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भगवान भरोसे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! डॉक्टर की जगह सफाईकर्मी करते हैं इलाज

बोकारो में डॉक्टरों की लापरवाही का एक मामला सामने आया है. जहां मरीजों का इलाज डॉक्टर की जगह सफाईकर्मी करते हैं.

मरीजों का इलाज करता सफाईकर्मी
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Published : Jul 21, 2019, 1:21 PM IST

चंदनक्यारी/बोकारो: पिछले साल चंदनक्यारी के बरमसिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया गया था. इससे ग्रामीणों को काफी उम्मीदें थी. यहां 39 प्रकार के रोगों के इलाज की बात भी कही गई थी. लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सरकार की सारी योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

देखें पूरी खबर

बरमसिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चौकानें वाली तस्वीर सामने आई है. जिसमें चतुर्थवर्गीय कर्मी और सफाइ कर्मचारी मरीजों का इलाज करते नजर आ रहे हैं. वहीं, जब उनसे डॉक्टर के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.

क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी

इसकी जानकारी जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दी गई तो उन्होंने इस पर जल्द कार्रवाई की और हेल्थ सेंटर पहुंचे. उन्होंने अनुपस्थित डॉक्टरों को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित डॉक्टर नियमानुसार अस्पताल में ड्यूटी करें नहीं तो उनपर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

चंदनक्यारी/बोकारो: पिछले साल चंदनक्यारी के बरमसिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उद्घाटन किया गया था. इससे ग्रामीणों को काफी उम्मीदें थी. यहां 39 प्रकार के रोगों के इलाज की बात भी कही गई थी. लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सरकार की सारी योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

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बरमसिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चौकानें वाली तस्वीर सामने आई है. जिसमें चतुर्थवर्गीय कर्मी और सफाइ कर्मचारी मरीजों का इलाज करते नजर आ रहे हैं. वहीं, जब उनसे डॉक्टर के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.

क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी

इसकी जानकारी जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दी गई तो उन्होंने इस पर जल्द कार्रवाई की और हेल्थ सेंटर पहुंचे. उन्होंने अनुपस्थित डॉक्टरों को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित डॉक्टर नियमानुसार अस्पताल में ड्यूटी करें नहीं तो उनपर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

Intro:हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बरमसिया में चतुर्थवर्गीय एवं सफाई करते हैं मरीजो का इलाज
Body:चंदनकियारी/ बोकारो
पिछले साल सितंबर महीना में उद्घाटन के दिन प्रशासन के तामझाम को देखकर ग्रामीणों को लग रहा था कि अब चिकित्सीय जांच के लिए चास, बोकारो, धनबाद या पुरुलिया जैसे बड़ो शहरों में नही जाना पड़ेगा। साथ ही प्रधानमंत्री भी यहां 39 प्रकार के रोगों के इलाज की बात कही थी। जिसके लिए सारी व्यवस्था की गई हैं। परंतु डॉक्टरों के लापरवाही के कारण सारी योजना पर पानी फिरते नजर आया। शनिवार को लगभग ग्यारह बजे जब मीडिया वाले अचानक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बरमसिया पंहुचे तो चौकाने वाला तस्वीर सामने आया। यहां चतुर्थवर्गीय कर्मी किरण दास एवं सफाइ कर्मचारी मन्टुलाल महतो मरीजो की जांच कर रहे थे एवं एक एएनएम प्रितिका कुमारी बगल में बैठे हुए थे। जब टीम ने पूछा कि डॉक्टर नही हैं तो किसी के पास कोई जवाब नहीं था। कैमरा देख कर अपने चेयर को वहां से हटाने लगे। जब रोस्टर में डॉक्टर एपिल टोपनो एवं प्रवेन्दु कुमार का नाम देखा तो उनसे दूरभाष पर सम्पर्क किया गया। जहां एपिल टोपनो के बच्चे का तबियत खराब होने की बात सामने आई जबकि प्रवेन्दु कुमार का फोन नहीं लगा। यहां सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि अगर दवाई से किसी मरीज की कुछ होती हैं तो इसकी जिम्वेवारी कौन लेगा।

क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी-
इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सूचना मिलमे पर उन्होंने तुरंत चंदनकियारी से बरमसिया पंहुचे। जहां एक भी डॉक्टर को न देखकर बिफर पड़े। उन्होंने अनुपस्थित डॉक्टरों से शोकॉज मांगने एवं उनके खिलाफ वरीय पदाधिकारी को लिखने की बात कही। साथ ही उन्होंने कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित डॉक्टर नियमानुसार अस्पताल में ड्यूटी करें अन्यथा उनके खिलाफ करवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखा जाएगा।

बाईट- मरीज
बाइट- डॉ श्रीनाथ चिकित्सा प्रभारीConclusion:
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