घाटशिला: डुमरिया प्रखंड के तत्कालीन केंदुआ और वर्तमान में खैरबानी पंचायत का लखाईडीह गांव दर्जनों पहाड़ी के ऊपर सबसे ऊंची चोटी पर बसा है. पथरीले और संकरे रास्तों की वजह से यहां के लोगों का कभी कभार ही डुमरिया या दूसरी जगहों पर आना जाता होता था. हालांकि इसको देखते हुए आईएएस कमल किशोर सोन मूलभूत सुविधाओं से इस गांव की बदहाल तस्वीर बदल रहे हैं.
दरअसल, डुमरिया प्रखंड में बतौर ट्रेनी बीडीओ के तौर पर एक आईएएस युवा कमल किशोर सोन की पोस्टिंग हुई. अधिकारी को जब इस गांव के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होने लखाई डीह गांव आने का मन बनाया. हालांकि यह फैसला इतना आसान नहीं था. इसके बावजूद दृढ़ निश्चय करके वह दिन भर पैदल चलते हुए पहाड़ियों को पार कर लखाई डीह गांव पहुंचे. आइएएस अधिकारी कमल किशोर पहाड़ी के ऊपर जाकर वहां की मनोरम छटा को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. इसके बाद उन्होंने इस गांव की स्थिति को बदलने का फैसला किया.
उन्होंने ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई के लिए जमशेदपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल में उनका दाखिला कराया. बतौर ट्रेनी रहते ही उन्होंने मुसाबनी और जादूगोड़ा में चलने वाली एचसीएल और यूसिआईएल कंपनी के सहयोग से इस गांव में एक स्कूल का निर्माण कराया और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कराई. इसके बाद कमल किशोर प्रमोशन पाकर राज्य के कई जिलों के उपायुक्त और कई विभागों के सचिव और डायरेक्टर बनते गए. हालांकि लखाईडीह से उनका लगाव कम नहीं हुआ.
वो कहते हैं न की नेक काम की सोच के साथ हमेशा अच्छा ही होता है. केके सोन के साथ भी वही हुआ. उनकी शादी भी झारखंड की तेज तर्रार महिला आईएएस अराधना पटनायक के साथ हुई. उन्होंने भी लखाईडीह गांव से अपनापन बढ़ाया और दोनों आइएएस पति-पत्नी ने इस गांव की तस्वीर को कंधे से कंधा मिलाकर बदलना शुरू किया. केके सोन की पहल पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की विशेष स्कीम के तहत इस पहाड़ी पर सड़क का निर्माण कराया गया, जिससे यहां आना जाना सुगम हो गया.
आराधना पटनायक जब दो साल पहले राज्य की शिक्षा सचिव रहीं तब अपने पति केके सोन के साथ इस गांव में आई और उसी दिन गांव में 4 स्कूल बिल्डिंग, छात्रावास, शिक्षकों के खाली पदों, आवासीय विद्यालय का भवन और पेयजल की समस्या को दूर किया. इसके साथ ही सूबे के पथ निर्माण विभाग सचिव कमल किशोर सोन ने इस गांव में स्पेशल कोटे की स्वीकृति से एक पुलिया का निर्माण कराया, जो अभी भी निर्माणाधीन है. केके सोन और आराधन पटनायक ने इस गांव को गोद भी लिया है और यहां के ग्राम प्रधान के 2 बच्चों को अपने खर्च पर उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं, जिसमें विक्रम टुडू वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है और सिविल सेवा की परीक्षा का पहला पायदान पार कर चुका है. वहीं, उनकी बेटी सलमा टुडू रांची में ही तकनीकी पढ़ाई कर रही है.