ETV Bharat / briefs

आज से चैत्र नवरात्रि शुरू, प्रसिद्ध सिद्ध पीठ छिन्नमस्तिका मंदिर में उमड़ी भक्तों भीड़

चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व आज से शुरू हो रहा है, जिसको लेकर रजरप्पा के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ छिन्नमस्तिका मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस दौरान बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, जिसको ध्यान में रखकर विशेष व्यवस्था की जाती है.

जानकारी देते पुजारी
author img

By

Published : Apr 6, 2019, 4:20 AM IST

Updated : Apr 6, 2019, 7:37 AM IST

रामगढ़: जिले के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. मंदिर परिसर में नवरात्र का अनुष्ठान करने के लिए विभिन्न राज्यों से साधु-संत, साधक यहां पहुंचते हैं और मां की पूजा-अर्चना करते हैं.

दरअसल, आदि शक्ति की उपासना के लिए वर्ष में दो अवसर पवित्र माने जाते हैं. एक सहारा दिया नवरात्र और दूसरा वासंती चैत्र नवरात्र. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शरद कालीन नवरात्र प्रारंभ होती है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से बसंत कालीन नवरात्र जो 9 दिनों तक चलती है. चैत महीने में मनाए जाने वाले नवरात्र को साल का शुरू नवरात्र भी कहते हैं क्योंकि विक्रम संवत का नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष से ही आरंभ होता है.


नव वर्ष के शुरु में 9 दिनों तक देवी की पूजा करने के कारण इसे नवरात्र कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस नवरात्रि में आदिशक्ति की आराधना करता है, वह सभी प्रकार के बाधाओं से मुक्त होकर संपन्न हो जाता है. साधना और उपासना का प्रमुख केंद्र प्रसिद्ध बंगाल के तारापीठ, आसाम का कामरूप कामाख्या और झारखंड के रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर का विशेष महत्व है.


यहां साधक पहुंचकर मां की आराधना करते हैं. बसंती नवरात्रि को लेकर रजरप्पा मंदिर न्यास समिति ने तैयारी पूरी कर ली है. यहां आने वाले साधकों को साधना में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान मंदिर न्यास समिति रखती है. साथ ही साथ नवरात्र में मंदिर के चारों ओर लाइट लगाने के साथ, फूलों से सजाया भी गया है.

जानकारी देते पुजारी

रामगढ़: जिले के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है. मंदिर परिसर में नवरात्र का अनुष्ठान करने के लिए विभिन्न राज्यों से साधु-संत, साधक यहां पहुंचते हैं और मां की पूजा-अर्चना करते हैं.

दरअसल, आदि शक्ति की उपासना के लिए वर्ष में दो अवसर पवित्र माने जाते हैं. एक सहारा दिया नवरात्र और दूसरा वासंती चैत्र नवरात्र. आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शरद कालीन नवरात्र प्रारंभ होती है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से बसंत कालीन नवरात्र जो 9 दिनों तक चलती है. चैत महीने में मनाए जाने वाले नवरात्र को साल का शुरू नवरात्र भी कहते हैं क्योंकि विक्रम संवत का नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष से ही आरंभ होता है.


नव वर्ष के शुरु में 9 दिनों तक देवी की पूजा करने के कारण इसे नवरात्र कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस नवरात्रि में आदिशक्ति की आराधना करता है, वह सभी प्रकार के बाधाओं से मुक्त होकर संपन्न हो जाता है. साधना और उपासना का प्रमुख केंद्र प्रसिद्ध बंगाल के तारापीठ, आसाम का कामरूप कामाख्या और झारखंड के रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर का विशेष महत्व है.


यहां साधक पहुंचकर मां की आराधना करते हैं. बसंती नवरात्रि को लेकर रजरप्पा मंदिर न्यास समिति ने तैयारी पूरी कर ली है. यहां आने वाले साधकों को साधना में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान मंदिर न्यास समिति रखती है. साथ ही साथ नवरात्र में मंदिर के चारों ओर लाइट लगाने के साथ, फूलों से सजाया भी गया है.

Intro:प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में चैत्र नवरात्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है कल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है मंदिर परिसर में नवरात्र का अनुष्ठान करने के लिए विभिन्न राज्यों से साधु संत साधक यहां पहुंचते हैं और मां की पूजा आराधना आराधना करते हैं यही नहीं नवरात्र को लेकर मंदिर को भी सजाया जा रहा है


Body:आदि शक्ति की उपासना के लिए वर्ष में दो अवसर पवित्र माने जाते हैं एक सहारा दिया नवरात्र और दूसरा वासंती चैत्र नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शरद कालीन नवरात्र प्रारंभ होती है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से बसंत कालीन नवरात्र अर्थात 9 दिनों तक चलती है चैत माह में मनाए जाने वाले नवरात्र को वर्ष के आरंभ के नवरात्र भी कहते हैं क्योंकि विक्रम संवत का नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष से ही आरंभ होता है नव वर्ष के प्रारंभ में 9 दिनों तक देवी की पूजा करने के कारण इसे नवरात्र कहते हैं जो भी इस नवरात्रि में आदिशक्ति की आराधना करता है वह सभी प्रकार के बाधाओं से मुक्त होकर संपन्न हो जाता है साधना और उपासना के लिए प्रमुख केंद्र प्रसिद्ध बंगाल के तारापीठ आसाम का कामरूप कामाख्या और झारखंड के रजरप्पा छिन्नमस्तिका मंदिर का विशेष महत्व है यहां साधक पहुंच मां की आराधना करते हैं बसंती नवरात्रि को लेकर रजरप्पा मंदिर न्यास समिति ने तैयारी पूरी कर ली है यहां आने वाले साधकों को साधना में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो इसका विशेष ध्यान मंदिर न्यास समिति रखती है साथ ही साथ नवरात्र में मंदिर को चारों ओर लाइट वह फूलों से सजाया जाता है


बाइक लोकेश पंडा पुजारी रजरप्पा मंदिर


Conclusion:ऐसे तो मां छिन्नमस्तिका मंदिर में सालों भर भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्र के अवसर पर आस पास के राज्य बंगाल बिहार उड़ीसा झारखंड के श्रद्धालु बड़ी संख्या में मां की पूजा आराधना करते हैं मां सबकी मनोकामना पूरी करती है
Last Updated : Apr 6, 2019, 7:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.