अमरावती : आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में कलेक्ट्रेट में आयोजित स्पंदना कार्यक्रम में दिल को झकझोर देने वाला नजारा देखने को मिला. दरअसल, पेंशन लेने के लिए एक परिवार के सदस्य दोनों पैरों में लवका से अपंग हो चुकी वृद्धा को चारपाई पर लिटाकर लाए. यह मंजर देख वहां मौजूद सभी लोग दंग रह गए कि पेंशन (vizianagaram woman old age pension issue) के लिए लोगों को कितनी मुश्किलात का सामना करना पड़ता है.
जानकारी के अनुसार, विजयनगरम जिले के नेल्लीमारला मंडल के एक गांव की रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला सीतम्मा लंबे से समय से लकवा से ग्रस्त हैं और वह चल नहीं सकतीं. लेकिन वृद्धा पेंशन पाने के लिए जांच को लेकर उन्हें कलेक्ट्रेट ले जाने की जरूरत पड़ती है. जब वह लंबे समय तक कलेक्ट्रेट नहीं गईं तो अधिकारियों ने उनका नाम पेंशन सूची से हटा दिया. इसके बाद परिजनों ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन पेंशन बहाल नहीं हुई. आखिरकार, परिजन वृद्ध महिला को चारपाई पर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे.
बता दें, आंध्र प्रदेश सरकार ने नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिए स्पंदना (Spandana) नाम से एक मंच शुरू किया है. इस मंच पर शिकायतें विभिन्न स्रोतों से दर्ज की जा सकती हैं जैसे- जीएसडब्ल्यूएस, 1902 कॉल सेंटर, मोबाइल ऐप, वेब एप्लिकेशन, कलेक्ट्रेट शिकायत दिवस (Collectorate grievance day), यहा सप्ताह में एक दिन सोमवार को आयोजित होता है.
वृद्धावस्था पेंशन योजना के नियम
केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारें ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना चला रही हैं, जिनके खर्च के लिए नियमित आय का कोई साधन नहीं है. वृद्धावस्था पेंशन योजना में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें योगदान करती हैं और हर राज्य में वृद्धावस्था पेंशन योजना की राशि अलग-अलग होती है. आंध्र प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में वृद्धावस्था पेंशन के रूप में 1000 रुपये प्रति माह मिलते हैं.
योजना का लाभ कौन ले सकते हैं?
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को मिलता है. वृद्धावस्था पेंशन के लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) होना जरूरी है. 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भले ही बीपीएल परिवार से नहीं हैं, राज्य सरकार से पेंशन पा सकते हैं.
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम
एनएसएपी (राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम) आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, मेघालय और पश्चिम बंगाल राज्यों में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जाता है; ओडिशा और पुडुचेरी में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा; कर्नाटक और तमिलनाडु में राजस्व विभाग और झारखंड में श्रम रोजगार और प्रशिक्षण विभाग द्वारा. पेंशन प्राप्त करने के लिए राज्य के संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सकता है.
पेंशन का वितरण कैसे होता है?
भारत सरकार के नियम के अनुसार, पेंशन लाभार्थी के बैंक खाते/डाकघर खाते में जमा की जानी चाहिए. राज्य सरकारें वर्तमान में पेंशन का भुगतान या तो बैंक खाते/डाकघर बचत खाते के माध्यम से या ग्राम सभा में नकद या मनीआर्डर के माध्यम से कर रही हैं. जहां तक संभव हो मासिक पेंशन देनी होगी. हालांकि, कुछ राज्य पेंशन त्रैमासिक या अर्धवार्षिक, अग्रिम रूप से संवितरित कर रहे हैं.
किन परिस्थितियों में पेंशन रोकी जा सकती है?
लाभार्थी की मृत्यु होने पर या एक अवधि तक पेंशन राशि नहीं निकालने पर पेंशन को रोका जा सकता है.
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