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धनबाद के निजी अस्पताल में नहीं थी दवा, बाहर से मंगाने पर डॉक्टर ने मरीज को देने से किया इनकार, जमकर हुआ हंगामा - COMMOTION IN THE HOSPITAL

धनबाद के एक अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ. दवाई देने को लेकर यह हंगामा हुआ. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया.

COMMOTION IN THE HOSPITAL
धनबाद के अस्पताल में हंगामा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 17, 2025, 7:08 PM IST

Updated : Jan 17, 2025, 7:49 PM IST

धनबाद: शहर के एक निजी अस्पताल में मरीज को दवा दिए जाने के सवाल पर जमकर हंगामा हुआ. मरीज के परिजन का आरोप है कि अस्पताल के फार्मेसी में दवा उपलब्ध नहीं थी, जिस कारण बाहर से लाकर दवा दी गई. क्योंकि मरीज की स्थिति गंभीर थी. समय से दवा देना जरूरी था.

अस्पताल प्रबंधन ने परिजन के द्वारा लाई गई बाहर की दवा मरीज को देने से इनकार कर दिया. अस्पताल प्रबंधन अपनी फार्मेसी की दवा उपलब्ध कराने की बात कह रहे थे. इसी बात को लेकर परिजन उग्र हो गए और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा को शांत कराया.

धनबाद के अस्पताल में हंगामा (Etv Bharat)

दरअसल, शहर के चंद्र बिहार कॉलोनी के रहने वाले निर्दोष जैन नामक शख्स कैंसर से पीड़ित हैं. पिछले 8 जनवरी को परिजन के द्वारा उन्हें शहर के बरटांड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिलहाल मरीज वेंटिलेटर पर है. अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा आज एक दवा लिखी गई थी जो अस्पताल में नहीं थी.

मरीज की बेटी पिंकी जैन का कहना है कि यहां वह अपने पिता का इलाज करा रही है. उसका कहना है कि यहां के डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवाई अस्पताल के फार्मेसी में नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने यह दवा बाहर से लाकर दी ताकि मरीज को दवा देने के साथ ही गंभीर स्थिति में सुधार हो सके. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा दवा लेने से इनकार कर दिया गया.

अस्पताल प्रबंधन के द्वारा यह कहा गया कि हम दवा मंगवा रहे हैं. साथ ही परिजनों का कहना है कि मरीज की स्थिति अच्छी नहीं थी, सही समय से दवा नहीं पड़ती और अगर मौत हो जाती तो इसके लिये जिम्मेदार कौन होता?

वहीं दूसरी ओर अस्पताल के एडमिन निवेदिता मुखर्जी और डॉक्टर ए एम राय ने कहा कि हमारे अस्पताल के ही फार्मेसी में से दवा मरीजों को दी जाती है. डॉक्टर के द्वारा मरीज के लिए दवा लिखे जाने के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद दवा उपलब्ध करा दी गयी. जबकि परिजन अपनी दवा देने की जिद पर अड़े थे. डॉक्टर ए एम राय का कहना है कि इस दवा के डेढ़ घंटे देर होने से भी मरीज को किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है. मगर परिजन इसी को लेकर हंगामा कर रहे हैं.
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अस्पताल प्रबंधन ने परिजन के द्वारा लाई गई बाहर की दवा मरीज को देने से इनकार कर दिया. अस्पताल प्रबंधन अपनी फार्मेसी की दवा उपलब्ध कराने की बात कह रहे थे. इसी बात को लेकर परिजन उग्र हो गए और अस्पताल परिसर में हंगामा करने लगे. सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा को शांत कराया.

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दरअसल, शहर के चंद्र बिहार कॉलोनी के रहने वाले निर्दोष जैन नामक शख्स कैंसर से पीड़ित हैं. पिछले 8 जनवरी को परिजन के द्वारा उन्हें शहर के बरटांड़ स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिलहाल मरीज वेंटिलेटर पर है. अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा आज एक दवा लिखी गई थी जो अस्पताल में नहीं थी.

मरीज की बेटी पिंकी जैन का कहना है कि यहां वह अपने पिता का इलाज करा रही है. उसका कहना है कि यहां के डॉक्टर के द्वारा लिखी गई दवाई अस्पताल के फार्मेसी में नहीं थी, जिसके बाद उन्होंने यह दवा बाहर से लाकर दी ताकि मरीज को दवा देने के साथ ही गंभीर स्थिति में सुधार हो सके. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा दवा लेने से इनकार कर दिया गया.

अस्पताल प्रबंधन के द्वारा यह कहा गया कि हम दवा मंगवा रहे हैं. साथ ही परिजनों का कहना है कि मरीज की स्थिति अच्छी नहीं थी, सही समय से दवा नहीं पड़ती और अगर मौत हो जाती तो इसके लिये जिम्मेदार कौन होता?

वहीं दूसरी ओर अस्पताल के एडमिन निवेदिता मुखर्जी और डॉक्टर ए एम राय ने कहा कि हमारे अस्पताल के ही फार्मेसी में से दवा मरीजों को दी जाती है. डॉक्टर के द्वारा मरीज के लिए दवा लिखे जाने के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद दवा उपलब्ध करा दी गयी. जबकि परिजन अपनी दवा देने की जिद पर अड़े थे. डॉक्टर ए एम राय का कहना है कि इस दवा के डेढ़ घंटे देर होने से भी मरीज को किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है. मगर परिजन इसी को लेकर हंगामा कर रहे हैं.
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Last Updated : Jan 17, 2025, 7:49 PM IST
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