्ट कराने की जरूरत है, ताकि साजिश और मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके. CBI ने अदालत को बताया कि नार्को के लिए दोनों आरोपियों ने अपनी सहमति भी दी है.

ये भी पढ़ें: धनबाद जज मौत मामला: CBI को फिर फटकार, प्रगति रिपोर्ट पर हाई कोर्ट नाराज, कहा- 302 से 304 की तरफ जा रहा है मामला

CBI के स्पेशल सेल ने 27 नवंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएन मिश्रा की अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपियों से पूछताछ की इजाजत मांगी थी. अदालत ने 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक जेल में दोनों आरोपी से पूछताछ की इजाजत सीबीआई को दी थी. 16 अगस्त को CBI ने जेल में बंद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने के लिए कोर्ट के आदेश पर गुजरात लेकर गई थी. टेस्ट के बाद भी सीबीआई को इस मामले में कुछ विशेष हाथ नहीं लगा था.


CBI स्पेशल सेल ने नार्को ब्रेन मैपिंग और अन्य टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने से पहले 9 और 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाउस में भी उनकी कई तरह की जांच कराई गई थी. CBI इस मामले में दोनों आरोपियों को तीन बार रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है. 28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक के दौरान धनबाद न्यायालय में पदस्थापित जज उत्तम आनंद की ऑटो से टक्कर होने के बाद मौत हो गई थी.

धनबाद: जज उत्तम आनंद की मौत मामला (Dhanbad Judge Death Case) अभी तक सुलझा नहीं है. मामले को सुलझाने के लिए CBI आरोपियों का फिर से नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाएगी. सीबीआई ने एक बार फिर से जेल में बंद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा के नार्को, ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट करवाने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है. सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत में आवेदन देकर दोनों को टेस्ट के लिए गुजरात के गांधी नगर ले जाने की इजाजत मांगी है. जिस पर अदालत ने CBI को छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक नार्को और अन्य टेस्ट कराने की स्वीकृति दी है.



CBI ने कोर्ट को दिए आवेदन में कहा है कि पूछताछ के दौरान CBI को गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. CBI का कहना है कि जो जानकारी हाथ लगी है उसका सत्यापन जरूरी है. सुराग मिलने के बाद जेल में दोनों से पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान दोनों आरोपी लगातार बयान बदल रहे हैं. इसलिए दोनों का दोबारा नार्को और ब्रेन मैपिंग सहित अन्य टेस्ट कराने की जरूरत है, ताकि साजिश और मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके. CBI ने अदालत को बताया कि नार्को के लिए दोनों आरोपियों ने अपनी सहमति भी दी है.

ये भी पढ़ें: धनबाद जज मौत मामला: CBI को फिर फटकार, प्रगति रिपोर्ट पर हाई कोर्ट नाराज, कहा- 302 से 304 की तरफ जा रहा है मामला

CBI के स्पेशल सेल ने 27 नवंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएन मिश्रा की अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपियों से पूछताछ की इजाजत मांगी थी. अदालत ने 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक जेल में दोनों आरोपी से पूछताछ की इजाजत सीबीआई को दी थी. 16 अगस्त को CBI ने जेल में बंद आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने के लिए कोर्ट के आदेश पर गुजरात लेकर गई थी. टेस्ट के बाद भी सीबीआई को इस मामले में कुछ विशेष हाथ नहीं लगा था.


CBI स्पेशल सेल ने नार्को ब्रेन मैपिंग और अन्य टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने से पहले 9 और 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाउस में भी उनकी कई तरह की जांच कराई गई थी. CBI इस मामले में दोनों आरोपियों को तीन बार रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है. 28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक के दौरान धनबाद न्यायालय में पदस्थापित जज उत्तम आनंद की ऑटो से टक्कर होने के बाद मौत हो गई थी.

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