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रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 40वां स्थापना दिवस मनाया, वेबिनार का हुआ आयोजन - रांची में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 40वां स्थापना दिवस समारोह

रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 40वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान बीएयू के वरीय पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा और कार्तिक उरांव की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया. साथ ही भारतीय कृषि पर कोविड-19 का प्रभाव विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया.

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय.
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय.
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Published : Jun 27, 2020, 12:57 AM IST

रांचीः सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 40वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति अबू बकर सिद्दीकी ने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया. कुलपति ने बीएयू कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि चार दशकों का जीवन किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान विश्वविद्यालय ने शिक्षण, अनुसंधान और तकनीकी हस्तांतरण के क्षेत्र में प्रशंसनीय योगदान किया है, लेकिन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए अभी और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है.


शिक्षकों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण
कुलपति अबू बकर सिद्दीकी ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होता है. शिक्षकों को लोग हृदय की गहराइयों से सम्मान करते हैं इसलिए शिक्षकों को समाज के सामने अपने जीवन पथ, आचरण, व्यवहार और सोच को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि उनके विद्यार्थी और आने वाली पीढ़ियां उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें.

इसे भी पढ़ें- BAU में कृषि प्रसार कार्य योजना की हुई समीक्षा, केवीके के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान ने लिया हिस्सा

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व कार्तिक उरांव के योगदान की चर्चा
छात्र कल्याण निदेशक डॉ डीके शाही ने बीएयू की स्थापना में छोटानागपुर के जननेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व कार्तिक उरांव के योगदान की चर्चा की. कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने कहा कि बीएयू में शिक्षकों के लगभग तीन चौथाई पद रिक्त हैं, इसलिए समय-समय पर यहां के कई पाठ्यक्रमों और डिग्री की मान्यता पर संकट के बादल मंडराते रहते हैं. नई नियुक्तियों के लिए शीघ्र कारगर प्रयास की आवश्यकता है. इसके पूर्व कुलपति सहित बीएयू के वरीय पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा और कार्तिक उरांव की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया.

दूसरे सत्र में भारतीय कृषि पर कोविड-19 का प्रभाव विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया. वेबिनार में कृषि संकाय के डीन डॉ एमएस यादव ने 'कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में भारतीय कृषि को कैसे पुनः खड़ा किया जाए', वानिकी संकाय के डीन डॉ एमएच सिद्दीकी ने 'वन प्रबंधन पर कोविड-19 का प्रभाव', पशु चिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद ने 'पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र में कोविड-19 का प्रभाव', निदेशक छात्र कल्याण डॉ डीके शाही ने 'भारतीय कृषि पर कोविड-19 का प्रभाव, चुनौतियां और अवसर' और निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ राम शंकर कुरील और मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ ए वदूद ने 'पर्यावरण पर लॉकडाउन का प्रभाव' विषय पर अपने विचार रखे. इसके लिए मृदा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर बीके अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वेबिनार में बहुत से शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.

रांचीः सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शुक्रवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का 40वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति अबू बकर सिद्दीकी ने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों को संबोधित किया. कुलपति ने बीएयू कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि चार दशकों का जीवन किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान विश्वविद्यालय ने शिक्षण, अनुसंधान और तकनीकी हस्तांतरण के क्षेत्र में प्रशंसनीय योगदान किया है, लेकिन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में झारखंड को आगे बढ़ाने के लिए अभी और बहुत कुछ करने की आवश्यकता है.


शिक्षकों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण
कुलपति अबू बकर सिद्दीकी ने कहा है कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होता है. शिक्षकों को लोग हृदय की गहराइयों से सम्मान करते हैं इसलिए शिक्षकों को समाज के सामने अपने जीवन पथ, आचरण, व्यवहार और सोच को एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि उनके विद्यार्थी और आने वाली पीढ़ियां उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व कार्तिक उरांव के योगदान की चर्चा
छात्र कल्याण निदेशक डॉ डीके शाही ने बीएयू की स्थापना में छोटानागपुर के जननेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व कार्तिक उरांव के योगदान की चर्चा की. कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने कहा कि बीएयू में शिक्षकों के लगभग तीन चौथाई पद रिक्त हैं, इसलिए समय-समय पर यहां के कई पाठ्यक्रमों और डिग्री की मान्यता पर संकट के बादल मंडराते रहते हैं. नई नियुक्तियों के लिए शीघ्र कारगर प्रयास की आवश्यकता है. इसके पूर्व कुलपति सहित बीएयू के वरीय पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित भगवान बिरसा मुंडा और कार्तिक उरांव की आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया.

दूसरे सत्र में भारतीय कृषि पर कोविड-19 का प्रभाव विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया. वेबिनार में कृषि संकाय के डीन डॉ एमएस यादव ने 'कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में भारतीय कृषि को कैसे पुनः खड़ा किया जाए', वानिकी संकाय के डीन डॉ एमएच सिद्दीकी ने 'वन प्रबंधन पर कोविड-19 का प्रभाव', पशु चिकित्सा संकाय के डीन डॉ सुशील प्रसाद ने 'पशुधन और पोल्ट्री क्षेत्र में कोविड-19 का प्रभाव', निदेशक छात्र कल्याण डॉ डीके शाही ने 'भारतीय कृषि पर कोविड-19 का प्रभाव, चुनौतियां और अवसर' और निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ राम शंकर कुरील और मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ ए वदूद ने 'पर्यावरण पर लॉकडाउन का प्रभाव' विषय पर अपने विचार रखे. इसके लिए मृदा विज्ञान विभाग के प्रोफेसर बीके अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. वेबिनार में बहुत से शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.

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