पलामू: कोयलांचल में आपराधिक गिरोह के वर्चस्व की लड़ाई का बदला पलामू में लिया गया है. पलामू के चैनपुर में कोयलांचल के गिरोह के सुप्रीमो भरत पांडेय और उसके राइट हैंड दीपक साव की गोली मारकर हत्या हुई है. पिछले 31 दिसंबर से भरत और दीपक पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के गरदा गांव में पनाह लिए हुए थे. गरदा में भरत पांडेय के मौसा का घर है. भरत के मौसा के घर में ही दोनों की हत्या हुई है. जिस इलाके में यह घटना हुई वह घनी आबादी वाला इलाका है.
अपराधियों को भरत और दीपक की सटीक सूचना
भरत पांडेय और दीपक के बारे में अपराधियों को सटीक सूचना थी. जिस कमरे में दोनों सोए हुए थे, उसी कमरे में अपराधी सीधे पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जबकि बगल के कमरे में सोए हुए महावीर सिंह और अंशु सिंह को अपराधियों ने भागने के क्रम में पैर और हाथ में गोली मारी है. अपराधी ताला तोड़कर अंदर दाखिल हुए और सीधे दोनों के कमरे में पहुंचे थे.
आधा दर्जन से अधिक थी अपराधियों की संख्या
भरत और दीपक को गोली मारने के बाद अपराधी पैदल भाग गए. घटनास्थल मेन रोड से करीब 300 मीटर की दूरी पर है. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार अपराधियों ने रोड पर ही गाड़ी को खड़ा किया था और घटना को अंजाम देने के बाद रोड तक अपराधी पैदल भागे हैं. पुलिस के स्निफर डॉग भी घटनास्थल से रोड तक गए थे.
घटनास्थल पर सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद, चैनपुर थाना प्रभारी श्रीराम शर्मा और सतबरवा थाना प्रभारी अंचित कुमार कैंप कर रहे हैं. इधर, भरत के मौसा अजय सिंह ने बताया कि वे दूसरे कमरे में सोए हुए थे. अचानक गोलियों की आवाज आने लगी. उन्हें लगा कि बच्चों के कमरे में बिजली की तार आपस में सट गए हैं. बाहर निकला तो देखा कि आधा दर्जन के करीब अपराधी भाग रहे हैं. कमरे में भरत और दीपक की मौत हो गई थी. भतीजा अंशु और भांजा महावीर सिंह को भी गोली लगी थी.
हिरासत में लिया गया ड्राइवर
पुलिस की जांच में घटनास्थल पर गोली और खोखा बिखरा पड़ा मिला. पुलिस के अनुसार अपराधियों ने हत्याकांड में 7.65 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल किया है. पुलिस ने भरत के ड्राइवर को हिरासत में लिया है, जो पलामू का रहने वाला है. करीब तीन महीने पहले ही पलामू का युवक भरत का ड्राइवर बना था.
पुलिस के अनुसार घर के अंदर से ताला खोला गया है, जिससे अपराधी अंदर दाखिल हुए. भरत रामगढ़ में 10 बड़े घटनाओं का आरोपी है. रांची से एफएसएल की टीम भी पलामू पहुंकर जांच कर रही है. एफएसएल जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा.
पुलिस सभी बिंदुओं पर अनुसंधान कर रही है, यह जांच का विषय है कि अपराधियों को आखिर इतनी सटीक सूचना कैसे मिली है. जिस कमरे में दोनों रुके थे उसी कमरे में फायरिंग हुई है. भरत और दीपक का आपराधिक इतिहास रहा है पांडेय गिरोह से जुड़े रहे हैं. दोनों रामगढ़ के पतरातू के रहने वाले हैं - मणिभूषण प्रसाद, एसडीपीओ, सदर मेदिनीनगर
भरत के कई गिरोहों के साथ थी वर्चस्व की लड़ाई
भरत और दीपक की कोयलांचल में कई आपराधिक गिरोह के साथ वर्चस्व की लड़ाई थी. भरत के चाचा अशोक पांडेय, भोला पांडेय गिरोह का सदस्य हुआ करते थे. 2021 में अशोक पांडेय की हत्या हुई थी. चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए भरत ने अशोक बक्शी नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद भोला पांडेय के गिरोह से भरत पांडेय अलग हो गया था और खुद एक नया गिरोह खड़ा किया था. भरत जुलाई 2024 को जेल से बाहर निकला था. जेल से निकलने के बाद कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था.
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