नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत को 2030 की समयसीमा से पहले रूस के साथ वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में 100 बिलियन अमरीकी डॉलर हासिल करने का भरोसा है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अधिक ठोस संबंध वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रतिध्वनि रखते हैं.
वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग (IRIGC-TEC) को लेकर जारी 25वें भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि व्यापार में कई चैलेंज हैं, खासकर पेमेंट और रसद के संबंध में. हालांकि, इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन अभी भी काम किया जाना है.
दोनों देशों के बीच व्यापार को अधिक संतुलित बनाने की जरूरत
जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार को अधिक संतुलित बनाने की जरूरत है और इसके लिए मौजूदा बाधाओं को दूर करना होगा. उन्होंने कहा, " मल्टीपोलर वर्ल्ड में दो प्रमुख देशों के रूप में हमारे बीच अधिक ठोस संबंध हैं."
My opening remarks at the 25th Session of the India-Russia Intergovernmental Commission on Trade, Economic, Scientific, Technical and Cultural cooperation in Delhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 12, 2024
🇮🇳 🇷🇺
https://t.co/M2WAYhzpfZ
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत में आर्थिक अवसरों की खोज में मास्को की बढ़ती रुचि का नई दिल्ली स्वागत और पूरा समर्थन करता है. उन्होंने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्थाएं न केवल कई मामलों में सप्लीमेंटरी हैं, बल्कि कई साल से बने विश्वास और भरोसे से लाभान्वित हैं. द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि अब 66 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है."
वर्तमान बाधाओं को दूर करने की जरूरत
उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य यह है कि इसे और अधिक संतुलित किया जाना चाहिए और इसके लिए वर्तमान बाधाओं को दूर करने और अधिक सुविधाजनक प्रयास करने की आवश्यकता होगी. व्यापार को आसान बनाने के साथ-साथ भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ एफटीए पर वार्ता में प्रगति होनी चाहिए."
भारत के साथ बढ़ा व्यापार
वहीं, रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने भी अपने भाषण में भारत और रूस के बीच तेजी से विकसित हो रहे व्यापारिक संबंधों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, "पिछले पांच साल में हमारे देश का कारोबार पांच गुना से अधिक बढ़ गया है और भारत अब रूस के सभी विदेशी आर्थिक साझेदारों में दूसरे नंबर पर है."
उन्होंने कहा, "अन्य बातों के अलावा, हम यूरेशियन आर्थिक संघ और भारत के बीच फ्री व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के साथ-साथ सेवाओं और निवेश पर द्विपक्षीय समझौते पर अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. यह हमारे व्यापारिक समुदाय की जरूरतों को पूरा करता है.
यह भी पढ़ें- सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल भारत का दौरा, जयशंकर के साथ करेंगे द्विपक्षीय बैठक