चाईबासाः साल के अंतिम में नवंबर-दिसंबर का महीना पहुंचते ही पिकनिक स्पॉट पर सैलानियों का आना शुरू हो जाता है. यह सिलसिला जनवरी के आखिरी सप्ताह तक जारी रहता है. इस कड़ी में जिले में स्थित हिरनी फॉल में भी सैलानी पहुंचकर प्रकृति का लुत्फ उठाते हैं. पहाड़ों और घने जंगलों के बीच होने के कारण सैलानियों को हिरनी फॉल काफी मनमोहक लगता है. लोग दूर-दूर से यहां अपने परिवार के साथ पहुंचकर प्रकृति से जुड़ने और वन भोज का आनंद उठाते हैं.
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हिरनी जलप्रपात देखने के लिए बनाए गए हैं वॉच टावर
रांची-चाईबासा मुख्य सड़क मार्ग स्थित बंदगांव प्रखंड के घने जंगल और पहाड़ियों के बीच में हिरनी जलप्रपात से लगभग 300 फीट की ऊंचाई से गिरता झरना देखते ही बनता है. हिरनी फॉल को देखने के लिए वॉच टावर भी बनाए गए हैं जहां तक पहुंचने के लिए सैलानियों को पत्थरों को काटकर बनाए गए सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है.
पर्यटकों को लुभाने के लिए बनाए गए हैं आकर्षक पार्क
झारखंड सरकार ने पर्यटकों को लुभाने के लिए आकर्षक पार्क का भी निर्माण करवाया है. यहां सैलानियों के लिए रुकने की व्यवस्था की गई है. लेकिन उसमें अभी कुछ काम बाकी है. घने जंगलों के बीच स्थित हिरनी फॉल में आने वाले सैलानियों का ख्याल रखने के लिए यहां ग्रामीण भी अपनी दुकान लगाते हैं.
तैनात हैं पर्यटन मित्र
हिरनी जलप्रपात में नवंबर से जनवरी के अंत तक सुरक्षा की व्यवस्था भी की जाती है. इसके साथ ही आने वाले पर्यटकों का खास ध्यान रखने के लिए पर्यटन मित्र भी तैनात किए गए हैं जो उनके सुरक्षा से लेकर पर्यटक स्थलों की भी जानकारी देते हैं.
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पर्यटकों के वाहन पार्किंग की है उचित व्यवस्था
पर्यटकों के वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है. वहीं, सुरक्षा गार्ड वाहन पार्किंग के लिए 20 रुपए भी लेते हैं. इस 20 रुपए से हिरनी फॉल जलप्रपात समिति के सदस्य साफ-सफाई आदि की व्यवस्था करते हैं.
इन बातों का रखें खास ख्याल
हिरनी फॉल जाते समय गाड़ी को तेज गति से घाटी पर ना चलाएं. हिरनी फॉल पर चट्टानों के ऊपर चलना भी खतरनाक साबित हो सकता है. यहां सावधानी बरतने की आवश्यकता है.