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देवघरः क्वॉरेंटाइन सेंटर हो रहा है शराब का सेवन, मजदूर उड़ा रहे नियमों की धज्जियां

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Published : May 30, 2020, 4:01 PM IST

देवघर के सारवां प्रखंड स्थित बेलटिकरी क्वॉरेंटाइन सेंटर में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. प्रखंड चिकित्सक ने बताया है कि क्वॉरेंटीन सेंटर में लोग शराब का सेवन करते हैं और बाहर आना जाना भी लगातार जारी है.

migrant workers in deoghar quarantine center
बेलटिकरी क्वॉरेंटाइन सेंटर

देवघर: दूसरे प्रदेशों से घर वापस आए श्रमिकों को ग्रामीण स्तर पर संस्थागत क्वारेंटाइन किया जा रहा है. इनकी पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित बीडीओ और मुखिया की होती है, लेकिन देवघर के सारवां प्रखंड स्थित बेलटिकरी क्वॉरेंटाइन सेंटर में घोर लापरवाही और अव्यवस्था का मामला सामने आया है. इस क्वारेंटाइन सेंटर में बेंगलुरु से आये लगभग एक दर्जन श्रमिकों को रखा गया है.

देखें पूरी खबर

बताया जा रहा है कि इनके लिए न तो खाने की और न ही रहने की कोई व्यवस्था है. यहां तक की इनकी सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. नतीजा है कि सेंटर में रह रहे श्रमिक अपने मर्जी से कहीं भी आते-जाते रहते हैं, लेकिन न तो प्रखंड स्तर से और न ही मुखिया ने इस क्वारेंटाइन सेंटर की जानकारी लेने की कोशिश है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधी उड़ा रहे लोगों के अकाउंट से पैसे, पुलिस की उड़ी नींद

क्वॉरेंटाइन किये गए श्रमिकों की शिकायत पर प्रखंड चिकित्सक यहां पहुंचे थे, जिसके बाद चिकित्सक ने खुलासा किया है कि यहां रह रहे श्रमिक शराब पीकर नशे में रहते हैं. सरावां सीएचसी चिकित्सक ने भी यहां रह रहे श्रमिकों के सेंटर से बाहर आने-जाने की पुष्टि की है. सभी के रेड जोन से आने के कारण इसके गंभीर परिणाम की ओर भी इशारा किया है.

इन सारी अव्यवस्था और बदइंतजामी के बीच स्थाई मुखिया लगातार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. ऐसे में अब श्रमिकों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिनमें से एक का भी रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आया तो यह पूरे जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है.

देवघर: दूसरे प्रदेशों से घर वापस आए श्रमिकों को ग्रामीण स्तर पर संस्थागत क्वारेंटाइन किया जा रहा है. इनकी पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित बीडीओ और मुखिया की होती है, लेकिन देवघर के सारवां प्रखंड स्थित बेलटिकरी क्वॉरेंटाइन सेंटर में घोर लापरवाही और अव्यवस्था का मामला सामने आया है. इस क्वारेंटाइन सेंटर में बेंगलुरु से आये लगभग एक दर्जन श्रमिकों को रखा गया है.

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बताया जा रहा है कि इनके लिए न तो खाने की और न ही रहने की कोई व्यवस्था है. यहां तक की इनकी सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. नतीजा है कि सेंटर में रह रहे श्रमिक अपने मर्जी से कहीं भी आते-जाते रहते हैं, लेकिन न तो प्रखंड स्तर से और न ही मुखिया ने इस क्वारेंटाइन सेंटर की जानकारी लेने की कोशिश है.

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क्वॉरेंटाइन किये गए श्रमिकों की शिकायत पर प्रखंड चिकित्सक यहां पहुंचे थे, जिसके बाद चिकित्सक ने खुलासा किया है कि यहां रह रहे श्रमिक शराब पीकर नशे में रहते हैं. सरावां सीएचसी चिकित्सक ने भी यहां रह रहे श्रमिकों के सेंटर से बाहर आने-जाने की पुष्टि की है. सभी के रेड जोन से आने के कारण इसके गंभीर परिणाम की ओर भी इशारा किया है.

इन सारी अव्यवस्था और बदइंतजामी के बीच स्थाई मुखिया लगातार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. ऐसे में अब श्रमिकों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिनमें से एक का भी रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आया तो यह पूरे जिला प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है.

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