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चाईबासा: नोवामुंडी टाटा स्टील के ठेकेदार और मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर काम किया ठप, हड़ताल पर गए मजदूर

चाईबासा के नोआमुंडी टाटा स्टील कंपनी निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों और मजदूरों को कार्य स्थल पर जाने से रोक दिया है. जिसके बाद मजदूर सड़क पर ही कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. मजदूरों ने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुई है और यह आंदोलन तब तक चलती रहेगी जब तक कंपनी मांगों को पूरी नहीं करती है.

Novamundi Tata Steel contractor and laborers went on strike in chaibasa
मांग करते हुए मजदूर
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Published : Feb 13, 2020, 12:44 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के अंतर्गत नोआमुंडी टाटा स्टील कंपनी के अधीन संग्रामसाईं में आवासीय कॉलोनी का निर्माण काम चल रहा है. वहीं, टाटा पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने कार्यस्थल पर ताला लगा दिया. इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर बवाल काटने वाले ठेकेदारों और मजदूरों को कंपनी के अधिकारियों ने धमकी देते हुए काम पर जाने से रोक दिया. ठेकेदार और मजदूरों भी कार्यस्थल पर ताला जड़ दिए जाने का विरोध करते हुए वापस अपने घर लौट गए.

देखें पूरी खबर

बता दें कि बुधवार को टाटा स्टील कंपनी के अधीन संग्राम साईं कैंप में आवासीय कॉलोनी निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार और मजदूरों को विगत 7 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर आवाज उठाई थी. जिसे लेकर कंपनी के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत पूरी नहीं हुई. जिसका उन्होंने देर शाम तक विरोध किया था और अपने वेतन भुगतान के साथ अपनी मांगों को लेकर काम ठप कर दिया था.

टीपीएल के ठेकेदार रंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले 7 माह से कंपनी ने एक भी पैसा भुगतान नहीं किया है. कंपनी के अधिकारी मजदूर बढ़ाने की बात कह कर आदमी बुलाने को कहते हैं उसके बाद जब मजदूर आ जाते हैं तो उन्हें भगाते रहते हैं. टाटा स्टील के काम को एक जगह मजदूरी 700 और दूसरी जगह 400 दिया जाता है, मजदूरों का हाजिरी काट दिया जाता है और उसका पैसा नहीं दिया जाता है. इसके साथ ही ओवरटाइम का भी पैसा नहीं दिया जाता है. कंपनी से सारे वर्कर अपनी मांगों को रखते हैं तो कंपनी दादागिरी करती है, गाली गलौज करती है.

ये भी देखें- एक साल से पत्थलगड़ी का मास्टरमाइंड युसूफ पूर्ति है गायब, ये है उसका दास्तान-ए-जुर्म

कंपनी के अधिकारियों ने कार्यस्थल के गेट पर ताला मार दिया है कहा कि किसी वर्कर को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 दिन से इनको समय और लेटर देते गए हैं और लिखित में ले कर दिए हैं. हमारे पास उनका रिसिविंग है. कॉलोनी में जो मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था है वह एकदम घटिया स्तर की है. जिसे मजदूर खाना नहीं चाहते हैं. मजदूरों के रहने के लिए खटिया आदि की व्यवस्था की गई थी वह मजदूरों को नहीं दिया गया है. मजदूरों से जमीन पर सोने के लिए कहा जा रहा है. कंपनी इस तरह से अन्याय और अत्याचार और गुंडागर्दी कर रही है. इसके विरोध में लोग अपना शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चालू किए हैं और तब तक आंदोलन चालू रहेगा जब तक हमारी डिमांड पूरी नहीं की जाएगी.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम के अंतर्गत नोआमुंडी टाटा स्टील कंपनी के अधीन संग्रामसाईं में आवासीय कॉलोनी का निर्माण काम चल रहा है. वहीं, टाटा पावर प्रोजेक्ट लिमिटेड कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने कार्यस्थल पर ताला लगा दिया. इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर बवाल काटने वाले ठेकेदारों और मजदूरों को कंपनी के अधिकारियों ने धमकी देते हुए काम पर जाने से रोक दिया. ठेकेदार और मजदूरों भी कार्यस्थल पर ताला जड़ दिए जाने का विरोध करते हुए वापस अपने घर लौट गए.

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बता दें कि बुधवार को टाटा स्टील कंपनी के अधीन संग्राम साईं कैंप में आवासीय कॉलोनी निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार और मजदूरों को विगत 7 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर आवाज उठाई थी. जिसे लेकर कंपनी के अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत पूरी नहीं हुई. जिसका उन्होंने देर शाम तक विरोध किया था और अपने वेतन भुगतान के साथ अपनी मांगों को लेकर काम ठप कर दिया था.

टीपीएल के ठेकेदार रंजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले 7 माह से कंपनी ने एक भी पैसा भुगतान नहीं किया है. कंपनी के अधिकारी मजदूर बढ़ाने की बात कह कर आदमी बुलाने को कहते हैं उसके बाद जब मजदूर आ जाते हैं तो उन्हें भगाते रहते हैं. टाटा स्टील के काम को एक जगह मजदूरी 700 और दूसरी जगह 400 दिया जाता है, मजदूरों का हाजिरी काट दिया जाता है और उसका पैसा नहीं दिया जाता है. इसके साथ ही ओवरटाइम का भी पैसा नहीं दिया जाता है. कंपनी से सारे वर्कर अपनी मांगों को रखते हैं तो कंपनी दादागिरी करती है, गाली गलौज करती है.

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कंपनी के अधिकारियों ने कार्यस्थल के गेट पर ताला मार दिया है कहा कि किसी वर्कर को अंदर नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 दिन से इनको समय और लेटर देते गए हैं और लिखित में ले कर दिए हैं. हमारे पास उनका रिसिविंग है. कॉलोनी में जो मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था है वह एकदम घटिया स्तर की है. जिसे मजदूर खाना नहीं चाहते हैं. मजदूरों के रहने के लिए खटिया आदि की व्यवस्था की गई थी वह मजदूरों को नहीं दिया गया है. मजदूरों से जमीन पर सोने के लिए कहा जा रहा है. कंपनी इस तरह से अन्याय और अत्याचार और गुंडागर्दी कर रही है. इसके विरोध में लोग अपना शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चालू किए हैं और तब तक आंदोलन चालू रहेगा जब तक हमारी डिमांड पूरी नहीं की जाएगी.

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