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नक्सली बंदी के अंतिम दिन गुमला में नक्सलियों का तांडव, नवनिर्मित थाना भवन को बम से उड़ाया

गुमला के कुरुमगढ़ में नक्सलियों ने विस्फोट कर नवनिर्मित थाना भवन को बम से उड़ा दिया है. सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल की ओर रवाना हो गई है.

नक्सली बंदी के अंतिम दिन गुमला में नक्सलियों का तांडव
नक्सली बंदी के अंतिम दिन गुमला में नक्सलियों का तांडव
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Published : Nov 26, 2021, 11:59 AM IST

गुमला: माओवादी (Maoist) पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रतिबंधित नक्सली संगठन (Naxalite Organization) भाकपा माओवादी (CPI Maoist) के 3 दिवसीय बंद के अंतिम दिन जिले में नक्सलियों ने कुरुमगढ़ थाना के नवनिर्मित भवन को बम से उड़ा दिया है.

नक्सलियों ने थाना भवन को विस्फोट से उड़ाने के बाद घटना स्थल के पास एक पर्चा भी छोड़ा है. जिसमें पोलितब्यूरो सदस्य किशन दा और नारी मुक्ति संघ की नेत्री शीला दी सहित अन्य कामरेडों की गिरफ्तारी का विरोध किया गया है और प्रतिशोध में इस तरह की कार्रवाई की बात कही है.

नक्सलियों का तीन दिनों का बंद

नक्सलियों ने प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में झारखंड समेत बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में 23 से 25 नवंबर तक बंद का एलान किया था. बंद के अंतिम दिन नक्सलियों ने इस तरह की घटना को अंजाम देकर प्रशांत बोस को छोड़ने के लिए पुलिस को चेतावनी दी है.

ये भी पढ़ें- 26/11 आतंकी हमला: गृह मंत्री शाह व वरिष्ठ नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

सरायकेला से हुई थी गिरफ्तारी

नक्सलियों के सेकेंड इन कमांड प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को 12 नवंबर को सरायकेला से गिरफ्तार किया गया था. 70 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल प्रशांत माओवादियों के सबसे बुजुर्ग नेता हैं. प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव भी हैं. वहीं प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी भी माओवादियों की शीर्ष सेंट्रल कमेटी की सदस्य है. वह माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन नारी मुक्ति संघ की प्रमुख भी है. दोनों की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न जांच एजेंसियां उनसे 150 बार से अधिक पूछताछ कर चुकी है. गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा को देखते हुए प्रशांत बोस को सरायकेला से रांची के होटवार जेल में शिफ्ट किया गया है.

गुमला: माओवादी (Maoist) पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रतिबंधित नक्सली संगठन (Naxalite Organization) भाकपा माओवादी (CPI Maoist) के 3 दिवसीय बंद के अंतिम दिन जिले में नक्सलियों ने कुरुमगढ़ थाना के नवनिर्मित भवन को बम से उड़ा दिया है.

नक्सलियों ने थाना भवन को विस्फोट से उड़ाने के बाद घटना स्थल के पास एक पर्चा भी छोड़ा है. जिसमें पोलितब्यूरो सदस्य किशन दा और नारी मुक्ति संघ की नेत्री शीला दी सहित अन्य कामरेडों की गिरफ्तारी का विरोध किया गया है और प्रतिशोध में इस तरह की कार्रवाई की बात कही है.

नक्सलियों का तीन दिनों का बंद

नक्सलियों ने प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में झारखंड समेत बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में 23 से 25 नवंबर तक बंद का एलान किया था. बंद के अंतिम दिन नक्सलियों ने इस तरह की घटना को अंजाम देकर प्रशांत बोस को छोड़ने के लिए पुलिस को चेतावनी दी है.

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सरायकेला से हुई थी गिरफ्तारी

नक्सलियों के सेकेंड इन कमांड प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को 12 नवंबर को सरायकेला से गिरफ्तार किया गया था. 70 से ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल प्रशांत माओवादियों के सबसे बुजुर्ग नेता हैं. प्रशांत बोस माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव भी हैं. वहीं प्रशांत बोस की पत्नी शीला मरांडी भी माओवादियों की शीर्ष सेंट्रल कमेटी की सदस्य है. वह माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन नारी मुक्ति संघ की प्रमुख भी है. दोनों की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न जांच एजेंसियां उनसे 150 बार से अधिक पूछताछ कर चुकी है. गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा को देखते हुए प्रशांत बोस को सरायकेला से रांची के होटवार जेल में शिफ्ट किया गया है.

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