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अंतरराष्ट्रीय बाजार में BSL ने बढ़ाया देश का मान, देश-विदेश में इसके उत्पादों की बढ़ी मांग - बोकारो इस्पात संयंत्र के उत्पादों की बढ़ी मांग

एक ओर जहां पूरे देश में कोरोना के प्रभाव से मायूसी छायी है. वहीं, देश के पहले स्वदेशी इस्पात संयंत्र की उपलब्धियों ने देश का मान बढ़ाया है. यह देशवासियों के लिए खुशी की बात है कि देश के इस्पात संयंत्र बीएसएल के चीन समेत अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादों की मांग बढ़ी है.

demand of BSL products  increased in international market
बोकारो स्टील प्लांट
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Published : Jun 13, 2020, 2:20 PM IST

बोकारोः कोरोना महामारी के बीच चीन समेत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बोकारो स्टील प्लांट के उत्पादों की मांग बढ़ी है. बीएसएल इसे पूरा करने में जुटा हुआ है. बीएसएल ने मई में 30 हजार टन सीसी स्लैब की पहली खेप चीन भेजी है. इससे पहले नेपाल को 3 हजार टन सीसी स्लैब भेजा गया. अब जून माह में भी चीन से 30 हजार टन एचआर क्वायल और 20 हजार टन आयरन का ऑर्डर मिला है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-SPECIAL: सोहराय और कोहबर कला पर कोरोना इफेक्ट, काम नहीं मिलने पर कलाकारों को हो रही परेशानी

बता दें कि इसके अलावा वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, जापान, मंगोलिया, कोरिया सहित अन्य देशों में इस्पात की मांग पूरी करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी स्टील की आपूर्ति की जा रही है. वहीं, बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान का कहना है कि सीसी सिलाहार्ट रोड रॉयल क्वायल के 12-12 रेलवे रैक चीन को भेजा जाना है अभी तक सीसीसी लाइफ के 7 और हॉट रोल्ड क्वायल के तीन रैक भेजे जा चुके हैं. पिग आयरन के रेक भी चीन निर्यात के लिए भेजे जा रहे हैं.

बहरहाल, कोराना महामारी के बीच जहां देश एक ओर हर क्षेत्र में संघर्ष कर रहा है, ऐसे में बोकारो इस्पात संयंत्र की इस उपलब्धि ने देश को गौरवान्वित महसूस कराया है.

जानें बोकारो इस्पात संयंत्र की कुछ खास बातें

  • भारत का पहला स्वदेशी इस्पात संयंत्र है बीएसएल.
  • सोवियत संघ के सहयोग से 1965 में इसकी शुरुआत हुई , हालांकि 29 जनवरी 1964 को एक लिमिटेड कंपनी के तौर पर इसे निगमित किया गया और बाद में सेल के साथ इसका विलय हुआ.
  • इसमें अधिकतर उपकरण और तकनीकी कौशल स्वदेशी है. हॉट रोल्ड कॉयल, हॉट रोल्ड प्लेट, हॉट रोल्ड शीट, कोल्ड रोल्ड कॉयल, कोल्ड रोल्ड शीट, टिन मिल ब्लैक प्लेट और गेल्वेनाइज्ड प्लेन और कोरुगेटेड शीट जैसे सपाट तैयार किए जाते हैं.
  • यह इस्पात संयंत्र अच्छी किस्म के हॉट रोल्ड उत्पाद तैयार करता है, जिसकी विश्व बाजार में अच्छी डिमांड है.

बोकारोः कोरोना महामारी के बीच चीन समेत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बोकारो स्टील प्लांट के उत्पादों की मांग बढ़ी है. बीएसएल इसे पूरा करने में जुटा हुआ है. बीएसएल ने मई में 30 हजार टन सीसी स्लैब की पहली खेप चीन भेजी है. इससे पहले नेपाल को 3 हजार टन सीसी स्लैब भेजा गया. अब जून माह में भी चीन से 30 हजार टन एचआर क्वायल और 20 हजार टन आयरन का ऑर्डर मिला है.

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बता दें कि इसके अलावा वियतनाम, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, जापान, मंगोलिया, कोरिया सहित अन्य देशों में इस्पात की मांग पूरी करने के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी स्टील की आपूर्ति की जा रही है. वहीं, बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान का कहना है कि सीसी सिलाहार्ट रोड रॉयल क्वायल के 12-12 रेलवे रैक चीन को भेजा जाना है अभी तक सीसीसी लाइफ के 7 और हॉट रोल्ड क्वायल के तीन रैक भेजे जा चुके हैं. पिग आयरन के रेक भी चीन निर्यात के लिए भेजे जा रहे हैं.

बहरहाल, कोराना महामारी के बीच जहां देश एक ओर हर क्षेत्र में संघर्ष कर रहा है, ऐसे में बोकारो इस्पात संयंत्र की इस उपलब्धि ने देश को गौरवान्वित महसूस कराया है.

जानें बोकारो इस्पात संयंत्र की कुछ खास बातें

  • भारत का पहला स्वदेशी इस्पात संयंत्र है बीएसएल.
  • सोवियत संघ के सहयोग से 1965 में इसकी शुरुआत हुई , हालांकि 29 जनवरी 1964 को एक लिमिटेड कंपनी के तौर पर इसे निगमित किया गया और बाद में सेल के साथ इसका विलय हुआ.
  • इसमें अधिकतर उपकरण और तकनीकी कौशल स्वदेशी है. हॉट रोल्ड कॉयल, हॉट रोल्ड प्लेट, हॉट रोल्ड शीट, कोल्ड रोल्ड कॉयल, कोल्ड रोल्ड शीट, टिन मिल ब्लैक प्लेट और गेल्वेनाइज्ड प्लेन और कोरुगेटेड शीट जैसे सपाट तैयार किए जाते हैं.
  • यह इस्पात संयंत्र अच्छी किस्म के हॉट रोल्ड उत्पाद तैयार करता है, जिसकी विश्व बाजार में अच्छी डिमांड है.
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