धनबाद: जिले में 15 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को पोक्सो की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 35 हजार रुपये जुर्माना वसूलने का भी आदेश अदालत ने दिया है. पोक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी ने नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म करने के मामले में यह सजा सुनाई है. फिलहाल शिशुपाल न्यायिक हिरासत में बंद है.
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मामले में बलियापुर थाना में 16 नवंबर 2018 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि 15 नवंबर 2018 की सुबह 3 बजे उसकी 15 वर्षीय पुत्री शौच के लिए घर से बाहर गई थी. बहुत देर तक वह वापस नहीं लौटी. इसके बाद परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की. जिसके बाद आरोपी के द्वारा दुष्कर्म की घटना की बात सामने आई थी.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि थाने में 16 नवंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि 15 नवंबर 2018 की सुबह तीन बजे उसकी 15 वर्षीया पुत्री शौच के लिए घर से बाहर गई थी. बहुत देर तक वह नहीं लौटी तो खोजबीन करने पर पता चला कि पड़ोसी पुत्री को शादी का प्रलोभन देकर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने पीड़िता को गोविंदपुर से बरामद किया था. नाबालिग पीड़िता ने अदालत के समक्ष दिए अपने बयान में बताया कि वह अपनी मर्जी से पड़ोसी के साथ गई थी. पड़ोसी ने उसे गोविंदपुर स्थित एक कमरे में रखा, जहां वह चार-पांच दिनों तक रही फिर दोनों ने मंदिर में शादी कर ली. पड़ोसी के खिलाफ पुलिस ने 30 दिसंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय के समक्ष दाखिल किया था. 22 फरवरी 2019 को उसके खिलाफ अदालत में आरोप का गठन किया गया था. विशेष अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने इस मामले में कुल आठ गवाहों की गवाही कराई थी.