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उपराष्ट्रपति ने समझाया साक्षरता का महत्व, बोले- पढ़ने से व्यक्तित्व का होगा विकास - उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू

कटक में ओडिशा के आदिकवि सरला दास की 600वीं जयंती समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शिक्षाविदों, विद्वानों, बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों में पठन-पाठन की आदत डालें. उन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में पढ़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बात कही.

वेंकैया नायडू
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Published : Apr 3, 2021, 2:12 PM IST

कटक/भुवनेश्वर : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों में शुरुआत से ही पढ़ने की आदत डालने से उनकी बुनियादी साक्षरता और व्यक्तित्व मजबूत करने में मदद मिलेगी.

उपराष्ट्रपति ने शिक्षाविदों, विद्वानों, बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों में पठन-पाठन की आदत डालें. उन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में पढ़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बात कही.

उपराष्ट्रपति ने समझाया साक्षरता का महत्व

नायडू ने कटक में ओडिया आदिकवि सरला दास की 600वीं जयंती समारोह में कहा, बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए और उनकी गैजेट की अत्यधिक आदत छुड़ाने के लिए यह जरूरी है.

लोगों में खासकर बच्चों में मातृभाषा के उपयोग पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, शिक्षकों को बच्चों में लिखने-पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. बच्चों के लिए अधिक से अधिक लेखकों को पुस्तकें लिखनी चाहिए. इन किताबों को बच्चों की विविध रुचियां तथा योग्यताएं देखते हुए लिखा जाना चाहिए.

पढ़ें- फ्लीट्स में स्टिकर जोड़ रहा है ट्विटर, एंड्रॉइड और आईओएस यूजर्स के लिए होगा उपलब्ध

आदिकवि सरला दास की कृतियों का वर्णन करते हुए नायडू ने कहा कि उनकी लिखी महाभारत उनकी विशिष्ट शैली के कारण सैकड़ों साल बाद भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है.

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने भुवनेश्वर में राज भवन में बीजद सांसद अच्युत सामंत द्वारा लिखित पुस्तक 'नीलिमारानी माई मदर, माई हीरो' का विमोचन किया.

बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने पर ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नायडू का स्वागत किया.

कटक/भुवनेश्वर : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों में शुरुआत से ही पढ़ने की आदत डालने से उनकी बुनियादी साक्षरता और व्यक्तित्व मजबूत करने में मदद मिलेगी.

उपराष्ट्रपति ने शिक्षाविदों, विद्वानों, बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों का आह्वान किया कि बच्चों में पठन-पाठन की आदत डालें. उन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व के विकास में पढ़ने के महत्व को रेखांकित करते हुए यह बात कही.

उपराष्ट्रपति ने समझाया साक्षरता का महत्व

नायडू ने कटक में ओडिया आदिकवि सरला दास की 600वीं जयंती समारोह में कहा, बच्चों के व्यक्तित्व के विकास के लिए और उनकी गैजेट की अत्यधिक आदत छुड़ाने के लिए यह जरूरी है.

लोगों में खासकर बच्चों में मातृभाषा के उपयोग पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, शिक्षकों को बच्चों में लिखने-पढ़ने की आदत डालनी चाहिए. बच्चों के लिए अधिक से अधिक लेखकों को पुस्तकें लिखनी चाहिए. इन किताबों को बच्चों की विविध रुचियां तथा योग्यताएं देखते हुए लिखा जाना चाहिए.

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आदिकवि सरला दास की कृतियों का वर्णन करते हुए नायडू ने कहा कि उनकी लिखी महाभारत उनकी विशिष्ट शैली के कारण सैकड़ों साल बाद भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है.

इससे पहले उपराष्ट्रपति ने भुवनेश्वर में राज भवन में बीजद सांसद अच्युत सामंत द्वारा लिखित पुस्तक 'नीलिमारानी माई मदर, माई हीरो' का विमोचन किया.

बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचने पर ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने नायडू का स्वागत किया.

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