देवघर: देवीपुर प्रखंड स्थित धबोवा में लाखों खर्च कर बनाया गया सरकारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का हाल बदहाल हो गया है. लगभग 10 वर्ष पूर्व लाखों खर्च कर बनाया गया इस स्वास्थ्य केंद्र में लोगों का आने जाने का रास्ता भी नहीं है. इसके साथ ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से बनाया गया इस भवन में अबतक ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है.
कबाड़खाना बना अस्पताल
देवीपुर के धबोवा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर अब स्वास्थ्य केंद्र कम कबाड़ खाना ज्यादा लग रहा है, जहाँ मरीजों का आने जाने का रास्ता भी बंद है. यही नहीं भवन में मरीजों की जगह लकड़ी, टायर, टिन, ट्रैक्टर के पार्ट्स जैसे के सामान रखे जाते हैं. स्वास्थ्य केंद्र के पीछे बैगन, मिर्ची की खेती की जा रही है. मुख्य द्वार पर ताला लटका हुआ है, जिसमें अब झड़ी उग चुकी है. हालांकि, भवन का रंग रोगन जरूर किया गया है. एक कमरे में कुछ दवाई जरूर दिखाई दे रही है, लेकिन दरवाजे पर ताला लटका हुआ है.
ग्रामीणों में नाराजगी
ऐसे में ग्रामीण बताते हैं कि यहां ना ही एएनएम आती है और न ही चिकित्सा पदाधिकारी. यह स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ नाम का है. इससे ग्रामीणों को किसी भी प्रकार का स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल सका है. ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में इलाज किया जाता तो ग्रामीणों को शहर की और दौड़ नहीं लगानी पड़ती. सरकार से मांग करते हैं कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर ध्यान आकृष्ट करे ताकि ग्रामीणों को सरकारी स्वास्थ्य लाभ मिल सके.
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'सीएचसी से करवाएंगे जांच'
धबोवा में हेल्थ एंड वेलनेस स्वास्थ्य केंद्र की उदासीनता को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने जिले के सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार से जवाब तलब किया तो उन्होंने देवीपुर प्रखंड के सीएचसी प्रभारी से जांच कराने की बात कही है. ऐसे में अगर लापरवाही सामने आती है तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी पर कार्रवाही की जाएगी. और जल्द सभी आवश्यक कार्य शुचारु करने का आदेश दिया है. कुल मिलाकर धबोवा में बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र से ग्रामीणों को अबतक स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे ग्रामीण खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. ऐसे में विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों को कब तक स्वास्थ्य लाभ उन्हें अपने घरों में मिल पाता है देखना दिलचस्प होगा.