वाराणसी : गंगा आरती के समय में बड़ा बदलाव किया गया है. 28 अक्टूबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण से पहले होने वाले सूतक काल की वजह से वाराणसी के मंदिरों से लेकर गंगा आरती पर बड़ा असर पड़ने जा रहा है. यदि आप भी वाराणसी में 28 अक्टूबर को दर्शन पूजन और गंगा आरती देखने का प्लान बना रहे हैं, तो ध्यान रखिए. गंगा आरती से लेकर विश्वनाथ मंदिर के दर्शन तक के समय बदलाव किया गया है.
ग्रहण काल के दौरान बंद रहेगा कपाट : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 28/29 अक्टूबर को लगने वाला खंड चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा. काशी में ग्रहण का स्पर्श रात्रि 1:05 मध्य रात्रि 1:44 पर एवं मोक्ष 2: 23 पर होगा. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के परंपरा अनुसार ग्रहण काल के 2 घंटे पूर्व मंदिर के कपाट बंद रखने की परंपरा रही है. लिहाजा 28 अक्टूबर 2023 में होने वाले समस्त आरती अपने समय पर संपादित होंगी. रात्रि श्रृंगार आरती में फल का भोग लगेगा. शयन आरती के बाद मंदिर गर्भगृह सहित सम्पूर्ण विग्रहों की सम्यक सफाई के बाद बाबा विश्वनाथ के उपर एक विल्वपत्र चढ़ाकर मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाएगा. 29 अक्टूबर 2023 प्रातः काल में 2:30 से 3:00 बजे तक मोक्ष पूजा होगी. उसके बाद 3:00 बजे से 4:00 बजे मंगल आरती होगी मंगला आरती के पश्चात 4:15 बजे संपूर्ण आम भक्तों के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया जाएगा.
32 साल में चौथी बार बदलेगा गंगा आरती का समय : काशी की विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती की परंपरा 32 वर्षों में चौथी बार बदली जाएगी. प्रतिदिन शाम में होने वाली गंगा आरती 28 अक्टूबर को दिन में होगी. चंद्र ग्रहण के कारण वाराणसी में होने वाली विश्व विख्यात मां गंगा की आरती का समय बदला है. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती शनिवार 28 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण के कारण दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगी 3 बजकर 30 मिनट पर संपन्न होगी. चंद्रग्रहण की वजह से चौथी बार गंगा आरती के समय में परिवर्तन किया गया है. पूर्व में 16 जुलाई 2019 में चंद्रग्रहण के कारण दोपहर में मां गंगा की आरती हुई थी.
दोपहर 2.30 बजे होगी आरती : गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से आरती प्रारम्भ होगी, जो 3 बजकर 30 मिनट से पहले ही संपन्न करा दी जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा है. जिसे देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा की आरती का भी समय गंगा सेवा निधि द्वारा परिवर्तित करते हुए दोपहर में कराया जाएगा.
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गंगा के जलस्तर में हो रही तेजी से बढ़ोतरी के बाद वाराणसी में बदला गंगा आरती का स्थान