गढ़वा: जिला मुख्यालय सहित जिले भर में संचालित कई अल्ट्रसाउंड सेंटर में मनमानी ढंग से पैसे की उगाही की जा रही है. इन सेंटरों में लिंग परीक्षण के बाद भ्रूण हत्या के बढ़ते मामले ने प्रशासन की बेचैनी बढ़ा दी है. इस मामले में मंगलवार को डीसी के आदेश पर 5 अल्ट्रसाउंड सेंटर को सील कर जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है.
डीसी हर्ष मंगला ने जिले में हर दिन हो रहे भ्रूण हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन को जिले में संचालित सभी अल्ट्रसाउंड सेंटर की जांच करने का कड़ा निर्देश दिया था. सिविल सर्जन ने सभी अल्ट्रसाउंड संचालकों को नोटिस जारी किया था. इसके साथ ही एक जांच टीम भी गठित की थी. इतना कुछ होने के बाद भी कई अल्ट्रसाउंड सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहे थे. मंगलवार को मजिस्ट्रेट के रूप में गढ़वा बीडीओ जागो महतो, सिविल सर्जन डॉ. एनके रजक और जांच कमेटी के सदस्य डॉ. अमित कुमार ने जिला मुख्यालय के वैष्णवी, लाइफ लाइन और डॉ. नाथुन साह के अल्ट्रसाउंड को सील कर दिया. प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ. पुष्पा सहगल नोटिस के बाद भी अपना अल्ट्रसाउंड बंद रखा, जबकि आरोग्यम हॉस्पिटल का अल्ट्रासाउंड गायब पाया गया.
बीडीओ ने इन दोनों को फिर से नोटिस देकर जांच के वक्त अपने अल्ट्रासाउंड को खोले रखने का निर्देश दिया. इससे पहले वंशीधर नगर के दो अल्ट्रसाउंड गुलाब हॉस्पिटल और पान कुंवर डायग्नोस्टिक सेंटर को सील किया गया था. सिविल सर्जन डॉ. एनके रजक ने कहा कि रोज भ्रूण हत्या के मामले सामने आ रहे है. जिन अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वे अपना रिनिवल नहीं कराए हैं, फिर भी जांच कर रहे हैं. कई सेंटर में चिकित्सक तक नहीं हैं. कुछ सेंटर में लिंग परीक्षण का काम किया जा रहा था.