रामगढ़: जिले के मरार स्थित झारखंड राज्य खाद्य निगम के गोदाम से लगभग 14 हजार 700 क्विंटल अनाज लगभग पांच सालों में गायब हो गए हैं. जिसका खुलासा रामगढ़ उपायुक्त के निर्देश के बाद रामगढ़ खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा किए गए जांच के बाद हुआ है. गोदाम के सहायक प्रबंधक संजीव करमाली द्वारा 2019 से अब तक के कोई दस्तावेज अपडेट नहीं किया गया गया.
बुधवार से उपायुक्त के निर्देश पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी रंजीता टोप्पो और प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रीना कुजूर मरार जेएसएफसीडब्ल्यू गोदाम की जांच करने पहुंची थी. उस दौरान भी गोदाम में काफी अनियमितता देखने को मिली. तीन दिनों की लगातार जांच के बाद भी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव कुमार ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को किसी तरह का कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया.
जब गोदाम में रखे अनाज और वितरण किए गए अनाज की जांच जिला आपूर्ति कार्यालय में रिपोर्ट के आधार पर की गई तब अधिकारियों के होश उड़ गए. बाजार मूल्य के लगभग 8 करोड़ रुपए के अनाज का कोई हिसाब संजीव करमाली द्वारा नहीं दिया गया. ऐसे में जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली को स्पष्टीकरण दिया गया है. जिसमें लिखा गया है कि डब्ल्यूबीएनपी योजना, आत्मनिर्भर भारत योजना को छोड़कर एनएफएसए योजना के तहत माह फरवरी 2019 से अक्टूबर 2024, कोविड-19 के लिए उपलब्ध कराए गए चावल, प्रभार में प्राप्त खाद्यान्न, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भंडारित सीएमआर चावल, जेएसएफएसएस योजना के तहत माह फरवरी 2021 से जुलाई 2022, पीएमजीकेएवाई योजना के तहत अप्रैल 2020 से नवंबर 2020, मई 2021 से दिसंबर 2022 तक, अन्नपूर्णा योजना के तहत आगत, निर्गत खाद्यान्न का मिलान किया गया. फलाफल गोदाम में कुल 14574.87 क्विंटल खाद्यान (चावल/गेहूं) नहीं पाया गया और चीनी, नमक, दाल की भी मात्रा में आंशिक अंतर पाया गया.
इस क्रम में गोदाम से संबंधित आगत निर्गत एवं भंडारण पंजी की मांग सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली से की गई परंतु किसी भी पंजी को देने से साफ इनकार किया गया एवं घर पर रहने की बात कही गई. इसके साथ ही कुछ बोरो में भरे खाद्यान्न को जानबूझकर सड़ाने का प्रयास किया गया. आवंटित खाद्यान्न के विरुद्ध वितरण के पश्चात अवशेष मात्रा अनुसार खाद्यान्न गोदाम में नहीं पाया जाना खाद्यान्न कालाबाजारी की संभावना प्रबल हो जाती है जो अत्यंत गंभीर मामला है.
पिछले कई सालों से लगभग 20 से अधिक पत्र लिखकर गोदाम से संबंधित पंजी उपलब्ध कराने के लिए प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली को गोदाम से संबंधित पंजी उपलब्ध कराने/मासिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने/गोदाम से संबंधित वार्षिक प्रतिवेदन उपलब्ध कराने तथा स्पष्टीकरण किया गया, लेकिन उनके द्वारा किसी भी पत्र का तो ना जवाब दिया गया और न हीं अनुपालन किया गया.
18 सितंबर को जिला आपूर्ति पदाधिकारी रंजिता टोप्पो और प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी रीना कुजूर के द्वारा झारखंड राज्य खाद्य निगम गोदाम का संयुक्त निरीक्षण किया गया. इस दौरान वहां भंडारित खाद्यान्न का भौतिक सत्यापन भी किया गया. इसमें फर्श पर 167 क्विंटल अनाज बिखरे हुए और सड़े हुए हालात में पाए गए. जिसे लगभग 300 बोरियों में भरा गया है. जांच के दौरान गोदाम के फर्श पर बिखरे हुए गेहूं को 33 बोरियों में भरा गया. वजन करने पर वह 16.69 क्विंटल हुआ. चावल भी 277 बोरियों में भरा गया, जिसका कुल वजन 141.08 क्विंटल है. इसके अलावा चना, नमक और चीनी की बोरियों की जांच भी की गई.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है. प्रभारी सहायक गोदाम प्रबंधक संजीव करमाली को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2019 से अब तक आगत, निर्गत एवं भंडार पंजी के साथ उपस्थित होकर जवाब दें. अन्यथा यह माना जाएगा की आप दोष को स्वीकार करते हैं और आपके विरुद्ध निलाम पत्र वाद दायर करते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत खाद्यान्न कालाबाजारी, सरकारी दस्तावेज को छुपाने के आरोप में प्राथमिक की दर्ज एवं प्रपत्र 'क' गठित कर निलंबन की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी.
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