हैदराबादः भारतीय सेना अपने जवानों को हर साल निर्धारित छुट्टियां और सुविधाएं मुहैया कराती है. इसी सिलसिले में उसे नकद के बजाय सैनिक वारंट जारी किया जाता है. छुट्टियों पर जाते समय सेना के जवान रिजर्वेशन कराते हैं या सेना की तरफ से कुछ सुविधा दी जाती है. आज इसी विषय पर बात करते हैं. रेलवे सर्कुलर के मुताबिक सेना का जवान रिजर्वेशन स्लिप के साथ वारंट आरक्षण काउंटर पर जमा करता है. इसके साथ ही उन्हें रिजर्वेशन टिकट मिल जाता है और बिना किसी तकलीफ के वह अपनी यात्रा करते हैं.
सैनिक वारंट क्या है
बता दें, सैन्य कर्मियों को रैंक के अनुसार रेलवे में सफर करने के लिए निर्धारित श्रेणी में राशि का भुगतान किया जाता है. यह भुगतान रक्षा मंत्रालय की ओर से किया जाता है. यह भुगतान कई प्रकार के होते हैं. जैसे- IAFT 1752, IAFT 1707, IAFT 1720 और IAFT 1790 होता है. सभी सैनिक वारंट के लिए उपयोग, रियायत व अन्य मानकों में भिन्नता होती है.
संबंधित सैनिक वारंट के हिसाब से हरेक पर कोडिंग की जाती है, जिसे सेना और रेलवे के कर्मचारी और अधिकारी ही समझ सकते हैं. वहीं यह कई पार्ट में होता है. जैसे सैन्य यूनिट रिकार्ड के लिए एक भाग रखता है. रेलवे रिकार्ड के लिए एक भाग रखता है. रेलवे एक अन्य भाग रक्षा मंत्रालय से भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जाता है.
सैनिक वारंट पर किराये की वापसी
IAFT 1752 और IAFT 1707 सैनिक वारंट रक्षा मंत्रालय से 100 फीसदी डेबिट किये जाने वाले वारंट होते हैं. इन्हें रद्द करने पर कोई नकद राशि नहीं लौटाई जाएगी. IAFT 1720 और IAFT 1790 दोनों सैनिक वारंट रियायती पत्रों पर वारंट धनवापसी संभव है. ऐसे वारंट में धनवापसी देते समय रद्दीकरण शुल्क की गणना, नकद में लिए गये किराए और प्रभार तथा रक्षा मंत्रालय को डेबिट की जाने वाली राशि की वापसी की जाएगी. रद्दीकरण शुल्क की वापसी प्रति यात्री करने का प्रावधान है. इस दौरान रेलवे श्रेणी के अनुसार रद्दीकरण शुल्क को भी ध्यान में रखा जाता है.