रांची: मिशनरीज आफ चैरिटी और उससे जुड़ी पांच संस्थाओं में विदेशी फंड की अनियमितता की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश झारखंड सरकार ने की है. सरकार ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है. मासूम बच्चों को बेचे जाने के मामले के बाद चर्चा में आया था मिशनरीज आफ चैरिटी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र में यह जिक्र किया गया है कि रांची के कोतवाली थाने के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग में बच्चा बेचने से संबंधित एफआईआर की जांच की गई है. वहीं दूसरे स्रोतों से यह तथ्य सामने आया है कि पिछले 11 सालों में मिशनरी ऑफ चैरिटी और उनसे जुड़ी संस्थाएं मिशनरी ऑफ चैरिटी ब्रदर्स, मिशनरी ऑफ वर्ड्स, मिशन आफ कोलकाता, मिशनरी ऑफ चैरिटी फादर्स इंडिया और मशीनरी सिस्टर्स ऑफ मैरी हेल्प ऑफ क्रिश्चियन ने विदेशी फंड से मिली 927.27 करोड़ का उपयोग अनियमित तरीके से किया है. गृह विभाग के द्वारा भेजे गए पत्र में यह भी जिक्र है कि जो पैसे मिले हैं उनका उपयोग उनके मूल उद्देश्य से काफी अलग है.
खातों को फ्रिज करवाने की भी अनुशंसा
मिशनरी आफ चैरिटी को बीते 11 सालों में 751.12 करोड़ रुपए विदेशी फंड के जरिए मिले हैं. पूर्व में इस मामले की जांच सीआईडी के द्वारा की गई थी. सीआईडी जांच में फंड के दुरुपयोग के आधार पर खातों को फ्रीज करने की भी अनुशंसा गृह विभाग को लिखे गए पत्र में किया गया है.