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मैथन में की भव्य आरती, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का भी दिया संदेश

निरसा मैथन में नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत महाआरती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डीडीसी दशरथ चन्द्र दास ने दीप जलाकर किया. महाआरती के लिए 8 स्टेज तैयार किए गए थे. मैथन का दृश्य लोगों को हरिद्वार की याद दिला रहा था.

grand aarti in maithon under namami gange in dhanbad
नमामि गंगे के तहत मैथन में भव्य आरती
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Published : Mar 20, 2021, 2:13 PM IST

धनबाद: निरसा मैथन में नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत महाआरती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डीडीसी दशरथ चन्द्र दास ने दीप जला कर किया. उसके बाद स्थानीय कलाकारों की ओर से कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य, संगीत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी सम्मान को लेकर संदेश दिया गया. महाआरती के लिए 8 स्टेज तैयार किए गए थे.

देखें पूरी खबर

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सैकड़ों लोग रहे मौजूद

मैथन का दृश्य लोगों को हरिद्वार की याद दिला रहा था. हर स्टेज में पंडित पूजा अर्चना कर रहे थे. वहीं डैम में तैर रहे नौका को नमामि गंगे और बैलून से सजाया गया था. जिसे देखकर लोग प्रफुल्लित महसूस कर रहे थे. डीडीसी ने जैसे ही महाआरती की घोषणा की सभी लोगों ने नदी किनारे आकर आरती किया और सैकड़ों लोगों ने हाथों में दीया लेकर मां गंगा को अर्पित किया. सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे नामक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया है. गंगा का बेसिन 1.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है. इसे स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन भी कहा जाता है. इसे वर्ष 2014 में गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए शुरू किया गया था. गंगा नदी में होने वाले प्रदूषण पिछले कई सालों से भारत सरकार और जनता के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. ये नदी उत्तर भारत की सभ्यता और संस्कृति की सबसे मजबूत आधार है.

धनबाद: निरसा मैथन में नमामि गंगा कार्यक्रम के तहत महाआरती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत डीडीसी दशरथ चन्द्र दास ने दीप जला कर किया. उसके बाद स्थानीय कलाकारों की ओर से कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य, संगीत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नारी सम्मान को लेकर संदेश दिया गया. महाआरती के लिए 8 स्टेज तैयार किए गए थे.

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सैकड़ों लोग रहे मौजूद

मैथन का दृश्य लोगों को हरिद्वार की याद दिला रहा था. हर स्टेज में पंडित पूजा अर्चना कर रहे थे. वहीं डैम में तैर रहे नौका को नमामि गंगे और बैलून से सजाया गया था. जिसे देखकर लोग प्रफुल्लित महसूस कर रहे थे. डीडीसी ने जैसे ही महाआरती की घोषणा की सभी लोगों ने नदी किनारे आकर आरती किया और सैकड़ों लोगों ने हाथों में दीया लेकर मां गंगा को अर्पित किया. सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे नामक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया है. गंगा का बेसिन 1.6 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है. इसे स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन भी कहा जाता है. इसे वर्ष 2014 में गंगा के संरक्षण और कायाकल्प के लिए शुरू किया गया था. गंगा नदी में होने वाले प्रदूषण पिछले कई सालों से भारत सरकार और जनता के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. ये नदी उत्तर भारत की सभ्यता और संस्कृति की सबसे मजबूत आधार है.

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