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नये संसद भवन के उद्घाटन का विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, PIL दाखिल

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा.

PIL filed in the Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : May 25, 2023, 1:20 PM IST

Updated : May 25, 2023, 2:05 PM IST

नई दिल्ली : नये संसद भवन के उद्घाटन के लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 20 राजनीतिक पार्टियों के बहिष्कार के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सु्प्रीम कोर्ट के एक वकील ने ही यह याचिका दायर की है.

इससे पहले, गुरुवार को कांग्रेस महासचिव और पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने इस संबंध में एक और ट्विट किया. उन्होंने कहा कि कल (बुधवार को), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया. यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है. उन्होंने अंग्रेजी में वर्डप्ले करते हुए लिखा कि 'Ashoka the Great, Akbar the Great, Modi the Inaugrate'.

बता दें कि नये संसद भवन का उद्घाटन 29 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है. इस उद्घाटन समारोह में लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया है. इसको लेकर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर हमलावर है. बुधवार को ही 19 विपक्षी दलों से नये संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है.

पढ़ें : New Parliament Building: ओवैसी ने पीएम मोदी से की अपील, स्पीकर ओम बिरला को करने दें उद्घाटन

पढ़ें : Sengol : जानें क्या होता है सेंगोल और इस मौके पर नेहरू का क्यों किया जा रहा जिक्र

नई दिल्ली : नये संसद भवन के उद्घाटन के लेकर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 20 राजनीतिक पार्टियों के बहिष्कार के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सु्प्रीम कोर्ट के एक वकील ने ही यह याचिका दायर की है.

इससे पहले, गुरुवार को कांग्रेस महासचिव और पार्टी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने इस संबंध में एक और ट्विट किया. उन्होंने कहा कि कल (बुधवार को), राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया. यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है. उन्होंने अंग्रेजी में वर्डप्ले करते हुए लिखा कि 'Ashoka the Great, Akbar the Great, Modi the Inaugrate'.

बता दें कि नये संसद भवन का उद्घाटन 29 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है. इस उद्घाटन समारोह में लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया है. इसको लेकर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर हमलावर है. बुधवार को ही 19 विपक्षी दलों से नये संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है.

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Last Updated : May 25, 2023, 2:05 PM IST
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