नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में नतीजे आने के बाद से आम आदमी पार्टी के पार्षदों का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो चुका है. पहले बवाना से आम आदमी पार्टी के पार्षद रामचंद्र ने बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं, शनिवार को तीन और पार्षद अनीता बसोया, निखिल चपराना और धर्मवीर सिंह भाजपा में शामिल हो गए. इससे आगामी अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत होती दिख रही है.
दरअसल, आप पार्षदों के भाजपा में आने से बीजेपी का मेयर बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. क्योंकि नगर निगम में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत होने वाले 14 विधायकों में से 13 विधायक अब भाजपा के हो जाएंगे. इससे सदन में भाजपा के पार्षदों की संख्या 116 हो गई है. अगर मौजूदा सदन में पार्षदों की संख्या की बात करें तो 8 भाजपा के पार्षदों के विधायक बनने और तीन आम आदमी पार्टी के पार्षदों के विधायक बनने के कारण 11 सीटें खाली होंगी.
विधायकों को शपथ ग्रहण से पहले पार्षद पद से इस्तीफा देना होगा. एक सीट कमलजीत सेहरावत के सांसद बनने कारण पहले से खाली है. इसलिए अब 250 सदस्यीय सदन में अब कुल 238 पार्षद बचेंगे. इनमें से 116 भाजपा और 114 आम आदमी पार्टी के पास हैं. वहीं, मेयर चुनाव की संख्या बल की बात करें तो चौदह विधायक, सात लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद भी मेयर चुनाव में वोट डालते हैं. ऐसे में 116 पार्षद, सात लोकसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मनोनीत होने वाले 13 विधायक भाजपा के होने से भाजपा का संख्या बल 136 हो जाता है.
स्वाति मालीवाल पर भी नजर: आम आदमी पार्टी के तीन राज्यसभा सांसदों में से स्वाति मालीवाल के तेवरों को देखते हुए यह उम्मीद कम है कि मालीवाल मेयर के चुनाव में आप को वोट करें. स्वाति का वोट भाजपा प्रत्याशी को मिलने की संभावना प्रबल है. क्योंकि उन्होंने पूरे विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खिलाफ और भाजपा के पक्ष में काम किया है. ऐसे में भाजपा के पास मेयर चुनाव में संख्या बल 138 होता दिखाई दे रहा है. वहीं, आम आदमी पार्टी के पक्ष में 114 पार्षद, एक विधायक और दो राज्यसभा सांसदों के होने से इनकी संख्या फल 117 होगा.
मेयर बनने का रास्ता लगभग साफ: अप्रैल में मेयर चुनाव तक और भी आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा में शामिल हो सकते हैं. अगर कांग्रेस के सभी 8 पार्षद आम आदमी पार्टी को भी वोट कर दें तो भी उनका संख्या बल 125 ही पहुंचेगा. ऐसे में भाजपा का मेयर बनने का रास्ता लगभग साफ हो सकता है.
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