देवघर: कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश लॉकडाउन है. लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. ऐसे में देवघर के फुटपाथ वेंडर भी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन अब फुटपाथ पर आश्रित आजीविका चला रहे वेंडर्स को अब खाने पीने की चिंता सताने लगी है. ये लोग सरकार से खाने-पीने की चीजें मुहैया कराने को लेकर गुहार लगाने लगे हैं.
5 हजार फुटपाथ दुकानदार
देवघर में फुटपाथ पर लगभग 5 हजार दुकानें लगती है. वेंडर्स अपनी आजीविका इसी फुटपाथ से चलाते हैं. गरीब से लेकर मध्यमवर्गीय परिवार को उचित दामों में कपड़ा से लेकर सिंदूर-बिंदी तक मुहैया कराने वाले ये वेंडर्स आज खुद दाने-दाने को मोहताज हैं. ये सभी दुकान बंद कर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. कुछ वेंडर मास्क बेचकर कमाई कर रहे थे, प्रशासन ने उन्हें भी हटा दिया. ऐसे में अब फुटपाथ दुकानदार बताते हैं कि एक महीना किसी प्रकार अपना परिवार चला लिए, लेकिन अब आफत हो रही है. सरकार से यही उम्मीद है कि कुछ खाने-पीने की चीजें मुहैया कराए ताकि हम लोगों का परिवार चल सके.
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सरकार से सहायता की मांग
फुटपाथ वेंडर दुकानदार संघ अध्यक्ष दिलीप बर्णवाल बताते हैं कि कोरोना महामारी को लेकर लगाया गया लॉकडाउन बहुत जरूरी है, लेकिन इस महामारी के बीच फुटपाथ दुकानदारों को अब खाने-पीने की तकलीफ होने लगी है. वह सरकार से मांग करते हैं कि देवघर जिले के सभी फुटपाथ वेंडरों को चिन्हित कर राहत सामग्री उपलब्ध कराए ताकि भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो.
बहरहाल, कुल मिलाकर कोरोना का कहर अब फुटपाथ वेंडर के बर्दाश्त से बाहर है. लॉकडाउन की स्थिति में किसी प्रकार का आवाजाही नहीं होने के कारण सभी दुकाने बंद हो चुकी है, जिससे डेली कमाने खाने की स्थिति में जीने वाले फुटपाथ वेंडरों को अब खाने-पीने की सामानों की चिंता सताने लगी है. अब सरकार से खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.