नई दिल्ली: इराक ने लगातार दूसरे साल भारत को सबसे ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति की है. इराक ने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की जरूरतों के पांचवें हिस्से की आपूर्ति की है. वहीं, इस दौरान अमेरिका से कच्चे तेल की आपूर्ति में चार गुनी वृद्धि हुई है.
वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, इराक ने अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के दौरान भारत को 4.66 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. यह वित्त वर्ष 2017-18 के 4.57 करोड़ टन की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है.
भारत ने प्रारंभिक तौर पर 2018-19 में 20.7 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया. यह इससे पिछले वित्त वर्ष के 22 करोड़ टन से कम है.
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सऊदी अरब पारंपरिक तौर पर भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला शीर्ष देश है लेकिन 2017-18 में पहली बार इराक ने सऊदी अरब का स्थान छीन लिया था.
सऊदी अरब ने 2018-19 में 4.03 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया, जो कि 2017-18 में 3.61 करोड़ टन तेल के आयात से अधिक है.
ईरान भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत ने फिलहाल ईरान से कच्चे तेल का आयात रोक दिया है.
आंकड़ों के मुताबिक, ईरान ने 2018-19 में भारत को 2.39 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की. यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.25 करोड़ टन था.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), भारत को तेल आपूर्ति के मामले में वेनेजुएला को पछाड़कर चौथे स्थान पर आ गया है. 2018-19 में यूएई ने भारत को 1.74 करोड़ टन जबकि वेनेजुएला ने 1.73 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. 2017-18 में वेनेजुएला ने 1.83 करोड़ टन और यूएई ने 1.42 करोड़ टन तेल की आपूर्ति की थी.
इसके बाद, भारत को कच्चे तेल आपूर्ति के मामले में नाइजीरिया का नंबर आता है. नाइजीरिया ने 2017-18 में 1.81 करोड़ टन की तुलना में 2018-19 में 1.68 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की. वहीं, कुवैत ने 1.07 करोड़ टन और मैक्सिको ने 1.02 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की.
अमेरिका कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में भारत के लिए प्रमुख स्त्रोत बन रहा है. अमेरिका की भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति 2018-19 में चार गुना बढ़कर 64 लाख टन हो गई. 2017-18 में भारत ने अमेरिका से 14 लाख टन तेल का आयात किया था. अमेरिका ने 2017 में भारत को कच्चे तेल बेचना शुरू किया था.