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आठ सालों से बंद है ये उपस्वास्थ केंद्र, ढहने लगी है दीवारें

देवघर के मधुपुर के सुल्तानपुर गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार ने उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया था, लेकिन इस भवन में अभी तक कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी नहीं आए हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए शहर आना पड़ता है.

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Published : Jun 18, 2019, 3:03 PM IST

जर्जर अवस्था में उप स्वास्थ्य केंद्र भवन

देवघर/मधुपुर: जाभागुड़ी पंचायत के सुल्तानपुर गांव में लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने 2011 में 25 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया था. भवन निर्माण के 8 साल बीत जाने के बाद भी अब तक यहां के लोगों को स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पा रही है.

जर्जर अवस्था में भवन
इस भवन को अब तक विभाग को हैंड ओवर नहीं किया गया है, जिस कारण भवन धीरे- धीरे जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. भवन के चारों ओर झाड़ी उग आई है और खिड़की दरवाजे के शीशे भी टूट गए है.

ये भी पढ़ें-JSCA स्टेडियम में किया जा रहा बदलाव, जानें क्या है खास

कोई डॉक्टर नहीं उप स्वास्थ्य केंद्र भवन में
ग्रामीणों का कहना है कि जब से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण हुआ है, कभी भी कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी नहीं आए है. अभी ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर या मधुपुर या फिर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर जाना पड़ता है. ऐसे में गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

प्रशासन बेखबर
गांव की मुखिया निलम किस्कु ने बताया कि प्रशासन को कई बार इस बारे में बताया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब भवन बंद रहने के कारण खराब होने लगा है.
सरकार लाखों खर्च कर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए भवन का निर्माण तो करा देती है, लेकिन भूल जाती है कि इन्हें चलाना भी है. अब देखना ये होगा कि भवन में स्वास्थ्य सेवा शुरू होती है या ये खड़हर में बदल जाएगा.

सरकार लाखों खर्च कर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए भवन का निर्माण तो करा देती है, लेकिन भूल जाती है कि इन्हें चलाना भी है. अब देखना ये होगा कि भवन में स्वास्थ्य सेवा शुरू होती है या ये खड़हर में बदल जाएगा.

देवघर/मधुपुर: जाभागुड़ी पंचायत के सुल्तानपुर गांव में लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने 2011 में 25 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया था. भवन निर्माण के 8 साल बीत जाने के बाद भी अब तक यहां के लोगों को स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पा रही है.

जर्जर अवस्था में भवन
इस भवन को अब तक विभाग को हैंड ओवर नहीं किया गया है, जिस कारण भवन धीरे- धीरे जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. भवन के चारों ओर झाड़ी उग आई है और खिड़की दरवाजे के शीशे भी टूट गए है.

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कोई डॉक्टर नहीं उप स्वास्थ्य केंद्र भवन में
ग्रामीणों का कहना है कि जब से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण हुआ है, कभी भी कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी नहीं आए है. अभी ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर या मधुपुर या फिर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर जाना पड़ता है. ऐसे में गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

प्रशासन बेखबर
गांव की मुखिया निलम किस्कु ने बताया कि प्रशासन को कई बार इस बारे में बताया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब भवन बंद रहने के कारण खराब होने लगा है.
सरकार लाखों खर्च कर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए भवन का निर्माण तो करा देती है, लेकिन भूल जाती है कि इन्हें चलाना भी है. अब देखना ये होगा कि भवन में स्वास्थ्य सेवा शुरू होती है या ये खड़हर में बदल जाएगा.

सरकार लाखों खर्च कर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए भवन का निर्माण तो करा देती है, लेकिन भूल जाती है कि इन्हें चलाना भी है. अब देखना ये होगा कि भवन में स्वास्थ्य सेवा शुरू होती है या ये खड़हर में बदल जाएगा.

Intro:8 साल से बंद पड़ा है उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं मिल रहा है ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाBody:25 लाख का उप स्वास्थ्य केंद्र 8 साल से बेकार पड़ा भवन भवन को अब तक नहीं किया गया हैंडओवर

देवघर/मधुपुर के जाभागुड़ी पंचायत के सुल्तानपुर गांव में लोगों को स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने 2011 में 25 लाख की लागत से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया था भवन निर्माण के 8 साल बीत जाने के बाद भी अब तक यहां के लोगों को स्वास्थ सुविधा नहीं मिल पा रही है, इस भवन को अब तक विभाग को हैंड ओवर नहीं किया गया है जिस कारण भवन धीरे धीरे जर्जर अवस्था में पहुंच गया है भवन के चारों ओर झाड़ी उग आया है, इतना ही नहीं भवन में लगे खिड़की दरवाजा का शीशा भी टूट गया है यूं कहें तो भवन पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच गया है उप स्वास्थ्य केंद्र के कई कमरे में गोबर गोयठा रखा हुआ है। जिससे यह दर्शाता है कि इस भवन में कभी भी न तो विभाग के कोई लोग और नहीं चिकित्सक आदि पहुंचे हैं इस भवन का सुधि लेने वाला भी कोई नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से उप स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण हुआ है कभी भी कोई चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी यहां नहीं आए हैं अभी ग्रामीणों को इलाज कराने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय कर या तो मधुपुर या फिर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर जाना पड़ता है, ऐसे में गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
बाईट1और 2 ग्रामिण
बाईट-3-निलम किस्कु,मुखियाConclusion:सरकार लाखों खर्च कर स्वास्थ्य वेदा मुहैया कराने के लिए भवन का निर्माण तो करा देती है लेकिन लोगों को स्वास्थ्य विधा नहीं मिल पाती है बरहाल यह भवन से लोगों को कब स्वास्थ सुविधा मिलेगी इसे बताने वाला कोई नहीं है
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