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शराब दुकान संचालक ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में उत्पाद अधीक्षक को ठहराया मौत का जिम्मेदार

चाईबासा में शराब कारोबारी 42 वर्षीय हरिशंकर प्रसाद ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार पश्चिम सिंहभूम उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को ठहराया है.

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हरिशंकर प्रसाद
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Published : Dec 13, 2019, 9:47 PM IST

चाईबासा: किरीबुरू प्रोस्पेक्टिंग निवासी शराब कारोबारी 42 वर्षीय हरिशंकर प्रसाद ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार पश्चिम सिंहभूम उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को ठहराया है.

देखें पूरी खबर

उत्पाद अधीक्षक को ठहराया मौत का जिम्मेदार
आत्महत्या करने से पूर्व हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट भी लिखा है. जिसमें अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर अपने दोस्तों से लाखों रुपए कर्ज लिया था. जिसमें काफी नुकसान होने की बात लिखी है और इसके लिए हरिशंकर प्रसाद ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेवार उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को बताया है.

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सुसाइड नोट

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी 15 दिसंबर को दुमका में करेंगे चुनावी सभा, संजय सेठ ने कहा- हेमंत लगाएंगे हार की हैट्रिक

सुसाइड नोट बरामद
मरने से पहले हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उत्पाद अधीक्षक घूस के रूप में उनसे काफी पैसे ले चुके थे और सरकार की नियमानुसार अंग्रेजी शराब दुकान के संचालन में 16 लाख का फाइन भी लगाया था. जिस कारण अपने व्यापार में घाटा होने के कारण उसने आत्महत्या कर लिया.

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शादी के सालगिरह के दिन ही दी जान
बता दें कि गुरुवार की रात हरिशंकर प्रसाद अपने घर में अकेले था. पत्नी और बच्चे बनारस स्थित अपने एक रिश्तेदार के शादी में शामिल होने गए थे. इसके साथ ही हरिशंकर प्रसाद कि गुरुवार को शादी की सालगिरह भी थी. उन्होंने मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर अपने सालगिरह के दिन ही मौत को गले लगा लिया.

फांसी लगाकर की आत्महत्या
बताया जा रहा है कि हरिशंकर गुरुवार को चाईबासा उत्पाद अधीक्षक की बुलाई गई मीटिंग में शामिल हुआ और मीटिंग के बाद उत्पाद अधीक्षक से करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बात भी की. इसके बाद किरीबुरू स्थित अपने घर पहुंचकर रात को उसने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चुनावी सभा को किया संबोधित, कहा- राजमहल में भी बनेगा गंगापुल

पुलिस जांच में जुटी
बड़ाजामदा निवासी धर्मेंद्र गुप्ता के नाम से शराब की दुकान थी, दुकान का सारा देखरेख हरिशंकर ही कर रहा था. विभागीय मीटिंग में भी वो शामिल होता था. घटना की सूचना परिवारवालों को दी गई. इधर सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच में जुट गई है.

चाईबासा: किरीबुरू प्रोस्पेक्टिंग निवासी शराब कारोबारी 42 वर्षीय हरिशंकर प्रसाद ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार पश्चिम सिंहभूम उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को ठहराया है.

देखें पूरी खबर

उत्पाद अधीक्षक को ठहराया मौत का जिम्मेदार
आत्महत्या करने से पूर्व हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट भी लिखा है. जिसमें अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर अपने दोस्तों से लाखों रुपए कर्ज लिया था. जिसमें काफी नुकसान होने की बात लिखी है और इसके लिए हरिशंकर प्रसाद ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेवार उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को बताया है.

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सुसाइड नोट

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सुसाइड नोट बरामद
मरने से पहले हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उत्पाद अधीक्षक घूस के रूप में उनसे काफी पैसे ले चुके थे और सरकार की नियमानुसार अंग्रेजी शराब दुकान के संचालन में 16 लाख का फाइन भी लगाया था. जिस कारण अपने व्यापार में घाटा होने के कारण उसने आत्महत्या कर लिया.

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शादी के सालगिरह के दिन ही दी जान
बता दें कि गुरुवार की रात हरिशंकर प्रसाद अपने घर में अकेले था. पत्नी और बच्चे बनारस स्थित अपने एक रिश्तेदार के शादी में शामिल होने गए थे. इसके साथ ही हरिशंकर प्रसाद कि गुरुवार को शादी की सालगिरह भी थी. उन्होंने मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर अपने सालगिरह के दिन ही मौत को गले लगा लिया.

फांसी लगाकर की आत्महत्या
बताया जा रहा है कि हरिशंकर गुरुवार को चाईबासा उत्पाद अधीक्षक की बुलाई गई मीटिंग में शामिल हुआ और मीटिंग के बाद उत्पाद अधीक्षक से करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बात भी की. इसके बाद किरीबुरू स्थित अपने घर पहुंचकर रात को उसने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया.

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पुलिस जांच में जुटी
बड़ाजामदा निवासी धर्मेंद्र गुप्ता के नाम से शराब की दुकान थी, दुकान का सारा देखरेख हरिशंकर ही कर रहा था. विभागीय मीटिंग में भी वो शामिल होता था. घटना की सूचना परिवारवालों को दी गई. इधर सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच में जुट गई है.

Intro:चाईबासा :  किरीबुरू प्रोस्पेक्टिंग निवासी शराब कारोबारी 42 वर्षीय हरिशंकर प्रसाद ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने आत्महत्या करने से पूर्व सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार पश्चिम सिंहभूम उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार को बताया है।

Body:आत्महत्या करने से पूर्व हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट भी लिखा है जिसमें अंग्रेजी शराब की दुकान खोलने को लेकर अपने दोस्तों से लाखों रुपए कर्ज लिया था। जिसमें काफी नुकसान होने की बात लिखी है और इसके लिए हरिशंकर प्रसाद ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेवार उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार  को बताया है।

मृतक  हरिशंकर प्रसाद ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उत्पाद अधीक्षक ने घूस के रूप में उनसे काफी पैसे ले चुके थे और सरकार की नियमानुसार अंग्रेजी शराब दुकान के संचालन में 16 लाख का फाइन भी लगाया था। जिस कारण अपने व्यापार में घाटे होने के कारण उसने आत्महत्या कर लिया।

बता दे कि गुरुवार की रात हरिशंकर प्रसाद अपने घर में अकेले था। उनके पत्नी - बच्चे बनारस स्थित अपने एक रिश्तेदार के शादी में शरीक होने गए हुए थे। इसके साथ ही हरिशंकर प्रसाद कि गुरुवार को शादी की सालगिरह भी थी। उन्होंने मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर अपने सालगिरह के दिन ही मौत को गले लगा लिया।

बताया जा रहा है कि मृतक हरि शंकर ने गुरुवार को चाईबासा उत्पाद अधीक्षक के द्वारा बुलाई गई मीटिंग में शामिल हुआ और मीटिंग के बाद उत्पाद अधीक्षक से करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बात भी किया था। इसके बाद किरीबुरू स्थित अपने घर पहुंचकर रात को उसने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।

बड़ाजामदा निवासी धर्मेंद्र गुप्ता के नाम से शराब की दुकान थी , दुकान का सारा देखरेख मृतक ही कर रहा था। विभागीय मीटिंग में भी मृतक शामिल होता था। मृतक के दो बच्चे भी है। घटना की सूचना मिलते के परिवार को दी गई घटना की सूचना पाकर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अनुसंधान में जुट गई है।

मृतक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट को पुलिस ने जब्त कर लिया है और जांच कर रही है । हरिशंकर के आत्महत्या और सुसाइड नोट में उत्पाद अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराने को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है। Conclusion:
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