रामगढ़: जिले के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. मंदिर परिसर में नवरात्र का अनुष्ठान करने के लिए विभिन्न राज्यों से साधु-संत, साधक यहां पहुंचते हैं और मां की पूजा-अर्चना करते हैं.
दरअसल, आदि शक्ति की उपासना के लिए वर्ष में दो अवसर पवित्र माने जाते हैं. एक सहारा दिया नवरात्र और दूसरा वासंती चैत्र नवरात्र. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शरद कालीन नवरात्र प्रारंभ होती है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से बसंत कालीन नवरात्र जो 9 दिनों तक चलती है. चैत महीने में मनाए जाने वाले नवरात्र को साल का शुरू नवरात्र भी कहते हैं क्योंकि विक्रम संवत का नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष से ही आरंभ होता है.
नव वर्ष के शुरु में 9 दिनों तक देवी की पूजा करने के कारण इसे नवरात्र कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस नवरात्रि में आदिशक्ति की आराधना करता है, वह सभी प्रकार के बाधाओं से मुक्त होकर संपन्न हो जाता है. साधना और उपासना का प्रमुख केंद्र प्रसिद्ध बंगाल के तारापीठ, आसाम का कामरूप कामाख्या और झारखंड के रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर का विशेष महत्व है.
यहां साधक पहुंचकर मां की आराधना करते हैं. बसंती नवरात्रि को लेकर रजरप्पा मंदिर न्यास समिति ने तैयारी पूरी कर ली है. यहां आने वाले साधकों को साधना में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान मंदिर न्यास समिति रखती है. साथ ही साथ नवरात्र में मंदिर के चारों ओर लाइट लगाने के साथ, फूलों से सजाया भी गया है.