नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल 'आदि महोत्सव' का उद्घाटन किया. उन्होंने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की. उनके साथ केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद रहे.
बता दें, स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा आदिवासी मुंडा जनजाति से संबंधित थे, उनका जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था. 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने आधुनिक बिहार और झारखंड के आदिवासी बेल्ट में एक भारतीय जनजातीय धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया. उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती है.
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PM Narendra Modi inaugurates the "Aadi Mahotsav", the mega National Tribal Festival at Major Dhyan Chand National Stadium in Delhi. He also paid floral tribute to tribal freedom fighter Birsa Munda.
— ANI (@ANI) February 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Union Tribal Affairs Minister Arjun Munda is also present with him. pic.twitter.com/OYB8e8avTA
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— ANI (@ANI) February 16, 2023
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— ANI (@ANI) February 16, 2023
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आदि महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर कहा कि जनजातीय समाज का हित उनके लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है. उन्होंने दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 16 से 27 फरवरी तक आयोजित 'आदि महोत्सव' को विविधता में एकता के भारतीय सामर्थ्य को एक नयी ऊंचाई देने वाला बताया. पीएम ने कहा कि ये विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह महोत्सव विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है, जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है. आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार वंचितों को वरीयता दे रही है और यही वजह है कि देश विकास के नए आयाम छू रहा है. आदिवासी समाज को लेकर आज देश जिस गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ है. आज भारत दुनिया के बड़े-बड़े मंचों पर जाता है, तो आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है.'
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आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है. यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है. कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया गया है. इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये गए हैं. कार्यक्रम का उद्घाटन करने से पहले प्रधानमंत्री कई स्टॉल पर गए और उनके उत्पादों को भी देखा. महोत्सव में लगभग एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा ले रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)