अहमदाबाद : गुजरात एटीएस ने किशन भरवाड़ हत्याकांड (Kishan Bharwad Murder Case) में बड़ा खुलासा किया है. एटीएस के मुताबिक, मौलाना अय्यूब पर 2002 में गांधीनगर में हमला किया गया था. संदेह है कि उसने जवाबी कार्रवाई में ऐसा किया था. खास बात यह है कि मौलाना अय्यूब ने एक किताब भी लिखी है, जो संदेह के घेरे में है. किताब का विमोचन दिसंबर में किया गया था. रिलीज के वक्त मौलाना कमर गनी उस्मानी और शब्बीर चोपड़ा भी मौजूद थे. गुजरात एटीएस इस बात की पड़ताल कर रही है कि किताब में क्या लिखा है, कहीं कोई विवादित पाठ तो नहीं है.
एटीएस की टीम मंगलवार को मौलाना अय्यूब को उसके घर की तलाशी के लिए जमालपुर ले गई. किशन हत्याकांड के आरोपी मौलाना अय्यूब के घर के पास स्थित मदरसा से एक पिस्तौल और एक धार्मिक किताब बरामद हुई है.
गुजरात के धंधुका में बीते दिनों एक विवादित पोस्ट को लेकर किशन भरवाड़ की हत्या कर दी गई थी. गुजरात एटीएस किशन हत्याकांड की जांच कर रही है. इस मामले में अब तक दो मौलवियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं. फिलहाल एटीएस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना की योजना कहां बनाई गई थी और कितने लोग शामिल थे. हथियार के स्रोत की भी जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि 25 जनवरी को शब्बीर चोपड़ा और इम्तियाज पठान ने किशन भारवाड़ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. 20 दिन पहले किशन भारवाड़ ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला पोस्ट किया था. इसको लेकर किशन के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई थी. दोनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि शब्बीर कट्टरपंथी विचारधारा का है. एक साल पहले वह दिल्ली के मौलाना कमर गनी उस्मानी के संपर्क में आया था जो इंस्टाग्राम के जरिए एक इस्लामिक संगठन से जुड़ा था. शब्बीर मौलाना से मिलने मुंबई भी गया था. उन्होंने तब कहा था कि वह इस्लाम के खिलाफ किसी भी टिप्पणी का विरोध करेंगे.
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शब्बीर दिल्ली के मौलाना के जरिए जमालपुर के मौलाना मोहम्मद अय्यूब जावरावाला के संपर्क में आया था. चार महीने पहले जब दिल्ली के मौलाना शाह आलम आए तो मौलाना अय्यूब और शब्बीर भी मौजूद थे. खुलासा हुआ है कि मौलाना अय्यूब इस्लाम विरोधी बयान देने वालों के खिलाफ काम कर रहे हैं. शब्बीर की भी कट्टरपंथी मानसिकता है. इसलिए घटना से पांच दिन पहले शब्बीर जमालपुर के मौलाना अय्यूब से मिलने गया और किशन को मारने की बात कही. इस दौरान शब्बीर को मौलाना ने पिस्टल और पांच कारतूस दिए. इसके बाद शब्बीर और इम्तियाज ने लगातार चार दिन किशन की रेकी की और फिर उसे मार डाला.