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घाटशिला: इस आईएएस दंपति ने बदली लखाईडीह गांव की बदहाल तस्वीर - Ghatshila News

घाटशिला के लखाईडीह गांव की बदहाली को देखते हुए आईएएस कमल किशोर सोन अपने प्रयासों से यहां की तस्वीर बदल रहे हैं. उन्होंने गांव में सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराया है.

आईएएस दंपति ने बदली लखाईडीह गांव की बदहाल तस्वीर
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Published : Jul 19, 2019, 11:05 AM IST

घाटशिला: डुमरिया प्रखंड के तत्कालीन केंदुआ और वर्तमान में खैरबानी पंचायत का लखाईडीह गांव दर्जनों पहाड़ी के ऊपर सबसे ऊंची चोटी पर बसा है. पथरीले और संकरे रास्तों की वजह से यहां के लोगों का कभी कभार ही डुमरिया या दूसरी जगहों पर आना जाता होता था. हालांकि इसको देखते हुए आईएएस कमल किशोर सोन मूलभूत सुविधाओं से इस गांव की बदहाल तस्वीर बदल रहे हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, डुमरिया प्रखंड में बतौर ट्रेनी बीडीओ के तौर पर एक आईएएस युवा कमल किशोर सोन की पोस्टिंग हुई. अधिकारी को जब इस गांव के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होने लखाई डीह गांव आने का मन बनाया. हालांकि यह फैसला इतना आसान नहीं था. इसके बावजूद दृढ़ निश्चय करके वह दिन भर पैदल चलते हुए पहाड़ियों को पार कर लखाई डीह गांव पहुंचे. आइएएस अधिकारी कमल किशोर पहाड़ी के ऊपर जाकर वहां की मनोरम छटा को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. इसके बाद उन्होंने इस गांव की स्थिति को बदलने का फैसला किया.

उन्होंने ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई के लिए जमशेदपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल में उनका दाखिला कराया. बतौर ट्रेनी रहते ही उन्होंने मुसाबनी और जादूगोड़ा में चलने वाली एचसीएल और यूसिआईएल कंपनी के सहयोग से इस गांव में एक स्कूल का निर्माण कराया और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कराई. इसके बाद कमल किशोर प्रमोशन पाकर राज्य के कई जिलों के उपायुक्त और कई विभागों के सचिव और डायरेक्टर बनते गए. हालांकि लखाईडीह से उनका लगाव कम नहीं हुआ.

वो कहते हैं न की नेक काम की सोच के साथ हमेशा अच्छा ही होता है. केके सोन के साथ भी वही हुआ. उनकी शादी भी झारखंड की तेज तर्रार महिला आईएएस अराधना पटनायक के साथ हुई. उन्होंने भी लखाईडीह गांव से अपनापन बढ़ाया और दोनों आइएएस पति-पत्नी ने इस गांव की तस्वीर को कंधे से कंधा मिलाकर बदलना शुरू किया. केके सोन की पहल पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की विशेष स्कीम के तहत इस पहाड़ी पर सड़क का निर्माण कराया गया, जिससे यहां आना जाना सुगम हो गया.

आराधना पटनायक जब दो साल पहले राज्य की शिक्षा सचिव रहीं तब अपने पति केके सोन के साथ इस गांव में आई और उसी दिन गांव में 4 स्कूल बिल्डिंग, छात्रावास, शिक्षकों के खाली पदों, आवासीय विद्यालय का भवन और पेयजल की समस्या को दूर किया. इसके साथ ही सूबे के पथ निर्माण विभाग सचिव कमल किशोर सोन ने इस गांव में स्पेशल कोटे की स्वीकृति से एक पुलिया का निर्माण कराया, जो अभी भी निर्माणाधीन है. केके सोन और आराधन पटनायक ने इस गांव को गोद भी लिया है और यहां के ग्राम प्रधान के 2 बच्चों को अपने खर्च पर उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं, जिसमें विक्रम टुडू वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है और सिविल सेवा की परीक्षा का पहला पायदान पार कर चुका है. वहीं, उनकी बेटी सलमा टुडू रांची में ही तकनीकी पढ़ाई कर रही है.

घाटशिला: डुमरिया प्रखंड के तत्कालीन केंदुआ और वर्तमान में खैरबानी पंचायत का लखाईडीह गांव दर्जनों पहाड़ी के ऊपर सबसे ऊंची चोटी पर बसा है. पथरीले और संकरे रास्तों की वजह से यहां के लोगों का कभी कभार ही डुमरिया या दूसरी जगहों पर आना जाता होता था. हालांकि इसको देखते हुए आईएएस कमल किशोर सोन मूलभूत सुविधाओं से इस गांव की बदहाल तस्वीर बदल रहे हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

दरअसल, डुमरिया प्रखंड में बतौर ट्रेनी बीडीओ के तौर पर एक आईएएस युवा कमल किशोर सोन की पोस्टिंग हुई. अधिकारी को जब इस गांव के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होने लखाई डीह गांव आने का मन बनाया. हालांकि यह फैसला इतना आसान नहीं था. इसके बावजूद दृढ़ निश्चय करके वह दिन भर पैदल चलते हुए पहाड़ियों को पार कर लखाई डीह गांव पहुंचे. आइएएस अधिकारी कमल किशोर पहाड़ी के ऊपर जाकर वहां की मनोरम छटा को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. इसके बाद उन्होंने इस गांव की स्थिति को बदलने का फैसला किया.

उन्होंने ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई के लिए जमशेदपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल में उनका दाखिला कराया. बतौर ट्रेनी रहते ही उन्होंने मुसाबनी और जादूगोड़ा में चलने वाली एचसीएल और यूसिआईएल कंपनी के सहयोग से इस गांव में एक स्कूल का निर्माण कराया और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कराई. इसके बाद कमल किशोर प्रमोशन पाकर राज्य के कई जिलों के उपायुक्त और कई विभागों के सचिव और डायरेक्टर बनते गए. हालांकि लखाईडीह से उनका लगाव कम नहीं हुआ.

वो कहते हैं न की नेक काम की सोच के साथ हमेशा अच्छा ही होता है. केके सोन के साथ भी वही हुआ. उनकी शादी भी झारखंड की तेज तर्रार महिला आईएएस अराधना पटनायक के साथ हुई. उन्होंने भी लखाईडीह गांव से अपनापन बढ़ाया और दोनों आइएएस पति-पत्नी ने इस गांव की तस्वीर को कंधे से कंधा मिलाकर बदलना शुरू किया. केके सोन की पहल पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की विशेष स्कीम के तहत इस पहाड़ी पर सड़क का निर्माण कराया गया, जिससे यहां आना जाना सुगम हो गया.

आराधना पटनायक जब दो साल पहले राज्य की शिक्षा सचिव रहीं तब अपने पति केके सोन के साथ इस गांव में आई और उसी दिन गांव में 4 स्कूल बिल्डिंग, छात्रावास, शिक्षकों के खाली पदों, आवासीय विद्यालय का भवन और पेयजल की समस्या को दूर किया. इसके साथ ही सूबे के पथ निर्माण विभाग सचिव कमल किशोर सोन ने इस गांव में स्पेशल कोटे की स्वीकृति से एक पुलिया का निर्माण कराया, जो अभी भी निर्माणाधीन है. केके सोन और आराधन पटनायक ने इस गांव को गोद भी लिया है और यहां के ग्राम प्रधान के 2 बच्चों को अपने खर्च पर उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं, जिसमें विक्रम टुडू वर्तमान में दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है और सिविल सेवा की परीक्षा का पहला पायदान पार कर चुका है. वहीं, उनकी बेटी सलमा टुडू रांची में ही तकनीकी पढ़ाई कर रही है.

Intro:झारखण्ड के घाटशिला में बसे आदिवासी बहुल डुमरिया प्रखंड के लखाईडीह गाँव का जिसकी तस्वीर अब बदलने लगी है|



घाटशिला(पूर्वी सिंहभूम)



किसी ने ठीक ही कहा है की “कौन कहता है की आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो” ठीक इसी तरह आज से लगभग एक दशक पहले एक आईएस ऑफिसर अपनी नौकरी की पहली ट्रेनिंग के लिए किसी आदिवासी पहल प्रखंड में आते हैं और इस क्षेत्र के सबसे अंतिम छोर दर्जनों पहाड़ियों के पार सबसे ऊँची चोटी पर बसे गाँव के बारे में सुनने के बाद वहां जाने का मन बनाता है जहां जाना उस समय इतना आसान नहीं था| और जाकर इस गाँव की तस्वीर बदलने की परिकल्पना करता है जो आज भी जारी है|

Body:दरअसल डुमरिया प्रखंड के तत्कालीन केंदुआ और वर्तमान में खैरबानी पंचायत के लखाईडीह गाँव जो सतही जमीन से लगभग दर्जनों पहाड़ी के ऊपर सबसे ऊँची चोटी पर बसा है जहां के लोग कभी कभार ही डुमरिया या अन्य जगहों पर आते थे क्योंकि वहां से आना इतना आसान नहीं था|

उसी समय डुमरिया प्रखंड में बतौर ट्रेनी बीडीओ के तौर पर एक आइएस युवा अधिकारी की पोस्टिंग होती है जिसका नाम है कमल किशोर सोन जिनमे कुछ करने की चाहत शायद जन्मजात ही मिली थी, को जब इस गाँव के बारे में गाँव के अभिभावक और ग्रामप्रधान कान्हू राम टुडू से जानकारी मिली तो इन्होने लखाई डीह गाँव आने का मन मनाया,परन्तु यह निर्णय इतना आसान नहीं था फिर भी इनके द्रिढ निश्चय के आगे ये मायने नहीं रखा तत्कालीन ट्रेनी बीडीओ कमल किशोर सोन किसी तरह दिन भर चलते चलते पहाड़ियों को पार कर लखाई डीह गाँव पहुंच जाते हैं जहां की मनोरम छटा को देखकर वो काफी मन्त्रमुग्द्ध हो गए जिसके बाद इनके मन में इस गाँव की परिदृश्य को बदलने की परिकल्पना जगी,उसी समय इन्हुने यहाँ के कुच्छ बच्चों को पढ़ाने ले लिए जमशेदपुर स्थित रामकृष्ण मिशन स्कुल में दाखिला दिलवाया और बतौर ट्रेनी रहते ही के के सोन ने मुसाबनी और जादूगोड़ा में चलने वाली एचसीएल तथा युसिआईएल कम्पनी के सहयोग से इस गाँव में एक कमरे का स्कुल निर्माण कराया और शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कराई|



जिसके बाद समय समय पर इस गाँव के स्कुल का विकाश होने लगा |

और के.के.सोन अपना परमोशन पाकर राज्य के कई जिलों के उपायुक्त और कई विभागों के सचिव और डायरेक्टर बनते गए परन्तु लखाई डीह से इनका लगाव कम नहीं हुआ| कहता है न की नेक काम की सोच के साथ हमेशा अच्छा ही होता है इनके साथ भी वही हुआ इनकी शादी भी झारखण्ड की तेज तर्रार महिला आईएस अराधना पटनायक के सतह हुई जिन्होंने भी इस लखाईडीह गाँव से अपना अपनापन बढाया और दोनों आइएस पति पत्नी ने इस गाँव की तस्वीर बदलने का कार्य कंधे से कंधे मिलाकर शुरू किया| केके सोन के पहल पर प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना के विशेष स्कीम के तहत इस पहाड़ी पर सड़क का निर्माण कराया गया जिससे यहाँ आना जाना आजा सुगम हो गया है|अराधना पटनायक जब दो साल पहले राज्य की शिक्षा सचिव थी तब अपने पति केके सोन के साथ इस गाँव में आई थी और उसी दिन इस गाँव में 04 स्कुल बिल्डिंग,छात्रावास,

शिक्षकों के खाली पदों को पूरा करने,आवासीय विद्यालय का भवन,और व्यवस्था सहित पेयजल की समस्या को दूर किया ,सतह ही राज्य के पथ निर्माण विभाग के सचिव कमल किशोर सोन ने इस गाँव में एक पुलिया जो गाँव के लिए महत्वपूर्ण था उसकी स्वीकृति स्पेशल कोटे से देकर इसका निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाया जो अभी चल रहा है|केके सों और आराधन पटनायक ने इस गाँव को गोद भी लिया है और यहाँ के ग्राम प्रधान के दो बच्चे को अपने खर्च पर उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं जिसमे बिक्रम टुडू वर्तमान मे दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र है और सिविल सेवा की परीक्षा का पहला पायदान पार कर चुका है और सलमा टुडू रांची में ही तकनिकी पढ़ाई कर रही है|Conclusion:अपने इसी लगाव के चलते राज्य सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग तथा पथ परिवहन विभाग के सचिव कमल किशोर सोन और इनकी पत्नी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और अन्य अधिकारियों के साथ लखाईडीह गाँव पहुंची और स्कुल सहित गाँव के अन्य विकाश कार्यों का जायजा लिया |

लखाईडीह पहुँचने पर ग्रामीणों ने पारम्परिक तरीके से नाच गा कर अतिथियों का स्वागत किया|इस मौके पर सबसे पहले दोनों अधिकारी स्कुल के बच्चों से मिले और इनकी समस्याएं सुनी और बेहतर पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया साथ ही गाँव में श्रम दान कर पौधारोपण कर जल संरक्षण के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया,साथ ही गाँव में बन रहे पुल का भी निरिक्षण अधिकारियों के टीम ने किया और इसे समय से पहले पूरा करने का आदेश भी दिया| इस दौड़ान गाँव की लड़कियां आराधन पटनायक से मिलकर अपनी समस्याएं बतायी|

इसके बाद गाँव के पूजा स्थल में चटाई पर ग्रामीणों के साथ इन अधिकारियों ने चौपाल लगाई और ग्रामीणों के समस्याओं को जानने का प्रयास किया तथा सरकार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी और महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों को दिया|

और ग्रामीणों के साथ बैठकर खाना भाई खाया|

इस मौके पर पथ निर्माण एवं भूमि सुधार और राजस्व सचिव के.के सोन ने कहा की अधिकारियों को गाँव से जुड़ाव होना चाहिए|

वहीँ आराधना पटनायक ने कहा की गाँव के विकाश के लिए हमलोग मिलकर काम करने में जुटे हैं|

गाँव के प्रति इन अधिकारियों के लगाव को देखकर ग्रामीण काफी खुश हैं जिनके चलते गाँव की तस्वीर बदलने लगी है|

बाइट:-

01.कमल किशोर सोन,सचिव भू-सुधार,राजस्व और पथ निर्माण विभाग,झारखण्ड सरकार|

02.श्रीमती अराधना पटनायक,सचिव पेयजल एवं स्वक्षता मिशन|



रिपोर्ट

कनाई राम हेंब्रम

घाटशिला

9279289270

9304805270

JHC10017
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